देश के संसाधनों पर सभी का बराबर का हक : राष्ट्रपति

Font Size

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोबिन्द ने देश के गणतन्त्र दिवस की 70 वी वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर अपने सबोधन में कहा कि इसी वर्ष 2 अक्टूबर को, हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाएंगे। गांधीजी ने,हम सबको एक नई दिशा दिखाई। उन्होंने भारत ही नहीं अपितु एशिया, अफ्रीका तथा दुनिया के कई अन्य देशों में साम्राज्यवाद को खत्म करने के लिए, लोगों में आत्म-विश्वास एवं प्रेरणा का संचार किया औरउन्हेंआजादी की राह दिखाई। बापू,आज भी,हमारे गणतंत्र के लिए नैतिकता के प्रकाश-पुंजहैं। आज भी उनका जीवन एवं उनकी शिक्षाएं हमारी नीतियों और कार्य-कलापों की कसौटी हैं। महात्मा गांधी की150वीं जयंती, केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए,उनके आदर्शों को गहराई से समझने, अपनाने और अमल में लाने का अवसर है।

राष्ट्रपति ने कहा कि गांधी जयंती के कुछ समय बाद,26 नवंबर को,हमसब अपने‘संविधानदिवस’ की 70वीं वर्षगांठ मनाएंगे। 26 नवंबर 1949 के ऐतिहासिक दिन, अपनी संविधान सभा के माध्यम से, हम भारत के लोगों ने, अपने संविधान को अपनाया तथा स्वयं को समर्पित किया। उसके ठीक दो महीने बाद 26 जनवरी 1950 को हमने अपना संविधान लागू किया, और भारत एक गणराज्य के रूप में स्थापित हुआ। हमारा संविधान,हमारे गणराज्य की आधारशिला है।यह एक दूरदर्शी और जीवन्त दस्तावेजहै। उच्च आदर्शों और देश-प्रेम से ओत-प्रोत,संविधान-सभा के विद्वान सदस्यों ने इसकी रचना की। गणतन्त्र दिवस के अवसर पर,संविधानकी रचना के प्रमुख शिल्पी,बाबासाहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर का योगदान विशेष रूप से स्मरणीय है।
70वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर, आप सभी को, मेरी हार्दिक शुभकामनाएं! यह दिवस, लोकतंत्र पर आधारित हमारे गणराज्य के उच्च आदर्शों को याद करने का अवसर है।

राष्ट्रपति के भाषण का प्रमुख अंश :

