सीएम मनोहर लाल ने रेवाड़ी के कार्यकारी अभियंता और रोहतक नोडल अधिकारी को किया ससपेंड , हरपथ पर टूटी सड़को की शिकायतों का नहीं लिया था संज्ञान

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चण्डीगढ़, 5 जुलाई- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरपथ पर प्राप्त टूटी सडक़ों या सडक़ों पर गड्ढ़ों की शिकायतों को गम्भीरता से न लेने पर कड़ा संज्ञान लेते हुए लोक निर्माण विभाग (भवन व सडक़ें) रेवाड़ी के कार्यकारी अभियन्ता वी.एस.मलिक और नगरनिगम, रोहतक में हरपथ के नोडल अधिकारी एवं पालिका अभियन्ता राम प्रकाश को तुरंत प्रभाव से निलम्बित करने के निर्देश दिए हैं।
यह जानकारी मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव, डॉ० राकेश गुप्ता ने आज हरपथ एप की समीक्षा के दौरान दी।
डॉ० गुप्ता ने बताया कि लोक निर्माण विभाग (भवन व सडक़ें) रेवाड़ी के कार्यकारी अभियन्ता वी.एस. मलिक के खिलाफ कई शिकायतें थीं। उनको सात दिन का समय दिया गया था लेकिन इस दौरान उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। इसी प्रकार, नगरनिगम, रोहतक में हरपथ के नोडल अधिकारी एवं पालिका अभियन्ता राम प्रकाश के खिलाफ भी काफी शिकायतें थी, जिनका वे संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।
मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव, डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि हरपथ पर प्राप्त शिकायतों को गम्भीरता से न लेने पर नगरनिगम, फरीदाबाद के मुख्य अभियन्ता डी.आर.भास्कर, नारनौल के पालिका अभियन्ता दर्शन कुमार, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड, गुरुग्राम के कार्यकारी अभियन्ता सुरेश लाठर तथा रेवाड़ी, महेन्द्रगढ़, जींद और मेवात जिलों में हरपथ का कार्य देखने वाले मुख्य अभियंताओं को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि हरपथ एप पर मिलने वाली शिकायतों के निपटान में किसी भी प्रकार की लापरवाही को हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जो भी अभियंता इसको ढिलाई बरत रहे हैं, उन पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। सम्बन्धित अधिकारियों को टाल-मटोल का रवैया छोडक़र इन शिकायतों का समाधान निर्धारित समय सीमा के भीतर करना होगा।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश की सडक़ों को गड्ढ़ा-मुक्त बनाने के लिए हरपथ एप के माध्यम से एक अनूठी पहल की है। इस एप के माध्यम से प्राप्त होने वाली शिकायत को दूर करने के लिए सरकार द्वारा 10 दिन का समय निर्धारित किया गया है। पहले इस एप के माध्यम से टूटी सडक़ की शिकायत दूर करने के लिए 15 दिन का समय निर्धारित किया गया था। उन्होंने बताया कि हरपथ पर अब तक 18 लाख शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें से ज्यादातर का समाधान सफलतापूर्वक किया गया है। उन्होंने बताया कि एचएसआईआईडीसी और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग के अंतर्गत आने वाली सडक़ों को भी शीघ्र ही हरपथ के अंतर्गत शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, लोक निर्माण विभाग के अनुबंधों की भी अगले साल तक हरपथ के माध्यम से निगरानी की जाएगी।
उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति गूगल प्ले स्टोर से अपने मोबाइल पर हरपथ एप डाउनलोड कर सकता है। यह एप एंड्रॉयड तथा आईफोन, दोनों पर डाउनलोड की जा सकती है। इस मोबाइल एप की खास बात यह है कि इसमें प्रदेश की सभी सडक़ों की जियो टैंगिंग की गई है। इस मोबाइल एप को डाउनलोड करने के बाद आप स्वयं को इस पर रजिस्टर करें। इसके उपरंात आप जब भी सडक़ के गड्ढ़े की फोटो खींचकर हरपथ एप में डालें, उस समय आपके मोबाइल पर जीपीएस ऑन रहना चाहिए। इस एप पर आप अपनी शिकायत का स्टेटस भी देख सकते हैं। शिकायत का समाधान होने उपरंात उसके स्टेटस में इसकी सूचना आपको दी जाएगी।

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