भाजपा सरकार का अंतिम बजट भी बेहद निराशावादी : पूर्व आफताब अहमद

Font Size

: नई स्वास्थ्य केयर स्कीम सुपर जुमला है सरकार ने एक रूपये का भी बजट में प्रावधान नहीं किया है

यूनुस अलवी

मेवात : हरियाणा कांग्रेस के उपाध्यक्ष व प्रदेश के पूर्व मंत्री आफताब अहमद ने भाजपा सरकार के केंद्रीय बजट को झूठ का पुलिंदा कहा है। उन्होंने कहा कि जैसे भाजपा सरकार अभी तक जुमलेबाजी करती आ रही थी, वैसे ही बजट में भी जुमलेबाजी है। उन्होंने के आरोप रविवार को पत्रकार वार्ता में लगाये।

पूर्व मंत्री ने कहा कि बजट के निराशाजनक होने की वजह से अगले ही दिन भारतीय बाजार सदमें में पहुंच गया है और गिरावट का दौर शुरू हो गया है। इस बजट में गरीबों, मजदूरों, आम आदमी, महिलाओं, किसानों, युवाओं, व्यापारियों के लिए कुछ नहीं है।
उन्होंने कहा कि किसानों को कर्ज से उबारने के लिए कोई प्रावधान इस बजट में नहीं है। ना ही किसानों की फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारण का कोई पैमाना रखा गया है। किसानों की बढ़ती आत्महत्याओं को रोकने के लिए भी भाजपा सरकार ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। बजट में घोषणा कई की गई हैं लेकिन अमलीजामा पहनाने के लिए कोई योजना का प्रावधान नहीं है। गरीब व आम आदमी बजट से बेहद निराश हुआ है। डीजल पेट्रोल गैस के दाम आसमान छू रहे हैं, लेकिन कोई छूट आम आदमी को नहीं दी है। नई स्वास्थ्य केयर स्कीम तो सुपर जुमला है क्योंकि उसके लिए सरकार ने एक रूपये का भी बजट में प्रावधान नहीं किया है। गरीबों व मजदूरों के लिए कुछ नहीं दिया गया है। घरेलू महिलाओं के इस्तेमाल की लगभग सभी चीजें महंगी हो गई है, जिनमें कपडे, जूते से लेकर रसोई गैस शामिल है। फल सब्जी तेल सब मंहगा किया गया है।
बजट युवाओ के विपरीत है, क्योंकि शिक्षा से जुड़े इलैक्ट्रॉनिक सामान तो मंहगा हुआ ही है बल्कि 2 करोड सालाना नौकरी देने का वायदा करके सत्ता में आई मोदी सरकार अब 70 लाख रोजगार सालाना पैदा करने की बात कर रही है।
जबकि सच्चाई तो यह है कि पिछले साल सिर्फ़ ढेड लाख रोजगार सालाना पैदा हुए। तो सवाल ये उठता है कि 70 लाख रोजगार सालाना ये सरकार कैसे पेदा करेगी। ये महज़ जुमले की सरकार है।
अहमद ने कहा कि छोटे व्यापारियों के हितों के लिए भी बजट में कोई योजना का प्रावधान नहीं है। ना ही गब्बर सिंह टैक्स में सरलीकरण किया गया है। सरकार ने 10 करोड परिवारों के लिए स्वास्थ्य स्कीम की बात तो की है लेकिन एक रूपये का भी बजट में प्रावधान नहीं किया गया है। पिछले बजट के स्वास्थ्य बीमा आज तक नहीं किये गये हैं।

You cannot copy content of this page