  • गणतंत्र दिवस, देश के सभी नागरिकों के लिए स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे के आदर्शों के प्रति अपनी आस्था को दोहराने का अवसर है। और इन सबसे बढ़कर, हमारा गणतन्त्र दिवस, हम सबके भारतीय होने के गौरव को महसूस करने का भी अवसर है।
  • महात्मा गांधी की 150वीं जयंती, केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए, उनके आदर्शों को गहराई से समझने, अपनाने और अमल में लाने का अवसर है।
  • 26 नवंबर को, हम सब अपने ‘संविधान दिवस’ की 70वीं वर्षगांठ मनाएंगे। हमारा संविधान, हमारे गणराज्य की आधारशिला है। यह एक दूरदर्शी और जीवन्त दस्तावेज है।
  • हमारा देश, इस समय एक महत्वपूर्ण मुकाम पर है। हमारे आज के निर्णय और कार्यकलाप, 21वीं सदी के भारत का स्वरूप निर्धारित करेंगे।
  • हम सभी भारतवासियों को इस वर्ष एक और महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी निभाने का अवसर मिलने जा रहा है। 17वीं लोकसभा के निर्वाचन के लिए होने वाले आमचुनाव में, हम सबको अपने मताधिकार का प्रयोग करना है।
  • इस चुनाव के दौरान हम सब अपने मताधिकार का प्रयोग, अपनी लोकतान्त्रिक मान्यताओं और मूल्यों के प्रति पूरी निष्ठा के साथ करेंगे। यह चुनाव, इस मायने में विशेष होगा कि 21वीं सदी में जन्म लेने वाले मतदाता पहली बार मतदान करेंगे और नई लोकसभा के गठन में अपना योगदान देंगे।
  • यह चुनाव, सभी देशवासियों के लिए लोकतन्त्र में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। हमारे लोकतन्त्र की सफलता के लिए, मतदान करना हमारा एक पुनीत कर्तव्य बन जाता है। मेरा आप सभी से अनुरोध है कि इस कर्तव्य का अवश्य पालन करें।
  • हम सबको यह याद रखना है कि यह समय हमारे देशवासियों की आकांक्षाओं को पूरा करने और विकसित भारत के निर्माण की यात्रा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।
  • देश के कोनेकोने में मोबाइल फोन तथा इन्टरनेट की सुविधा होने से, डिजिटल कनेक्टिविटी में क्रांतिकारी बदलाव आया है। बन्दरगाहों, अंतर्देशीय जलमार्गों, बेहतर रेल सेवाओं, आधुनिक मेट्रो सुविधाओं, राष्ट्रीय राजमार्गों, गाँव की सड़कों और देश के अंदरूनी इलाकों में किफ़ायती हवाई यात्रा की सुविधाओं से कनेक्टिविटी बेहतर हो रही है।
  • आज यह देखकर प्रसन्नता होती है कि नवीनतम टेक्नॉलॉजी को तेजी से अपनाते हुए हमारे किसान अधिक समर्थ और हमारे जवान अधिक सशक्त हो रहे हैं। आज दुनिया की निगाहें, हमारे युवा उद्यमियों और हमारी अर्थव्यवस्था पर टिकी हुई हैं।
  • आज देश में खाद्यान्न का प्रचुर मात्रा में उत्पादन हो रहा है। रसोई गैस आसानी से मिल रही है। फोन कनेक्शन लेना हो या पासपोर्ट बनवाना हो; बैंक में खाता खुलवाना हो या दस्तावेजों को प्रमाणित करना हो; इन सभी क्षेत्रों में सुधार और बदलाव दिखाई दे रहे हैं।
  • हमारी बेटियाँ, शिक्षा, कला, चिकित्सा और खेलकूद जैसे क्षेत्रों के अलावा, हमारी तीनों सेनाओं और रक्षा विज्ञान जैसे क्षेत्रों में भी अपनी विशेष पहचान बना रही हैं। उच्च शिक्षण संस्थानों में, पदक पाने वाले विद्यार्थियों में, प्रायः बेटियों की संख्या बेटों से अधिक होती है।
  • देश के संसाधनों पर हम सभी का बराबर का हक है, चाहे हम किसी भी समूह के हों, किसी भी समुदाय के हों, या किसी भी क्षेत्र के हों। भारत की बहुलता, हमारी सबसे बड़ी ताकत है। हमारी डाइवर्सिटी, डेमोक्रेसी और डेवलपमेंट, पूरी दुनिया के सामने एक मिसाल है।
  • इसी माह, संविधानसंशोधन के द्वारा गरीब परिवारों के प्रतिभाशाली बच्चों को शिक्षा एवं रोजगार के विशेष अवसर उपलब्ध कराए गए हैं। सामाजिक न्याय और आर्थिक नैतिकता के मानदंडों पर ज़ोर देकर, समावेशी विकास के कार्य को और भी व्यापक आधार दिया गया है।
  • हमारे महान गणतंत्र ने एक लंबी यात्रा तय की है। लेकिन अभी हमें बहुत आगे जाना है। खासकर, हमारे जो भाईबहन विकास की दौड़ में पीछे रह गए हैं, उन सबको साथ लेकर, हमें आगे बढ़ना है। 21वीं सदी के लिए, हमें अपने लक्ष्यों और उपलब्धियों के नए मानदंड निर्धारित करने हैं।
  • सभी वर्गों और सभी समुदायों को समुचित स्थान देने वाले राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ते हुए, हमें एक ऐसे समाज का निर्माण करना है जिसमें हर बेटीबेटे की विशेषता, क्षमता और प्रतिभा की पहचान हो, और उसके विकास के लिए हर तरह की सुविधाएं और प्रोत्साहन उपलब्ध हों।
  • हमारी संस्कृति, परम्परा और जीवन-आदर्शों में लोक-सेवा का बहुत अधिक महत्व है। हम सबके हृदय में, उन व्यक्तियों और संस्थाओं के प्रति सदैव सम्मान का भाव रहा है, जो अपने सामान्य कर्तव्यों की सीमाओं से ऊपर उठकर लोक-सेवा के लिए समर्पित रहते हैं।
  • हमारी यही सोच, संयुक्त राष्ट्र के शांतिमिशनों में, जलवायु परिवर्तन के मामले में, मानवीय सहयोग प्रदान करने में, या फिर प्राकृतिक आपदाओं के समय राहत पहुंचाने में भी दिखाई देती है।
  • आज विश्वपटल पर भारत के योगदान की सराहना होती है और पूरे विश्व में, हमारे देश को विशेष सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है।
  • लोकतांत्रिक लक्ष्यों को लोकतांत्रिक माध्यमों से, समावेशी लक्ष्यों को समावेशी साधनों से, करुणा और संवेदना से जुड़े लक्ष्यों को करुणा और संवेदना के जरिए तथा संवैधानिक लक्ष्यों को संविधान सम्मत साधनों से प्राप्त करना ही, हमारे गणतन्त्र की मूल आस्था है।
  • हम सब अपने गणतन्त्र की यात्रा में, तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। मुझे विश्वास है कि संवैधानिक आदर्शों के वाहक के रूप में आगे बढ़ते हुए, हम भारत के लोग, अपने गणतन्त्र के लक्ष्यों को प्राप्त करने में निश्चित रूप से सफल होंगे।
  • मैं एक बार फिर, देश और विदेश में बसे, आप सभी भारतवासियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई देता हूं और आप सबके सुखद भविष्य की मंगल-कामना करता हूँ। जय हिन्द!

You cannot copy content of this page