सीएम ने किया इंडो-इजरायल परियोजना मिशन के तहत मधुमक्खी विकास केन्द्र का उदघाटन

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चंडीगढ़, 10 नवम्बर :  हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने कृषि और सम्बद्ध क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकीयों और प्रयोगों की महत्ता पर बल देते हुए कहा कि राज्य सरकार इजरायल की सूक्ष्म, सिंचाई तकनीक सहित श्रेष्ठ कृषि प्रौद्योगिकीयों को भूमि, कम पानी और कम लागत की श्रेष्ठ पद्धतियों का एक अच्छा संयोजन अपना रही है ताकि कृषि को लाभप्रद बनाया जा सके। यह खेती को लाभप्रद बना सकता है।    

मुख्यमंत्री मनोहर लाल आज कुरूक्षेत्र जिले के रामनगर में लगभग 10.50 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से 25 एकड़ क्षेत्र में इंडो-इजरायल परियोजना मिशन के बागवानी समेकित विकास के तहत स्थापित एकीकृत मधुमक्खी विकास केन्द्र का उदघाटन करने  उपरांत उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को हरियाणा राज्य देश के अन्य राज्यों की तुलना में इसे सबसे पहले पूरा करेगा। प्रदेश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री ओ.पी. धनखड़ हरियाणा के किसानों के लिए हर समय नई योजनाएं लागू करने की पहल कर रहे हैं और दुनिया भर के अनुकरणीय कार्यक्रमों को हरियाणा में लागू किया जा रहा हैं। इंडो-इजरायल के परस्पर सहयोग से हरियाणा में गेंहू व धान की परम्परागत फसलों का विविधिकरण कर अन्य नगदी फसलों को अपनाकर सब्जी, फल, फुल, डेयरी व शहद के स्थापित पांच उत्कृष्टता केन्द्र प्रधानमंत्री के इस विजन को साकार करेंगे।
       

  समारोह में भारत में इजरायल के राजदूत डेनियल कामरॉन, भारत में इजरायल दूतावास में मशाव के कांउसलर डन आलूफ का इजरायल भाषा मेें स्वागत अर्थात स्लोम कहकर मुख्यमंत्री ने उनका स्वागत किया। इंडो-इजरायल आपसी सहयोग के सम्बन्धों को लम्बे समय तक सुदृढ़ बनाए जाने पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व में इजरायल व जापान 2 ऐसे देश है जो देशभक्ति के अपने संकल्प के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र की पावन धरा से कर्म के सिद्धांत का भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया गीता का संदेश भी विश्व विख्यात हैं। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के 70 वर्षों बाद भी हमारी शिक्षा को संस्कारवान नहीं बनाया गया। भारत लगभग एक हजार वर्षों तक गुलाम रहा तो इजरायल 2 हजार वर्षों तक अरबों का गुलाम रहा, परंतु विश्व के कोने-कोने में बिखरे इजरायल के हर यहूदी द्वारा अगले वर्ष येरुशल्म में मिलने के संकल्प ने एकत्रित किया और आज पूरा विश्व उनके संकल्प को मानता हैं। उन्हें खुशी है कि इजरायल ने कुरुक्षेत्र की इस धरा पर अपनी परियोजनाओं के तहत यह देश का पहला एकीकृत मधुमक्खी विकास केन्द्र खोलने का निर्णय लिया हैं। उन्होंने कहा कि इस समय इस केन्द्र में 13 बी-ब्रीडर्स हैं, जिन्हें अगले साल बढ़ाकर 32 किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार मधुमक्खी पालन के लिए प्रति बी-ब्रीडर 4 लाख रुपए की सब्सिडी उपलब्ध करवा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इजरायल का भौगोलिक स्वरूप व वर्षा की स्थिति राजस्थान के समान होते हुए भी सूक्ष्म सिंचाई के माध्यम से खेती को बढ़ावा देकर इजरायल ने पूरे देश में पहचान बनाई हैं। कम जमीन व कम पानी के उपयोग से खेती करना इजरायल के लोगों ने विश्व को सिखाया हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा में भी पानी की स्थिति अच्छी नहीं हैं, 60 ब्लाक का भूजल स्तर काफी नीचे है और डार्क जोन में आ गया हैं। उन्होंने कहा कि किसान हरियाणा की रीढ़ है और इनके हितों को सदैव प्राथमिकता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 3 वर्षों के दौरान वर्तमान सरकार ने किसानों को 2450 करोड़ से अधिक का मुआवजा उनकी फसलों के नुक्सान की भरपाई के लिए दिया हैं, जबकि 48 सालों में हरियाणा में जितनी भी सरकारे रही, उन्होंने मात्र 1300 करोड़ रुपए का मुआवजा किसानों को दिया। उन्होंने कहा कि किसान के नुक्सान की भरपाई करना हमारा फर्ज व दायित्व हैं, कोई एहसान नहीं। 

