चाइनीज़ अल्ट्रासाऊंड मशीन की शिकायत न्यायालय में करेंगे

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गुडग़ांव :  जिला में गत् दिनों पकड़ी गई साइनो फार्म चाइनीज़ अल्ट्रासाऊंड मशीन के मामले की शिकायत न्यायालय में की जाएगी। अब तक इस मामलें में एफआईआर दर्ज करके गुडग़ांव पुलिस द्वारा जांच की जा रही थी। इस मामले में मानेसर के एक गोदाम में 19 चाइनीज़ अल्ट्रासाऊंड मशीन गैर कानूनी ढंग से नियमों का उल्लंघन करते हुए बिक्री करते पकड़ा गया था।
यह मामला आज प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम(पीसी पीएनडीटी एक्ट) को जिला में प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए गठित जिला परामर्श समिति की बैठक में पुन: रखा गया था जिसमें बताया गया कि जब जिला प्रशासन की टीम ने मानेसर में गुप्त सूचना के आधार पर छापा मारकर 19 चाइनीज़ अल्ट्रासाऊंड मशीन पकड़ी थी, उसी समय पुलिस में एफआईआर दर्ज करवा दी गई थी कि विक्रेता द्वारा कानून का उल्लंघन करते हुए मशीनों की बिक्री की जा रही है।
बताया गया कि पुलिस द्वारा उक्त मामले की जांच की गई, लेकिन मामला न्यायालय में टिक नही पाया और आरोपियों को दोष मुक्त करार दे दिया गया। अब स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले में जिला न्यायवादी से सलाह मशवरा करके पीएनडीटी एक्ट के तहत न्यायालय में नए सिरे से शिकायत दायर करने का निर्णय लिया है ताकि गैर कानूनी ढंग से पोर्टेबल चाइनीज़ अल्ट्रासाऊंड मशीन की बिक्री करने वालों को दंडित करवाया जा सके।
नियमों के अनुसार जिला अपरोप्रिएट अथोरिटी एवं सिविल सर्जन कार्यालय में अल्ट्रासाऊंड करने के लिए अधिकृत चिकित्सक तथा अल्ट्रासाऊंड मशीन लगाने के स्थान का पंजीकरण होने के बाद ही मशीन की बिक्री उस व्यक्ति को की जा सकती है। इस मामले में ऐसा कुछ नही पाया गया और ना ही विक्रेता द्वारा मशीन के खरीददार से पंजीकरण का प्रमाण मांगा जा रहा था। यह भी आरोप है कि उक्त कंपनी पकड़े जाने तक 31 अल्ट्रासाऊंड मशीनों की बिक्री कर चुकी थी।
आज की बैठक में जिला में कन्या भू्रण हत्या करने वालों को पकड़वाने में मदद करने वाले नकली मरीज़ को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि अब अधिकतम 20 हज़ार रूपये करने का भी निर्णय लिया गया। परामर्श समिति के सदस्यों ने माना कि ऐसे मामलों में गर्भवती महिलाओं को नकली मरीज़ बनाकर ले जाया जाता है और उस अवस्था में मरीज़ के लिए यह जोखिम भरा कार्य होता है। अब तक नकली मरीज़ द्वारा निभाई गई भूमिका के आधार पर उसे 10 से 15 हज़ार रूपये की राशि ईनाम के तौर पर दी जाती थी।
बैठक में न्यू रेलवे रोड़ स्थित भट्टनागर मैटरनिटी एंड नर्सिंग होम का अल्ट्रासाऊं ड पंजीकरण रिन्यू करने का मामला भी रखा गया था जिस पर चर्चा की गई। भ्रूण की लिंग जांच करने के आरोप में इस नर्सिंग होम का मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है, अत: इसका पंजीकरण रिन्यू नही करने का निर्णय लिया गया। इससे पहले भी इसी प्रकार का मामला समिति की बैठक में आया था जिसमें जिला न्यायवादी से परामर्श लिया गया जिन्होंने न्यायालय में विचाराधीन होने पर अल्ट्रासाऊंड केन्द्र का पंजीकरण रिन्यू नही करने की सलाह दी थी।
आज की बैठक में समिति द्वारा पांच नए अल्ट्रासाऊंड केन्द्रों का पंजीकरण करने को स्वीकृति प्रदान की गई जिन्हें मिलाकर अब गुडग़ांव जिला में अल्ट्रासाऊंड केन्द्रों की संख्या कुल 185 हो गई है। इसके अलावा, श्री राजेन्द्र कोशिक को उपायुक्त द्वारा मनोनीत सदस्य के तौर पर जिला परामर्श समिति में शामिल करने पर भी सहमति बनी।
बैठक में 6 मौजूदा अल्ट्रासाऊंड केन्द्रों में नई अल्ट्रासाऊंड मशीन लगाने को भी स्वीकृति प्रदान की गई। यही नहीं , बैठक में 18 अल्ट्रासाऊंड केन्द्रों के पंजीकरण रिन्यू करने का भी निर्णय लिया गया और अस्पताल के अनुरोध पर सुशांत लोक सैक्टर-57 स्थित अरिहंत अस्पताल की अल्ट्रासाऊंड मशीन सील करने की अनुमति भी प्रदान की गई। इसी प्रकार, डीएलएफ फेज-1 के मलिक अस्पताल के  आवेदन पर उसके अल्ट्रासाऊं ड केन्द्र का पंजीकरण रद्द् किया गया।
इस अवसर पर समिति की अध्यक्ष वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. सुनीता शर्मा, उप-सिविल सर्जन डा. सरयू शर्मा, सहायक जिला न्यायवादी प्रदीप गुलिया, बाल रोग विशेषज्ञ डा. राधेश पाठक, समेकित बाल सेवाएं की परियोजना अधिकारी सुनैना, सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के उप-निदेशक सहित समिति के अन्य सदस्य भी मौजूद थे।

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