मुजफ्फरपुर। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में लड़कियों के यौन उत्पीडऩ मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की घोषणा की है। हालाँकि नीतीश कुमार ने कहा है कि मुजफ्फरपुर मामले में पुलिस ठीक से जांच कर रही है लेकिन इस मामले में भ्रम पैदा किया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि भ्रम को दूर करने के लिए जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया गया है।
बिहार में विपक्ष इस मामले में सरकार पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगता रहा है. राजद के नेताओं की ओर से इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की जा रही थी. इस घटना पर विधानमंडल के दोनों सदनों में हंगामा हुआ और कार्यवाही भी बाधित हुई.
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों बिहार के मुजफ्फरपुर, छपरा, हाजीपुर के शेल्टर होम में 21 बच्चियों के साथ रेप की घटना सामने आई। यह पूरा मामला तब प्रकाश में आया, जब टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टीआईएसएस) की ऑडिट रिपोर्ट सामने आई। यह रिपोर्ट 31 मई को बिहार सरकार को सौंपी गई। इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि कैसे इन बालिका गृह में छोटी-छोटी बच्चियों का शोषण किया जाता रहा है। इस खुलासे के बाद प्रशासन में हडक़म्प मच गया। मामले के उजागर होने के बाद पुलिस जांच में पता चला कि 2013 से 2018 के इस अल्पावास गृह से छह लड़कियां गायब हुईं थी . इस सम्बन्ध में पुलिस के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है।
इस घटना का खुलासा होने बाद मुजफ्फरपुर महिला थाने में इस प्राथमिकी दर्ज कराई गई। लड़कियों की चिकित्सकीय जांच में भी यहां की 41 लड़कियों में से 29 लड़कियों के साथ दुष्कर्म होने की पुष्टि हुई थी।
बताया जाता है कि इस मामले में अब तक मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।