उन्होंने कहा कि आज कृषि जोत छोटी होती जा रही हैं। आने वाले समय में हमें वर्टीकल उत्पादन की ओर बढऩा होगा। उन्होंंने श्री गोबिंद सिंह ट्रिनटी विश्वविद्यालय गुरुग्राम के वैज्ञानिकों व विद्यार्थियों द्वारा हाल ही में लगाई गई एक प्रदर्शनी का उदाहरण दिया, जिसमें सिंगापुर का मॉडल अपनाकर तीन मंजिला खेती प्रदर्शित की गई थी। उन्होंने कहा कि हरियाणा में अभी ऐसी स्थिति नहीं आई हैं, परंतु जिस प्रकार आवश्यकता को आविष्कार की जननी कहा गया है, उसी प्रकार विज्ञान भी इस प्रदर्शनी में आविष्कार की जननी हैं। हमें जैवकि खेती को अपनाना होगा क्योंकि रसायनिक खादों के अंधाधुंध प्रयोगों से उत्पादित खाद्यनों से पंजाब व हरियाणा में केंसर जैसी जानलेवा बिमारियां पनप रही हैं। उन्होंने कहा कि हमें स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरुक होना होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने डेनियल कामरॉन को अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का निमंत्रण भी दिया, जिसे कामरॉन ने सर्हष स्वीकार कर लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 28 मधुमक्खी पालकों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया।

भारत में इजरायल के राजदूत डेनियल कामरॉन ने सलाम हरियाणा, नमस्ते हरियाणा के साथ अपना सम्बोधन शुरु किया और कहा कि पूरे भारत में इंडो-इजरायल सहयोग से 14 उत्कृष्ठता केन्द्र तथा 18 इंडो-इजरायल की परियोजनाएं चलाई जा रही हैं, जिसमें से हरियाणा में आज समेकित मधुमक्खी विकास केन्द्र के साथ 5 परियोजनाएं हो गई हैं। उन्होंने कहा कि भारत में पहली तरह का एकीकृत मधुमक्खी विकास केन्द्र कुरुक्षेत्र, रामनगर में खोलने का  उद्देश्य भी इंडो-इजरायल सम्बन्धों को शहद की तरह मधुर बनाना हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने इजरायल का दौरा किया हैं और इंडो-इजरायल सम्बन्धों को चिरकाल तक सुदृढ़ बनाने की घोषणा की हैं। 

उन्होंने कहा कि हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री ओ.पी. धनखड़ भी गत दिनों इजरायल के दौरे पर गए थे और डेयरी क्षेत्र को सुनियोजित तरीके से आगे बढ़ाने के लिए एक परियोतना पर समझौता किया था, जिसे इजरायल आगे बढ़ाएगा। उन्होंने मई 2018 में इजरायल में आयोजित एग्रो प्रणाली व एग्रो तकनीक पर आयोजित किए जाने वाली समिट में भाग लेने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल व कृषि मंत्री ओपी धनखड़ को आमंत्रित भी किया। उन्होंने आशा व्यक्त की भारत के कई राज्यों के अधिकारी इस सम्मेलन में भाग लेंगे और इंडो-इजरायल परियोजनाओं को आगे बढ़ाएंगे।

