अब मेडिकल, इंजीनियरिंग सहित सभी राष्ट्रीय परीक्षाएं एक ही संस्था आयोजित करेगी

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शिक्षा जगत के लिए मोदी सरकार का ऐतिहासिक फैसला 

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने राष्‍ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की स्‍थापना को मंजूरी दी 

सीबीएसई और एआईसीटीई होंगी परीक्षा की जिम्मेदारी से मुक्त 

एनटीए की अध्‍यक्षता प्रख्‍यात शिक्षाविद् करेंगे 

एक सीईओ और महानिदेशक नियुक्‍ति किये जायेंगे

एनटीए के गठन से 40 लाख छात्रों को राहत मिलेगी

 

सुभाष चौधरी/ प्रधान संपादक

नई दिल्ली : देश में राष्ट्रीय स्तर की  सभी प्रतियोगिता परीक्षायें अब एक ही राष्ट्रीय संस्था द्वारा आयोजित कराई जायेंगी. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को उच्‍चतर शिक्षा संस्‍थाओं के लिए प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करने के लिए एक स्‍वायत्‍त और आत्‍मनिर्भर शीर्ष परीक्षा संगठन, राष्‍ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एन टी ए ) की स्थापना करने को मंजूरी प्रदान कर दी है। यह संस्था सोसायटी अधिनियम, 1860 के अन्‍तर्गत सोसायटी के रूप में भारत सरकार के अधीन एक स्वायत्त संस्था होगी. इसके  सीईओ और महानिदेशक की नियुक्‍ति केंद्र सरकार करेगी. इसके लिए एक शासक मंडल का भी गठन किया जाएगा. इससे अलग अलग संस्थाओं द्वारा आयोजित की जा रही लगभग 70 साल की परीक्षा व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव आएगा.

बताया जाता है कि एनटीए आरंभ में उन प्रवेश पीरक्षाओं को संचालित करेगी जो इस समय सीबीएसई द्वारा संचालित की जा रही हैं। यानी सीबीएसई शीघ्र ही  परीक्षा आयोजित कराने की जिम्मेदारी से मुक्त है जाएगा. इसके अलावा अन्‍य पीरक्षाएं धीरे-धीरे तब शुरू की जाएगी जब एनटीए पूर्णत: तैयार हो जाएगी। यह वर्ष में कम से कम दो बार ऑनलाइन पद्धति में परीक्षाएं संचालित करेगी और इस प्रकार विद्यार्थी को उसके सर्वोत्‍कृष्‍ट प्रदर्शन के लिए पर्याप्‍त अवसर प्रदान करेगी।

एनटीए, ग्रामीण छात्रों की आवश्‍यकताओं की पूर्ति के लिए उप-जिला/जिला स्‍तर पर भी केंद्रों को स्‍थापित करेगी. साठी विद्यार्थियों को व्‍यावहारिक प्रशिक्षण भी देगी।

 पीएम की अध्यक्षता में केबिनेट ने जिस प्रस्ताव को मंजूरी दी है उसके अनुसार एनटीए की अध्‍यक्षता एक प्रख्‍यात शिक्षाविद् द्वारा की जाएगी जिसकी नियुक्ति मानव संसाधन विकास मंत्रालय करेगा. इसमें एक सीईओ और महानिदेशक नियुक्‍ति किये जायेंगे जो  सरकार करेगी। साथ ही एक शासक मंडल भी होगा जिसमें सदस्‍य प्रयोक्‍ता संस्‍थाओं में से होंगे। एनटीए के महानिदेशक की सहायता के लिए शिक्षाविदों/विशेषज्ञों की अगुवाई में 9 वर्टिकल होंगे।

एनटीए को प्रथम वर्ष में भारत सरकार द्वारा 25 करोड़ रुपए का एकबारगी अनुदान दिए जाने का प्रस्ताव किया गया है.  इसके बाद एनटीए अपने संचालन के लिए आत्‍मनिर्भर होगी।

कहा जा रहा है कि एनटीए की स्‍थापना से विभिन्‍न प्रवेश परीक्षाओं में भाग ले रहे लगभग 40 लाख छात्रों को राहत मिलेगी क्योंकि अलग अलग प्रकार की परीक्षाओं के लिए सभी को विभिन्न एजेंसी के चक्कर लगाने पड़ते थे । साथ ही कई परीक्षाएं के ही समय , दिन या मंथ में आयोजित होते थे क्योंकि विभिन्न एजेंसी में आपसी तालमेल का अभाव था. अब इसकी स्‍थापना से सीबीएसई, एआईसीटीई तथा अन्‍य एजेंसियां इन प्रवेश पीरक्षाओं को आयोजित करने की जिम्‍मेदारी से मुक्‍त हो जाएंगी। एनटीए की स्‍थापना छात्राओं की योग्‍यता, बुद्धिमत्‍ता तथा समस्‍या निवारण क्षमता का आंकलन करने के लिए उच्‍च विश्‍वसनीयता एवं मानकीकृत कठिनाई का हल करेगी। माना जा रहा है कि अब मेडिकल, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, बैंकिंग, प्रशासनिक सहित सभी प्रकार की प्रोफेशनल प्रतियोगिता परीक्षाएं अब एनटीए के बैनर तले ही आयोजित होंगी.

शिक्षा विशेषज्ञों के अनुसार विश्‍व के अधिकांश उन्‍नत देशों में परीक्षाएं आयोजित करने की एकीकृत विशेषग्य संस्था है जबकि  भारत में इन प्रवेश परीक्षाओं को आयोजित करने के लिए कोई विशेषीकृत निकाय नहीं है. इस बात को ध्‍यान में रखकर केन्द्रीय वित्‍त मंत्री ने वर्ष 2017-18 के अपने बजट भाषण में उच्‍च शैक्षिक संस्‍थाओं में दाखिले के लिए सभी प्रवेश पीरक्षाओं को आयोजित करने हेतु एक स्‍वायत्‍त तथा आत्‍मनिर्भर शीर्ष परीक्षा संगठन के रूप में राष्‍ट्रीय परीक्षा एजेसी (एनटीए) की स्‍थापना की घोषणा की थी। उसी प्रस्तव को आज केबिनेट ने मजूरी दी.

 

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