दिल्ली सराय काले खां से गुरुग्राम होते हुए बेहरोड़ तक हाई स्पीड रेल नेटवर्क बनेगा

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हरियाणा सरकार ने रिजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) परियोजना को मंजूरी दी 

राष्ट्रीय राजमार्ग से धारूहेड़ा, रेवाड़ी और बावल भी जुड़ेंगे 

इसमें चलने वाली रेल की औसत गति लगभग 100 किमी प्रति घंटे होगी

दक्षिणी हरियाणा से दिल्ली तक के दैनिक यात्रियों को होगी सुविधा 

31 मार्च, 2019  तक काम आरम्भ होने की संभावना

 

चंडीगढ़/गुरुग्राम , 15 जून :  हरियाणा सरकार ने दिल्ली में सराय काले खान (एसकेके) से हरियाणा-राजस्थान सीमा निकट शाहजहांपुर-नीमराना-बेहरोड़ (एसएनबी) तक हाई स्पीड रेल नेटवर्क बिछाने की रिजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) परियोजना को अपनी स्वीकृति प्रदान की है। 

मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई बैठक में यह और अन्य अनेक निर्णय लिए गए। बैठक में केंद्रीय आयोजना राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह भी उपस्थित थे।मुख्यमंत्री ने कहा कि ये मास ट्रांसपोर्टेशन परियोजनाएं गुरुग्राम, विशेष रूप से दक्षिण हरियाणा में विकास और निवेश को एक नई गति प्रदान करेंगी।  

बैठक में बताया गया कि आरआरटीएस परियोजना के लिए अलाइनमेंट गुरुग्राम में पुरानी दिल्ली रोड से सिग्नेचर टॉवर चौक को जाने वाला लेफ्टिनेंट अतुल कटारिया चौक तक और तदोपरांत एनएच-48 के साथ राजीव चौक तक एलिवेटिड सैक्शन के साथ चलेगा। इसके उपरांत यह अलाइनमेंट खेडक़ी धौला से आगे भूमिगत हो जाएगा और इसके बाद आईएमटी मानेसर तक भूमि पर आ जाएगा। यह अलाइनमेंट राजस्थान में प्रवेश करने से पहले राष्ट्रीय राजमार्ग से धारूहेड़ा, रेवाड़ी और बावल तक साथ-साथ चलेगा। 

 

प्रथम चरण की कुल लागत लगभग 25,000 करोड़ रुपये

  बैठक में यह भी बताया गया कि इस परियोजना का पहला चरण शाहजहांपुर-नीमराना-बेहरोड़ पर समाप्त हो जाएगा। उच्च गति रेल की औसत गति लगभग 100 किमी प्रति घंटे होगी और दक्षिणी हरियाणा से दिल्ली तक के दैनिक यात्रियों को सुविधाजनक यात्रा प्रदान करेगी। प्रथम चरण की कुल लागत लगभग 25,000 करोड़ रुपये होगी। एनसीआर ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (एनसीआरटीसी) द्वारा इस परियोजना का क्रियान्वयन किया जाएगा। यह परियोजना भारत सरकार और उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली एनसीटी की संयुक्त उद्यम है। एनसीआरटीसी तीन महीनों में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करेगा और 31 मार्च, 2019  तक इसका कार्य आरम्भ होने की संभावना है।

द्वारका एक्सप्रेसवे से सेक्टर 21 द्वारका तक एक मेट्रो परियोजना

बैठक में हुडा सिटी सेंटर से गुरुग्राम रेलवे स्टेशन तक कनेक्टिविटी प्रदान करने की परियोजना पर भी विचार-विमर्श किया गया। यह निर्णय लिया गया कि शीतला माता रोड के साथ रेजांगला चौक तक कनेक्टिविटी विस्तार से पुराने गुरुग्राम से कनेक्टिविटी भी सुनिश्चित होगी। इसके अतिरिक्त, द्वारका एक्सप्रेसवे से सेक्टर 21 द्वारका तक एक मेट्रो परियोजना की भी योजना बनाई जाएगी। इसके लिए, हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचएमआरटीसी) द्वारा तकनीकी-व्यवहार्यता का अध्ययन किया जाएगा। दो लाइनों को गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीएमडीए) द्वारा बसई चौक से सैक्टर 101/104 की विभाजक सडक़ के साथ निर्मित की जाने वाली प्रस्तावित नई सडक़ के साथ जोड़ा जाएगा।

हुडा सिटी सेंटर से मानेसर-रेवाड़ी और बावल तक मेट्रो परियोजना पर विचार 

 इससे पूर्व, हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं आधारभूत संरचना विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) द्वारा हुडा सिटी सेंटर से मानेसर-रेवाड़ी और बावल तक प्रस्तावित मेट्रो परियोजना पर एक प्रस्तुति दी गई। भावी परियोजना आरआरटीएस के दृष्टिगत निर्णय लिया गया कि एचएसआईआईडीसी द्वारा हुडा सिटी सेंटर से मानेसर और पंचगांव तक प्रथम चरण के विस्तार के साथ परियोजना चरणों पर विचार किया जाएगा। एनसीआरटीसी के साथ कॉमन अलाइमेंट के समन्वय के उपरांत ही इसके हिस्सों पर विचार किया जाएगा। 
बैठक में बताया गया कि परियोजना को भारत सरकार के समर्थन के साथ जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) को वित्त पोषण के लिए तैयार किया जाएगा।

निवेश में डुप्लीकेशन से बचने के लिए भी बैठक में निर्णय लिया गया कि ये परियोजनाएं एक ही समय पर बनकर तैयार हो रही हैं। 
बैठक में मुख्य सचिव,  डी.एस.ढेसी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव,  राजेश खुल्लर, परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव,  धनपत सिंह, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव,  देवेंद्र सिंह, वित्त विभाग के प्रधान सचिव,  टी.वी.एस.एन. प्रसाद, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव,  आनंद मोहन शरण, नगर एवं ग्राम आयोजना तथा शहरी सम्पदाएं विभाग के प्रधान सचिव,  ए.के.सिंह, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक, जे. गणेशन, गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीएमडीए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, वी.उमाशंकर और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। 

 

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