अंतर्राष्ट्रीय आध्यात्मिक संस्था भारत सेवाश्रम संघ अब सौवें वर्ष में प्रवेश कर चुका
मानव जाति के कल्याण के लिए काम कर रहा है संघ
स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में विश्व भर में काम करता है भारत सेवाश्रम संघ
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गुरुग्राम : अंतर्राष्ट्रीय आध्यात्मिक संस्था भारत सेवाश्रम संघ अब सौवें वर्ष में प्रवेश कर चुका है. सेवाश्रम की ओर से देश व विदेश में सैकड़ों शाखाओं के माध्यम से सामजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया जा रहा है. शिक्षा व स्वास्थ्य पर विशेष रूप से काम किया जा रहा है जबकि रोजगार मूलक ट्रेनिंग एवं नैतिक मूल्यों के प्रति लोगों को जागरूक करने की दिशा में भी सक्रीय भूमिका अदा की जा रही है. यह विचार भारत सेवाश्रम संघ के दिल्ली व गुरुग्राम शाखा के अध्यक्ष स्वामी आत्मोग्यानानंद जी ने द पब्लिक वर्ल्ड (thepublicworld.com) नेशनल न्यूज पोर्टल के प्रधान संपादक सुभाष चौधरी से खास बातचीत में व्यक्त किया.
स्वामी जी ने बताया कि भारत सेवाश्रम संघ संस्था के संस्थापक आध्यत्मिक गुरु युगाचार्य स्वामी प्रणवानंद जी महराज है. उनका जन्म सन 1896 में माघी पूर्णिमा के दिन अविभाजित भारत के बंगाल में हुआ था जो अब बंगलादेश का भाग है. स्वामी आत्मोग्यानानंद के अनुसार प्रणवानंद जी ने तब यह भविष्यवाणी की थी कि उनका संघ एक दिन दूसरा बुद्ध का संघ बनेगा और आज उनके आशीर्वाद से देश और विदेश में इसकी शाखाएं फैली हुई हैं और मानव जाति के कल्याण के लिए काम कर रहा है.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि भारत सेवाश्रम संघ स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में विश्व भर में काम करता है और लाखों लोगों को इसका लाभ मिला है. यह संस्था अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काम करती है जिसके निर्देशन में स्कूल; अस्पताल, वुमेन कालेज और आनाथालय चलाए जाते हैं.
उल्लेखनीय है की स्वामी आत्मोग्यानानंद दिल्ली व गुरुग्राम शाखा के अध्यक्ष हैं और उनके निर्देशन में इस क्षेत्र में भी कई स्कूल व अस्पताल एवं ट्रेनिंग सेण्टर चलाये जा रहे हैं . उनके अनुसार संघ का सौ साल पूरा हो चुका है और सफलतापूर्वक सामाज सेवा के विविध कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि यह सन्यासी संस्था है इसलिए जो भी इस संस्था से जुड़ते हैं सभी सन्यास धारण कर आध्यात्मिक उन्नति के साथ साथ समाज सेवा के प्रति भी समर्पित रहते हैं.
दिल्ली और गुरुग्राम की शाखाओं की गतिविधियों की जानकारी देते हुए उनका कहना था कि दिल्ली में एक दशक से भी अधिक समय से स्थापित पोलीक्लिनिक में गरीब बच्चों का फ्री इलाज किया जाता है. इसके अलावा यहाँ एक कम्पूटर ट्रेनिंग सेण्टर भी चलाया जाता है जिसमें प्रति वर्ष 30 गरीब बच्चों को फ्री ट्रेनिंग दी जाती है. स्वामी जी के अनुसार अब तक ट्रेंड सभी बच्चे रोजगार प्राप्त कर चुके हैं और वे संघ के सम्पर्क में रहते है. उनका जुडाव हमेशा संघ के साथ रहता है और प्रत्येक सामाजिक गतिविधियों में वे हाथ बटाते हैं.
अन्य राज्यों में संघ के कामकाज की जानकारी के सन्दर्भ में उनका कहना था कि गुजरात में बड़े स्कूल हैं जिनमें दो हजार से अधिक बच्चे पढ़ते हैं. वहाँ आधुनिक शिक्षा के साथ साथ नैतिक शिक्षा पर अत्यधिक बल दिया जाता है.
बातचीत में स्वामी आत्मोग्यानानंद ने चिंता व्यक्त की कि देश में शिक्षा के बावजूद अनैतिक काम हो रहे हैं, भ्रष्टाचार बढ़ गया है और सामाजिक बुराइयां अधिक हो गयीं हैं. इसलिए शिक्षण संस्थाओं में नैतिक शिक्षा पर अधिक ध्यान देना जरूरी है. उन्होंने कहा कि देश की इन्हों स्थितियों को देखते हुए उन्होंने घर परिवार छोड़ा और समाज सेवा व अध्यात्म की राह चुन ली . आज अब यही उनका धर्मं और कर्तव्य है.
उनके अनुसार संघ की ओर से गुरुग्राम के स्कूल में भी नो प्रॉफिट नो लोस पर शिक्षा की व्यवस्था की गयी है. गरीब बच्चों के लिए कंप्यूटर सेण्टर भी चलाने का विचार है. उनका कहना है कि उनकी संस्था सामान्य लोगों के आर्थिक सहयोग से चलती है . गुरुग्राम में बुजुर्गों के लिए गुरुग्राम में एक ओल्ड ऐज होम बना रहे हैं जिसका उद्घाटन तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने किया था. स्वामी ने उम्मीद व्यक्त की कि अगले दो माह में यह पूरा हो जाएगा. यह 400 बेड का ओल्ड एज होम है लेकिन आर्थिक कमी के कारण इसे सौ लोगों के लिए ही बनाना संभव हो रहा है . गुरुग्राम में एक व्यक्ति ने जमीन दान में दी थी जिससे यहाँ स्कूल व ओल्ड एज होम बनाना संभव हुआ. उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों से उन्हें काफी मदद मिलती है जबकि प्रशासन का भी भरपूर सहयोग मिलता रहा है.
भविष्य की योजनाओं के सवाल पर स्वामी आत्मोग्यनानंद का कहना था कि गुरुग्राम में एक इंजीनियरिंग कालेज खोलने का विचार है लेकिन जमीन और फण्ड की कमी है. उनका मानना है कि उनके स्कूल में पढने वाले सभी बच्चे अपनी पढ़ाई पूरी कर यहाँ से जाएँ ऐसी उनके संघ की सोच है इसलिए अगर सरकार जमीन दे तो इस दिशा में सोचा जा सकता है. जमीन महंगी है इसलिए अस्पताल की स्थापना संभव नहीं है . उनका कहना है कि अगर सरकार जमीन दे तो लोगों के सहयोग से अस्पताल भी स्थापित करने पर विचार किया जा सकता है जिसका फायदा इस इलाके के गरीब परिवारों के बच्चों को मिलेगा.
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