सरकारी स्कूलों को बारहवीं तक करने की मांग को लेकर केवाईएस की भूख-हड़ताल

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सभी सरकारी स्कूलों को बारहवीं तक करने की मांग को लेकर केवाईएस की भूख-हड़ताल!

हरियाणा सरकार के सरकारी स्कूलों को बंद करने के फैसले को वापस लेने की मांग उठायी!

महिलाओं और छात्राओं की सुरक्षा के लिए कड़े कदम लेने की भी उठायी मांग!

गुरुग्राम : क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) कार्यकर्ताओं ने कल हरियाणा राज्य में शिक्षा की ख़राब होती स्थिति और सरकार की उदासीनता के खिलाफ जींद कोर्ट के सामने एक-दिवसीय भूख-हड़ताल किया| इस दौरान छात्र-कार्यकर्त्ता कुलदीप, प्रवीन, अजय, ज्योति, सोनबीर, रवि, विकेश, विक्की, दिनेश एवं अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे| ज्ञात हो कि राज्य के ज्यादातर सरकारी स्कूलों में 12वीं तक पढ़ाई की व्यवस्था नहीं है, जिस कारण छात्रों को 8वीं के बाद अन्य स्कूलों में एडमिशन लेना पड़ता है| जिन स्कूलों में 12वीं तक पढ़ाई है, उनमे पर्याप्त सीटें न होने के कारण ज्यादातर छात्रों को तो एडमिशन भी नहीं मिलता| साथ ही,जिनको एडमिशन मिलता भी है, उनको क्लासों में भीड़ होने के कारण कुछ भी पढ़ाया गया समझ में नहीं आता| इस कारण राज्य के ज्यादातर छात्र जो पिछड़ी पृष्ठभूमि से आते हैं, उन्हें पढ़ाई से वंचित होना पड़ता है|सरकारी स्कूलों को बारहवीं तक करने की मांग को लेकर केवाईएस की भूख-हड़ताल 2

राज्य में आये दिन स्कूल-कॉलेज जाने वाली छात्राओं और महिलाओं के साथ छेड़खानी की खबरें आती हैं| हाल ही में रेवाड़ी में भी 8वीं कक्षा की छात्राओं ने स्कूल जाते समय बसों में किये जा रहे यौन-शोषण के खिलाफ भूख हड़ताल कर सरकार को अपने गाँव के स्कूल को 12वीं तक करने की मांग मानने के लिए मजबूर किया है| छात्राएं बसों इत्यादि में यात्रा के दौरान रोजाना छेड़खानी का शिकार होती थीं, परन्तु प्रशासन ने इस पर लापरवाह रूख अपनाते हुए कोई कारवाई नहीं की| इसी तरह पूरे राज्य में छात्राओं को यह समस्या झेलनी पड़ती है|

पिछले साल, हरियाणा सरकार ने राज्य के 1800 स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया था, जिसका कारण स्कूलों में छात्रों की कम संख्या होना बताया गया था| यह पूरी तरह से गलत है, क्योंकि छात्र शिक्षकों की स्कूलों में कमी और आर्थिक समस्याओं के कारण नहीं आते हैं| इस फैसले से पहले से ही शिक्षा तक नहीं पहुँच पा रहे छात्रों के लिए पढ़ पाना और भी मुश्किल हो जाएगा| सरकार को वंचित छात्रों को शिक्षा तक लाने के लिए और भी ज्यादा स्कूल-कॉलेज खोलने और सरकारी स्कूल के सभी छात्रों को छात्रवृत्ति देने की ज़रुरत है, परन्तु भाजपा सरकार स्कूलों को बंद कर, प्राइवेट स्कूलों को मुंह-मांगी फीस वसूलने की खुले तौर पर इजाज़त दे रही है|

कार्यकर्ताओं ने मांग की कि सभी सरकारी स्कूलों को 12वीं तक का बनाया जाए और कम संख्या वाले स्कूलों को बंद करने वाले हरियाणा सरकार के फैसले को तुरंत वापस लिया जाए| साथ ही, छात्राओं के लिए 12वीं तक की शिक्षा की व्यवस्था उनके गाँव के स्कूलों में की जाए और बस-यातायात में महिलाओं-छात्राओं की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतज़ाम किये जाएँ| इसके अतिरिक्त, सभी छात्रों को एक समान शिक्षा देने के लिए बिल पारित किया जाने और सभी सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनको छात्रवृत्ति दिए जाने की मांगों को भी उठाया गया|

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