दोषियों की समीक्षा याचिका खारिज
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने देश के बहुचर्चित निर्भया गैंगरेप केस के दोषियों की फांसी की सजा बरकरार रखी है। देश की सर्वोच्च अदालत ने तीन दोषियों की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के बाद सोमवार को खारिज कर दिया। तीन जजों की बेंच ने इस पर सुनवाई करते हुए बेहद अहम फैसला सुनाया।
उल्लेखनीय है कि आरोपियों ने याचिका दायर कर फांसी की सजा पर रोक लगाने की मांग की थी। पवन गुप्ता (22), मुकेश (29) और विनय शर्मा (23) ने याचिका दायर कर कोर्ट से फांसी की सजा पर रोक लगाने की मांग की थी, जबकि चौथे दोषी ने समीक्षा याचिका दायर नहीं की।
सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला सुनाते हुए कहा कि इस मामले में समीक्षा करने का कोई आधार नहीं है। कोर्ट ने साफ कर दिया कि जिन अपराधियों को मौत की सजा सुनाई गई, वे शीर्ष अदालत के निर्णय में कोई भी खामी बताने मे असफल रहे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अपील के दौरान दोषियों को विस्तार से सुना गया था और इस फैसले पर याचिका कर्ता के वकील पुनर्विचार के लिये कोई ठोस आधार नहीं रख सके।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा याचिका खारिज होने पर दोषी विनय और पवन के वकील एपी सिंह ने कहा कि वे क्यूरेटिव पिटीशन दायर करेंगे। उन्होंने कहा कि हर किसी को न्याय मिलना चाहिए। उनका कहना है कि इनके साथ अन्याय हुआ है। उन्होंने तर्क दिया कि यह निर्णय राजनीतिज्ञ, जनता और मीडिया के दबाव के कारण आया है।