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: आरटीआई में साफ लिखा है कि शुसील दत्त टीजीटी ग्रेड का क्वालीफिकेशन पूरी नहीं करता है
: फिर भी विभाग ने शुशील कुमार को 4600 को ग्रेड हीं नहीं दिया बल्कि उसको करीब सवा तीन लाख का एरियर भी दे दिया
: शिक्षक का कहना है पीजीटी के लिए उसने आवेदन किया और उसे टीजीटी बना दिया, इसमे उसकी कोई गलती नहीं है
यूनुस अलवी
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मेवाती यूथ, अज़रुद्दीन अडबर, ताहिर मुरादबास, वाहिद सालाहेड़ी, अल्ताफ डीके, आरिफ टाई आदि ने बताया कि मेवात विकास अभिकरण पुन्हाना में लेखाकार के पद पर कार्यत कटार सिंह ने इस बारे में अपने ही विभाग से एक आरटीआई के तहत शुसील कुमार पीईटी की क्वालीफिकेशन और उसकी नियुक्ति के समय अनिवार्य योग्यता के बारे में जानकारी मांगी थी। जिसमें एमडीए के जनसूचना अधिकारी की द्वारा 6 नवंबर 2017 को आरटीआई क्रमांक नंबर एमएमएसएस/2015/1682 दी गई सूचना के क्रंमांक नंबर 5 के अनुसार शुसील दत्त पीईटी/टीजीटी ग्रेड की अनिवार्य योग्ता पूरी नहीं करता है। वहीं आरटीआई के कॉलम में साथ लिखा है कि टीजीटी पद के लिए बीए में फिजीकल ऐजुकेशन या बीपीईड या फिर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय हिसार से डीपीईड होना चाहिए लेकिन कर्मचारी शुशील कुमार इनमें से कोई योग्यता पूरी नहीं करता है। वहीं आईटीआई में यह भी दरशाया गया है कि कर्मचारी शुशील कुमार ने यूआईपीटी बीएसएफ से एमए फिजीकल ऐजुकेशन किया है, जो टीजीटी के लिए उपयुक्त नहीं हैं।
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि पहले तो शुशील कुमार टीजीटी की क्वालीफिकेशन पूरी नहीं करता ऊपर से एक कर्मचारी और अधिकारियों की मिली भगत से उसका 3600 से बढाकर 4600 का ग्रेड ही नहीं दिया बल्कि शुशील कुमार को अक्तुबर 2009 से अगस्त 2016 तक ऐरियर भी दे दिया गया है। उन्होने बताया कि फिलहाल आरोपी कर्मचारी की जांच कराने और इसमें दौषी पाऐ जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ विभागीय और कानूनी कार्रवाई के लिए डीसी और एमडीए के चेयरमैन को लिखित शिकायत दी है। अगर जल्द ही जांच कर आरेापियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो मेवात यूथ और समाजसेवी सरकार और प्रशासन के खिलाफ विरोघ प्रदर्शन करने को मजबूर होगें।
क्या कहते हैे टीजीटी शिक्षक का ?
टीजीटी शुशील कुमार का कहना है कि उसके साथ शुरू से नाइंसाफी की गई है। उसने पीजीटी यानि फिजिकल लेक्चरार के लिए आवेदन किया था जिसका वेतन ग्रेड 4800 रूपये का है लेकिन उसे पीजीटी लगाने की बजाऐ टीजीटी यानि ट्रेंड ग्रेजूऐट टीचर लगा दिया जिसका ग्रेड 4600 को होता है लेकिन उसे पीटीआई से भी कम 4100 का वेतन ग्रेड दिया गया जिसकी उसने करीब 6 साल तक लडाई लडी तब कहीं जाकर उसे सात साल का ऐरियर दिया गया है। उसका कहना है कि जब उसने टीजीटी के लिए कोई आवेदन ही नहीं किया और उसे पीजीटी की जगह टीजीटी बना दिया गया तो यह गलती उसकी नहीं बल्कि नियुक्त करने वाले अधिकारियों की है।
क्या कहते हैं एमडीए चेयरमैन ?
मेवात विकास अभिकरण के चेयरमैन खुरशीद राजाका का कहना है कि लोगों ने इस मामले में शिकायत दी है। उसकी वजह जल्द ही जांच कराऐगें जो भी दौषी होगा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाऐगी।
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