जांच अधिकारी का कारनामा : रेप का आरोपी बालिग होते हुए भी दिखाया नाबालिग

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: रेप आरेापियों से साठ-गंाठ के चलते नहीं लगाया पास्को एक्ट

: रेप पीडित लडकी की आयू मात्र साडे पंद्रह वर्ष है जबकि आरोपी की 18 वर्ष से अधिक है

: डीएसपी ने कहा मामले की जांच करेगें दौशी पाऐ जाने पर होगी कार्रवाई

 
 

यूनुस अलवी

 
जांच अधिकारी का कारनामा : रेप का आरोपी बालिग होते हुए भी दिखाया नाबालिग 2मेवात :   पुलिस जांच अधिकारी को इतनी पवर है कि अगर वह अपने पावर का इस्तेमाल करने लगे तो झूंठ का सच और सच का झूंठ बना सकता है। ऐसा ही एक कारनामा मेवात महिला थाने की जांच अधिकारी ने कर दिखाया है। रेप के आरोपी से सांठ-गांठ कर उसे फर्जी जन्म सर्टिफिकेट के जरिए नाबालिग दिखाया वहीं लडकी नाबालिग होने के बावजूद भी आरोपी के खिलाफ पास्को ऐक्ट की धारा भी नहीं लगाई। पीडित परिवार को सूचना दिऐ बगैर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसे अदालत में पैश कर बाल सुधार गृह फरीदबाद भिजवा दिया।  
   दिलचश्प बात तो यह है कि पीडित परिवार ने रेप के आरोपी और पीडित लडकी का सिविल सर्जन के जन्म-मृत्यु कार्यालय ने जन्म का सर्टिफिकेट निकलवाकर जांच अधिकारी को सौंप दिया था।
     नगीना खंड के एक गावं निवासी पीडित लडकी के पिता ने बताया कि उसकी 15 साल की बेटी के साथ गांव के राशिद नाम के युवक ने जबरजस्ती रेप किया था। आरोपी दंबग परिवार से है और वह दलित परिवार से है। मामला 15 जनवरी का है जहां नूंह के महिला थाने मे मेडिकल कराने के बाद 16 जनवरी को मुकदमा नंबर 9 दर्ज किया गया था। जांच अधिकारी ने रेप आरोपी से सांठगांठ कर पास्को ऐक्ट की धारा नहीं लगाई। पास्को ऐक्ट लगाने और आरोपी राशिद की गिरफ्तारी की मांग को लेकर उसने एसपी और डीएसपी से गुहार लगाई। आरोपी को तो पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया लेकिन जांच अधिकारी ने पास्को ऐक्ट की धारा नहीं लगाई और उसे नाबालिग दिया कर अदालत में पैश कर दिया। जांच अधिकारी नेरेप आरोपी के परिवार से इस तरह सेटिंग की जिससे आरोपी सजा होने से बच सके।जांच अधिकारी का कारनामा : रेप का आरोपी बालिग होते हुए भी दिखाया नाबालिग 3
  पीडित लडकी के पिता का कहना है कि रेप आरोपी राशिद पुत्र शमशुदीन की उन्होने 25 जनवरी को सिविल सर्जन के जन्म-मृत्यु कार्यालय से जन्म प्रमाण पत्र निकाल वाया था। विभाग द्वारा जारी किऐ गऐ प्रमाण पत्र संख्या 215 और रजिस्ट्रेशन नंबर 50 में आरोपी राशिद की आयू 26 अक्तुबर 1999 दर्शाई गई है। जिस लिहाज से रेप की घटना के दिन आरोपी की आयू 18 साल और करीब ढाई महिना थी। वहीं लडकी की जन्म तिथि 10 जुलाई 2002 है। जिससे लडकी की आयू करीब साडे 15 साल बनती है। उन्होने दोनो सर्टिफिकेट जांच अधिकारी को पहले ही सौंप दिऐ थे। 
  पीडित ने बताया कि लडकी के नाबालिग होने पर पास्को ऐक्ट की धारा लगती है लेकिन पुलिस ने केवल 376 के तहत की मामला दर्ज किया था। जांच अधिकारी की रेप आरोपी और उसके परिवार के साथ हुई सांठ-गांठ के चलते उन्होने सिविल सर्जन द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र को छुपा लिया और एक फर्जी स्कूल का सर्टिफिकेट अदालत मेें पैश कर बालिग आरोपी को नाबालिग दिखा दिया। जिसकी वजह से अदालत ने आरोपी को जैल भेजने की बजाऐ बाल सुधार गृह भेज दिया।
 
क्या कहते हैं डीएसपी
महिला थाना और फिरोजपुर झिरका के डीएसपी संजीव ने बताया कि वह इस मामले की जांच कराऐगें अगर जांच में जांच अधिकारी की कमी पाई गई तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाऐगी। और आरोपी को बालिग की श्रेणी में रखा जाऐगा तथा पास्को ऐक्ट भी लगाया जाऐगा।

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