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महोहर लाल सराकर ने तीन सालों में 30 सालों के बराबर काम किया : कृष्णपाल गुर्जर
कुछ लोग गीता और गाय पर भी राजनीति करते हैं
गोशाला में मरने वाली गायों के लिये प्रशासन और सरकार जिम्मेदार नहीं
यूनुस अलवी
मेवात : केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर बुधवार को नूंह के एमडीए सभागार में चल रहे गीता जंयती समारोह के जिला स्तरीय सैमिनार के मौके पर पहुंचे। इस मौके पर उन्होने दीप प्रज्वलित कर जिला स्तरीय विचार गोष्ठी का शुभारंभ किया। वहीं सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग हरियाणा की ओर से कलाकारों ने बीन वादन, नगाड़ा तथा कच्ची घोड़ी, आदि ने हरियाणा की कला व संस्कृति छटा बिखेरी और लोक कलाओं से सभी दर्शकों का मन मोह लिया। केंद्रीय मंत्री ने एमडीए में जिले के विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रर्दशनी का निरीक्षण किया।
सेमीनार को सम्बोधित करते हुऐ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गीता हमें जीने का तरीका सिखाती है। सरकार ने पूरे हरियाणा प्रदेश के सभी जिलों में गीता जयंती महोत्सव को मनाने का निर्णय लिया ताकि गीता का ज्ञान जन-जन तक पहुंचे सके। उन्होंने कहा कि भागवत गीता हमारी आस्था, श्रद्धा, भावना व गौरव है। जीवन को खुश होकर जीने के साथ हमें अपने कर्म करते रहना चाहिए और फल के बारे में नहीं सोचना चाहिए।
बाद में पत्रकारों भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सूरजपाल उर्फ अम्मू द्वारा त्याग पत्र देने और मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर कटाक्ष करने के सवाल पर जवाब देने से बचते रहे वहीं उन्होने कहा कि महोहर लाल सराकर ने तीन सालों में पिछली 30 सालों के बराबर काम किया है। कई लोग गीता और गाय पर भी राजनीति करते हैं। वहीं गोशाला आदि जगह पर गायों के मरने के सवाल पर उन्होने प्रशासन और सरकार का बचाव किया।
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं आधकारिता राज्य मंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने गीता जयंती महोत्सव मनाने का जो फैसला लिया है, इससे गीता का ज्ञान जन-जन तक पहुंचेगा और गीता जयंती के उपलक्ष्य में जो कार्यक्रम प्रत्येक जिलों में आयोजित किए गए है। इसे देखने से लोगों का गीता के प्रति मोह बढ़ेगा और समाज में आपसी भाईचारे का माहौल बनेगा। उन्होंने कहा कि आज भौतिकवाद ने बहुत कुछ दिया है, बहुत सी कलाएं सीखाई हैं, लेकिन जीवन कैसे आनंदपूर्वक जीया जाए, इस बारे में भौतिकवादी विज्ञान कुछ नहीं दे पाया। उन्होंने कहा कि भागवत गीता हमारी आस्था, श्रद्धा, भावना व गौरव है। साथ ही साथ गीता जीवन जीने की बहुत मधुर अनूठी पद्धति है। जीवन केवल समय व्यतीत करने व काटने के लिए नहीं है। जीवन को खुश होकर जीने के साथ हमें अपने कर्म करते रहना चाहिए और फल के बारे में नहीं सोचना चाहिए। इस मौके पर केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं आधकारिता का मुमेन्टों भेंट कर स्वागत किया गया।
इस मौके पर उपायुक्त अशोक शर्मा ने गीता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गीता हमें जीने व मरने का ढंग सिखाती है। गीता हमारे ग्रंथों में एक हीरा है, जीवन एक संग्राम है, इसलिए मनुष्यों को अपने कतव्र्य का पालन करते हुए आगे बढ़ते रहना चाहिए। हम कितनी भी उन्नती करें लेकिन हमें सुख प्राप्त नही होता इसमें भी गीता हमें सदैव जीवन में आगें बढने की प्ररेणा देती है। उन्होंने कहा कि आत्मा अजर व अमर होती है जिसे ना तो उसे आग जला सकती है और न ही पानी उसे गीला कर सकता न ही कोई भी धातू काट नही सकती।
इस सेमीनार में मुख्यवक्ता के तौर पर बोलते हुए देवराज शास्त्री ने बताया कि लगभग 5500 साल पहले महाभारत का युद्ध हुआ था। यह युद्ध पांडवों और कोरवों के बीच हुआ था। इस युद्ध में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था जब अर्जुन ने हथियार उठाने से मना कर दिया था। उन्होंने बताया कि भागवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता उपदेश देते हुए कहा था कि यह लड़ाई धर्म और अधर्म की है। भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को पूरे बहा्रंड के दर्शान कराए और कहा कि मारने को तो में भी इन्हें मार सकता हूं। लेकिन ये कार्य आपके हाथों से होना आवश्यक है क्योकि इससे आने पीढ़ीयों में यह संदेश जाऐगा कि अधर्म पर धर्म की जीत होती है। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त जयबीर आर्य, नगराधीश गजेंद्र सिंह, जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी देवेन्द्र कुमार शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी दिनेश शास्त्री, तहसीलदार बस्तीराम, भाजपा जिला अध्यक्ष सुरेेंद्र प्रताप आर्य, भाजपा नेता संजय सिंह, नरेंद्र पटेल, भाजपा जिला उपाध्यक्ष शिवराम शर्मा, चैयरमैन जहीद हुसैन, राजकुमार, ज्ञानचंद आर्य, भाजपा युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष बीरपाल, भाजपा सहकाारिता प्रकोष्ट की जिला संयोजिका नेहा सिंह, पायल शर्मा, सहित अन्य भाजपा नेता व जिला प्रशासन सहित हजारों की तादाद में दर्शक उपस्थित थे।