अमेरिका, ब्रिटेन व फ्रांस ने यूएन सुरक्षा परिषद में लाया मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव, चीन पर सबकी नजर

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नई दिल्ली। मीडिया की खबरों के अनुसार सुरक्षा परिषद के तीन स्‍थाई सदस्‍यों- अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए बुधवार को सुरक्षा परिषद में एक अहम प्रस्‍ताव लाया है। माना का रहा है कि अगर सुरक्षा परिषद से यह प्रस्‍ताव पारित हो जाता है तो मसूद दुनिया के देशों के लिए ब्लेक लिस्टेड हो जाएगा। इस प्रस्ताव के पारित होने से उस आतंकी की वैश्विक यात्रा पर प्रतिबंध लग जाएगा। साथ ही पाकिस्तान सहित दुनिया के सभी देशों में उसकी संपत्ति भी जब्त की जा सकेगी। यह निर्भर करेगा चीन पर की उसकी ओर से इस प्रस्ताव का समर्थन किया जाएग या नहीं। जानकारी के अनुसार सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति अगले 10 वर्किंग डे की समय सीमा में इस पर विचार करेगी।

उल्लेखनीय है कि भारत जैश-ए-मोहम्‍मद के सरगना मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पारित कराने की कोशिश में लंबे अर्से से जुटा हुआ है। लेकिन इस अहम मामले पर अक्‍सर चीन अड़ंगा डालता रहा है। अब पिछले दिनों हुए पुलवामा आतंकी हमले के बाद एक बार फिर उसे सुरक्षा परिषद में प्रतिबंधित किए जाने का मुद्दा प्रस्ताव के रूप में आया है। कहा जा रहा है कि इस प्रस्ताव के आने से भारत को इस दिशा में बड़ी कूटनीतिक कामयाबी मिली है। इस बार सुरक्षा परिषद के तीन स्‍थाई सदस्‍यों ने मूसद अजहर को बैन करने के लिए नया प्रस्‍ताव लाया।

गौरतलब है कि मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए पिछले 10 वर्षों में यह चौथा प्रयास है। इसके लिए सबसे पहले भारत ने 2009 में प्रस्‍ताव लाया था। इसके बाद 2016 में भी भारत ने P-3 देशों (अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस) के साथ मिलकर मसूद अजहर को प्रतिबंधित करने के लिए प्रस्‍ताव लाया था। 2017 में भी पी-3 देशों ने इस आशय का प्रस्‍ताव पेश किया था, लेकिन हर बार पाकिस्‍तान के परंपरागत मित्र चीन ने इस पर वीटो कर दिया, जो सुरक्षा परिषद का स्‍थाई सदस्‍य है।

भारत सहित दुनिया के देशों की नजर इस बात पर लगी है कि इस बार चीन का क्‍या रुख होता है। पी-3 देशों ने यह प्रस्‍ताव ऐसे समय में लाया है, जबकि 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ वाहनों के काफिले पर हुए आतंकी हमले की जिम्‍मेदारी जैश-ए-मोहम्‍मद ने ली है, जिसमें 40 जवानों की जान चली गई। भारत ने इसके बाद 26 फरवरी को पाकिस्‍तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्‍मद के टेटर कैंप पर एयर स्‍ट्राइक भी किया और दुनिया के देशों को बताया कि आखिर यह क्‍यों जरूरी हो गया था।

भारत ने स्‍पष्‍ट किया है कि यह स्‍ट्राइक आतंकी कैंप को निशाना बनाकर किया गया और इसमें सैन्‍य प्रतिष्‍ठानों को निशाना नहीं बनाया गया। साथ ही इसका भी ख्‍याल रखा गया कि इस कार्रवाई में नागरिक हताहत न हों। भारत ने साफ किया कि यह कार्रवाई इसलिए की गई, ताकि आतंकियों को देश में और अधिक हमले से रोका जा सके।

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