केंद्र सरकार ने रमजान की शुरुआत में घोषित एकतरफा संघर्ष विराम की अवधि आगे न बढ़ाने का फैसला किया
आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की आक्रामक कार्रवाइयां फिर से शुरू होंगी
नई दिल्ली : 17 मई, 2018 को भारत सरकार ने फैसला किया था कि रमजान के पवित्र महीने में सुरक्षा बलों द्वारा जम्मू-कश्मीर में आक्रामक कार्रवाइयां नहीं की जाएंगी। यह फैसला जम्मू-कश्मीर की शांतिप्रिय जनता के हित में किया गया था, ताकि वे रमजान एक अनुकूल माहौल में मना सकें।
केंद्र सरकार सुरक्षा बलों की भूमिका की प्रशंसा करती है जिन्होंने आतंकवादियों की हिंसक कार्रवाइयां जारी रहने के बावजूद इस निर्णय को पूरी तत्परता से लागू किया, ताकि मुसलमान भाई-बहन रमज़ान शांतिपूर्ण ढंग से मना सकें। उनके इस आचरण की भूरि-भूरि सराहना जम्मू-कश्मीर सहित पूरे देश के लोगों ने की है और इससे आम नागरिकों को काफी सहूलियत मिली है।
यह आशा की गई थी कि भारत सरकार की इस सकारात्मक पहल को सफल बनाने में सभी पक्ष अपना सहयोग देंगे। लेकिन जहां एक ओर सुरक्षा बलों ने अभूतपूर्व संयम का परिचय दिया, वहीं दूसरी ओर आतंकवादियों ने अपने हमले जारी रखे जिससे आम नागरिकों एवं सुरक्षा बलों के लोगों की जानें गईं और कई लोग घायल भी हुए।
सुरक्षा बलों को आदेश दिया जा रहा है कि वे पूर्ववत ऐसी सभी आवश्यक कार्रवाइयां करें जिससे कि आतंकवादियों को हमले करने तथा हिंसक वारदातों को अंजाम देने से रोका जा सके और लोगों की जान-माल की रक्षा की जा सके। भारत सरकार के प्रयास जारी रहेंगे कि जम्मू-कश्मीर में आतंक और हिंसा से मुक्त वातावरण बन सके। इसके लिए जरूरी है कि सभी शांतिप्रिय लोग एकजुट होकर आतंकवादियों को अलग-थलग कर दें और जिन लोगों को गुमराह कर गलत रास्ते पर ले जाया गया है, उन्हें शांति के मार्ग पर वापस लाने के लिए प्रेरित करें।