कैप्टन अभिमन्यु का कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला पर पलटवार

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वित्त मंत्री ने कहा कांग्रेस के पास मुद्दे नहीं बचे 

कांग्रेस सरकार में व्यापारियों को भटकना पड़ता था

 
चंडीगढ़, 21 जून:  हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला द्वारा जारी ब्यान पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 10 वर्ष के शासन के दौरान व्यापारियों के हित में कोई निर्णय नहीं लिया बल्कि उनका उत्पीडऩ करती रही। कांग्रेस सरकार में अपनी मांगे मनवाने के लिए व्यापारियों को भटकना पड़ता था और उनकी कोई सुनवाई नहीं थी जबकि भाजपा सरकार ने गत ढ़ाई वर्ष में व्यापारियों के हित में अनेक निर्णय लिए हैं। कैप्टन अभिमन्यु ने कहा की कांग्रेस के पास मुद्दे ही नहीं बचे हैं, इसलिए कांग्रेस के नेता अनर्गल आरोपों की राजनीति पर उतर आये हैं।
 
वित्त मंत्री ने कहा की भाजपा सरकार ने व्यापारियों से जुड़े अधिकतर सरकारी कामों को ऑनलाइन कर दिया है, जिससे व्यापारियों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ते। सी फार्म को भी ऑनलाइन कर दिया गया है और लाखों सी फार्म ऑनलाइन उपलब्ध करवाए गये हैं जबकि पहले यह फॉर्म देने में भ्रष्टाचार होता था और व्यापारी परेशान होते थे। राज्य सरकार ने ई-पंजीकरण, कर की ई-अदायगी एवं रिटर्न की ई-फाईलिंग और ई-निविदा की सुविधा शुरू की है। कृषि आधारित उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य में निर्मित खल, बिनौला, बेसन तथा सूती धागे को कर से छूट दी गई। मेंहदी और बायो डीजल पर लगने वाले वैट को समाप्त किया। ग्राहकों को खरीदे गए माल का बिल लेने के लिए व्यापारियों को प्रोत्साहित करने हेतु सरकार अपना बिल अपना विकास नामक पुरस्कार योजना शुरू की गई। हर जिले में सबसे अधिक कर अदा करने वाले 3 व्यक्तियों को सम्मानित करने की योजना तैयार की जायेगी। राज्य सरकार ने ई-सेवाओं को लागू करके इंस्पैक्टर राज की दखलअंदाली को समाप्त करके व्यापरियों को राहत दी है।
 
वित्त मंत्री ने कहा की उद्योगों के लिए बिजली की दरें भी कम की जा रही हैं और इनमे एक रूपये प्रति यूनिट की कमी प्रस्तावित है। उन्होंने कहा की सरकार ने व्यापारी कल्याण बोर्ड का गठन किया है जिसके माध्यम से व्यापारियों और सरकार के बीच तालमेल के साथ कार्य किया जा रहा है, उन्होंने कहा सरकार व्यापारियों के हित में जिलास्तर पर व्यापारी सलाहकार समिति बनाने, किसानों की तर्ज पर व्यापारियों के लिए शेयरिंग फार्मुले पर बीमा योजना लागू करने, 5 लाख रुपए तक का कारोबार करने वाले छोटे व्यापारियों की निर्धारित एक प्रतिशत मार्किट फीस समाप्त करने, वैट/सीएसटी रिफन्ड की अधिकतम वित्तिय सीमा में बदलाव लाने और व्यापारियों के लम्बित मामलों का निपटारा करने के लिए फास्ट ट्रैक प्रणाली लेनेे सहित अनेक फैसले लिए हैं। इनमे से कई फैसले लागु किये जा चुके हैं बाकी लागु होने की प्रक्रिया में हैं।
हरियाणा सरकार ने उद्यमियों को एक ही छत के नीचे सभी स्वीकृतियां प्रदान करने और उद्यमियों को आकर्षित करने के लिए ईज आफ डूईंग बिजनेस की सुविधा शुरू की है। इसी वजह से प्रदान करने में हरियाणा 6वें स्थान पर है जबकि इससे पूर्व ईज आफ डूईंग बिजनेस सुविधा प्रदान करने में राज्य 14वें स्थान पर था। उन्होंने कहा की 20 लाख तक का व्यापार करने वाले व्यापरियों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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