दम तोड़ रहा है झज्जर जिले में अब ईट- भट्ठा उद्योग

Font Size
 
झज्जर, 1 अगस्त : सोनू धनखड़:–  प्रदेश में भट्ठा किंग के नाम से प्रसिद्ध झज्जर जिले में अब ईट-भट्ठा उद्योग दम तोड़ता जा रहा है। जिला में चार साल पहले 468 ईट-भट्ठे थे, इनमें से 74 ईट-भट्ठे बंद हो चुके है। इनकी संख्या निरंतर घटती जा रही है। इसके पीछे मंदी का दौर मुख्य कारण माना जा रहा है। दूसरा कारण सरकार की तरफ से प्रदेश में प्रदूषण को कम करने के लिए लागू किया जा रहा हाईड्रेट सिस्टम भी माना जा रहा है। क्योंकि भट्ठा उद्योग पर एक तरफ मंदी की मार पड़ रही है। वहीं दूसरी ओर हाईड्रेट सिस्टम से भट्ठे को तैयार करने में करीब 40 से 45 लाख रुपये एक भट्ठा संचालक को खर्च करने होंगे।
 
बताया जा रहा है कि चार साल पहले ईटें 5200 से 5500 रुपये प्रति हजार मिलती थी। उनका रेट घट कर 3000 हजार से 3200 रुपये प्रति हजार आ गया है जबकि मिट्टी व लेबर के रेट बढ़ रहे हैं। ऐसे में भट्ठा संचालकों को ईट-भट्ठे चलाना मुश्किल हो रहा है। 31 मार्च से लेकर अब तक 29 भट्ठों के लाइसेंस रद हो चुके है। इनमें से खाद्य आपूर्ति विभाग के निदेशक के पास दो भट्ठा संचालकों ने अपील की थी। उनके कागजात पूरे होने के बाद दो भट्ठों के लाइसेंस बहाल कर दिये गए हैं। 
 
अब जिला में 394 ईट भट्ठे बचे हैं। इनमें से 12 ईट भट्ठों की फाइल लाइसेंस रद करने के लिए खाद्य आपूर्ति विभाग की तरफ से तैयार की हुई है। इन भट्ठा संचालकों को मंगलवार तक का समय कागजात पूरे करने के लिए दिया गया है। उसके बाद भी अगर उन्होंने कागजात पूरे कर जमा नहीं करवाए तो बुधवार को फाइल उपायुक्त को भेज दी जाएगी।
 
 ध्यान रहे कि केंद्र की तरफ से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए ईंट भट्ठों को वर्ष 2017-18 में हाईड्रेट सिस्टम से चलाने के लिए आदेश जारी किए थे लेकिन प्रदेश सरकार ने इसे पूरे प्रदेश में लागू कर दिया है। ताकि पूरे प्रदेश में प्रदूषण में कमी आ सके।
 
झज्जर जिला की ईंट भट्ठा एसोसिएशन सरकार के इस कदम की तो सराहना कर रही है लेकिन इस सिस्टम को लागू करने के लिए सरकार से समय देने की मांग कर रही है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि इस सिस्टम को लागू करने के लिए भट्ठा संचालक सरकार को शपथ भर कर देने को तैयार हैं कि 2018-19 के सीजन में सभी भट्ठों पर हाईड्रेट सिस्टम लागू कर दिया जाएगा। इस अवधि के दौरान का उन्हें समय दिया जाए।
 
हैवी प्रॉटीकल नहीं जाते वातावरण में ईंट भट्ठों में हाईड्रेट सिस्टम लागू करे से धूआं जिग-जैग सिस्टम के अंदर से होता हुआ और दीवारों से टकराता हुआ चिमनी तक पहुंचेगा। उस समय तक हैवी प्राटीकल नीचे गिर चुके होंगे और चिमनी के प्राटीकल रहित धूआं बाहर निकलेगा। जिससे पर्यावरण को नुकसान बहुत कम होगा।

 

हाईड्रेट सिस्टम लागू करने के लिए भट्ठा संचालकों को समय देना चाहिए : महावीर गुलिया

 
ईँट भट्ठा एसोसिएशन, झज्जर के सचिव महावीर गुलिया का कहना था कि इस समय भट्ठा उद्योग में मंदी का दौर चल रहा है। सरकार को हाईड्रेट सिस्टम लागू करने के लिए भट्ठा संचालकों को समय देना चाहिए। वर्ष 2018-19 में इसे लागू करने के लिए वे शपथ पत्र देने को तैयार हैं।

 

मंगलवार तक का समय और दिया : डीएफएससी

 
डीएफएससी झज्जर अशोक शर्मा ने बताया कि  ईट-भट्ठा संचालकों को नोटिस देने के बाद भी लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए कागजी कार्रवाई पूरी नहीं की जा रही है। उन्हें मंगलवार तक का समय और दिया गया है। अगर उस समय तक कागजात पूरे कर जमा करवा दिए जाएंगे तो उनके लाइसेंस का नवीनीकरण कर दिया जाएगा अन्यथा लाइसेंस रद करने के लिए फाइल उपायुक्त कार्यालय भेज दी जाएंगी।- , 

You cannot copy content of this page