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने अपने सम्बोधन में कहा कि इजरायल का का क्षेत्रफल 22 हजार वर्ग किलोमीटर हैं तो हरियाणा का क्षेत्रफल 44 हजार वर्ग किलोमीटर हैं। जनसंख्या भी हरियाणा से कम है और बरसात भी 3 गुणा कम हैं, फिर भी सूक्ष्म सिंचाई योजना और पानी की हर बंूद का सदौपयोग कर विश्व को राह दिखाई हैं। सितम्बर माह में उनके इजरायल के दौरे का उन्होंने जिक्र किया जिसमें डेयरी प्रबंधन व दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में इजरायल के साथ सहयोग बढ़ाने के समझौते हुए थे। उन्होंने कहा कि हरियाणा में प्रति लीटर प्रति पशु दुग्ध उत्पादन 6.8 लीटर हैं और 36 लाख दुधारु पशु हैं। उन्होंने कहा कि हिसार में डेयरी उत्कृष्ठता केन्द्र इजरायल के सहयोग से स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आस्टे्रलिया में प्रति पशु 15 लीटर दुध, न्यूजीलैंड में 17 लीटर, इजरायल में 32 लीटर प्रति पशु दुग्ध उत्पादन हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हरियाणा में कोई भी गाय 10 लीटर व भैंस 15 लीटर से कम दुध उत्पादन नहीं करेगी। 

उन्होंने कहा कि पिछले 3 वर्षो में किसानों और गरीबों के हक में जितने कल्याणकारी कार्य वर्तमान सरकार के कार्यकाल में हुए हैं, वह इनेलो की 5 साल व कांग्रेस की 10 साल की सरकारों के कार्यकाल में कभी नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा 3 वर्षो में किसानों को लगभग ढाई हजार करोड का मुआवजा देने के साथ-साथ गन्ने में 6 हजार रुपए प्रति एकड़, गेंहू में 7700 रुपए प्रति एकड़ तक का लाभ देने का कार्य हमारी सरकार ने किया हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अलावा भी 12 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से बीमा न करवाने वाले किसानों को फसल के नुकसान पर दिया जाता हैं। सहकारी कृषि ऋणों, 50 गायों व 50 भैंसों की डेयरी खोलने पर तथा आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समुह के तहत ब्याज भी ब्याज फ्री ऋण उपलब्ध करवाया जाता हैं। उन्होंने कहा कि खाद व बीज समय पर उपलब्ध करवाए है जबकि पहले युरिया खाद की लम्बी-लम्बी लाईने लगी रहती थी। उन्होंनें कहा कि एक-एक कदम उठाकर किसानों को जोखिम फ्री बनाने की ओर बढ़ रहे हैं।

इस अवसर पर बागवानी विभाग के मिशन निदेशक डा. बी.एस. सहरावत ने इंडो-इजरायल परियोजनाओं तहत चलाई जाने वाली बागवानी विभाग की विभिन्न जानकारी दी हैं। इस मौके पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री कृष्ण कुमार बेदी, विधायक सुभाष सुधा, विधायक डा. पवन सैनी, हरियाणा किसान आयोग के अध्यक्ष डा. रमेश यादव, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के निदेशक एवं राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड के कार्यकारी निदेशक डा. बीएल सारस्वत, बागवानी आयुक्त डा. बीएन मूर्ति, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के प्रधान सचिव डा. अभिलक्ष लिखी, चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हरियाणा के कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह, निदेशक विस्तार शिक्षा डा. आरएस हुड्डा, महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय करनाल के विस्तार शिक्षा निदेशक डा. समर सिंह, डीन डा. एसके सहरावत, उपायुक्त सुमेधा कटारिया, पुलिस अधीक्षक अभिषेक गर्ग, जिला परिषद के अध्यक्ष गुरदयाल सुनहेड़ी, भाजपा जिलाध्यक्ष धर्मवीर मिर्जापुर, रविन्द्र सांगवान, रामपाल पाली, सुभाष बेदी सहित अन्य भाजपा नेता व गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

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