नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत ने मंगलवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो में चल रहे विवाद पर अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने को गलत करार दिया और उन्हें दोबारा पद पर बहाल कर दिया। सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला केंद्र सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। हालांकि, अभी भी आलोक वर्मा पर लटकी हुई जांच की तलवार बरकरार है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने का फैसला बिल्कुल गलत। सरकार के पास सीबीआई चीफ को छुट्टी पर भेजे जाने का कोई अधिकार नहीं। दो व्यक्तियों के बीच की लड़ाई के बीच पद की गरिमा रखना काफी जरूरी है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के साथ ही सीबीआई में अब सभी पद पहले की तरह ही हो जाएंगे। यानी आलोक वर्मा सीबीआई चीफ, राकेश अस्थाना सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर, एम। नागेश्वर राव स्पेशल डायरेक्टर के पद पर तैनात होंगे। आलोक वर्मा पर जो आरोप लगाए गए हैं और उनपर जो भी जांच चल रही है, वह सभी जारी रहेंगे। अगले सात दिनों में हाई लेवल कमेटी इस पर अपना निर्णय सुनाएगी। अगर उनके खिलाफ किसी एक्शन की जरूरत होती है तो वह यही कमेटी तय करेगी।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के साथ ही आलोक वर्मा दोबारा सीबीआई के चीफ के पद पर तैनात हो जाएंगे, हालांकि वह अपने बचे हुए कार्यकाल में कोई नीतिगत निर्णय नहीं ले पाएंगे। सिर्फ एक हाई लेवल कमेटी ही इस प्रकार का फैसला ले सकती है। इस कमेटी में प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस शामिल हैं।