नई दिल्ली : आई सी आई सी आई (ICICI ) बैंक ऋण मामले में एक नया मोड़ आ गया है। मिडिया में चर्चा जोरों पर है कि बोर्ड के एक सदस्य ने बैंक में चंदा कोचर पर हितों में टकराव के आरोप लगे हैं इसलिए बैंक की प्रतिष्ठा बनाए रखने पर फोकस होना चाहिए न कि आरोपों के बचाव पर । इसलिए चन्दा कोचर की जगह अंतरिम सीईओ की नियुक्ति का प्रस्ताव लाया जा सकता है. जाहिर है इससे अस्थाई तौर पर चंदा कोचर को पद छोड़ना पड़ सकता है।
दूसरी तरफ आई सी आई सी बैंक ने इस खबर का खंडन किया है। खबर में कहा गया है कि बैंक की अधिकतर हिस्सेदार विदेशी संस्थागत निवेशकों के पास है। बैंक ने ऐसी भी रिपोर्ट्स का खंडन किया है जिसमें कहा गया है कि बैंक के बोर्ड के कुछ सदस्य चाहते हैं कि चंदा कोचर अपना पद छोड़ दे। इस बीच वित्त ने भी कहा है कि आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक और सीईओ चंदा कोचर के कार्यकाल को लेकर कोई भी फैसला लेना बैंक क्षेत्र के नियामक रिजर्व बैंक या फिर आईसीआईसीआई बैंक के निदेशक मंडल के अधिकार क्षेत्र में आता है.
वित्त मंत्रालय का मानना है कि निजी क्षेत्र के बैंक अईसीआईसीआई बैंक के मामलों को देखना और उसके बारे में कोई फैसला लेना उसका काम नहीं है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि एक नियामक के तौर पर रिजर्व बैंक (RBI) इस मामले पर गौर कर सकता है। उल्लेखनीय है कि चंदा कोचर का कार्यकाल 31 मार्च 2019 को खत्म हो रहा है।