नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंग ने शनिवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में खेल हस्तियों को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया। इस साल पद्म पुरस्कार के लिए 112 व्यक्तियों को चुना गया था, जिसकी घोषणा गणतंत्र दिवस पर हुई थी। इससे पहले राष्ट्रपति ने 11 मार्च को एक पद्म विभूषण, आठ पद्म और 46 पद्मश्री पुरस्कार दिए थे।
राष्ट्रपति ने 11 मार्च को नौ खिलाड़ियों को सम्मानित किया था। तब वर्ष 1984 में माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली पहली भारतीय महिला बछेंद्री पाल को पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। राष्ट्रपति ने शनिवार को पूर्व भारतीय ओपनर गौतम गंभीर सहित भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री और अभिनेता मनोज वाजपेयी को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया।
बता दें कि छेत्री ने हाल ही में अर्जेंटीना के स्टार लियोनेल मेसी को सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय गोल करने के मामले में पीछे छोड़ा था। छेत्री ने तीन नेहरू कप, एएफसी चैलेंज कप और दो सैफ चैंपियनशिप अब तक जीते हैं।
पुरस्कार पाने वालों में लोक गायिका तीजन बाई, लार्सन एंड टूब्रो के चेयरमैन अनिल कुमार नाईक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता दर्शन लाल जैन, एमडीएच के संस्थापक सीईओ महाशय धरम पाल गुलाटी, प्रसिद्ध तबला वादक स्वपन चौधरी, आरएसएस के मुखपत्र ‘पांचजन्य’ के पूर्व संपादक देवेंद्र स्वरूप और लद्दाख के सर्जन सेरिंग नोरबू शामिल हैं।
फोटोग्राफर अनूप शाह, चाय विक्रेता देवरपल्ली प्रकाश राव, सामाजिक कार्यकर्ता द्रौपदी घिमिरे, डोगरी कवि नरसिंह देव जम्वाल, लोक लेखक जोरावरसिंह दानुभाई जाधव और जैविक खेती करने वाले कंवल सिंह चौहान भी पद्म पुरस्कार से सम्मानित किए गए। इस वर्ष पुरस्कारों के लिए लगभग 50,000 नामांकन जमा किए गए थे।
जब प्रोटोकॉल तोड़ वृक्ष माता ने राष्ट्रपति कोविंद को दिया आशीर्वाद
पद्म पुरस्कारों के वितरण समारोह में राष्ट्रपति भवन का कड़ा प्रोटोकॉल भी कर्नाटक में हजारों पौधे लगाने के लिए पद्म श्री से सम्मानित 107 साल की सालूमरदा थीमक्का को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को आशीर्वाद देने से नहीं रोक सका।
पुरस्कार लेने पहुंची थीमक्का ने आशीर्वाद स्वरूप राष्ट्रपति के माथे को हाथ लगाया। 8000 से ज्यादा पेड़ लगाएं हैं और यही वजह है कि उन्हें ‘वृक्ष माता’ की उपाधि मिली है। उन्हें राष्ट्रपति भवन में शनिवार को अन्य विजेताओं के साथ पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
कड़े प्रोटोकॉल के तहत आयोजित होने वाले समारोह में हल्के हरे रंग की साड़ी पहने थीमक्का ने अपने मुस्कुराते चेहरे के साथ माथे पर त्रिपुंड लगा रखा था। थीमक्का के इस सहज कदम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य मेहमानों के चेहरे पर मुस्कान आ गई और समारोह कक्ष उत्साहपूर्वक तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। थीमक्का की कहानी धैर्य और दृढ़ संकल्प की कहानी है।