अब 9वीं से 12वीं तक की ई-पाठयपुस्तकें ई-पोर्टल पर पढ़ सकेंगे

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सी एम् ने किया पोर्टल का उदघाटन

चण्डीगढ़, 19 मई :  हरियाणा में डिजीटल इंडिया अभियान के तहत अब छात्रों को ई-पाठयपुस्तकें पढऩे को मिलेगी और इसकी शुरूआत आज प्रदेश के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड, भिवानी के छात्रों की सुविधा के लिए पहली बार ई-पाठयपुस्तकों के पोर्टल पर कम्प्यूटर का बटन दबाकर उदघाटन किया। इस पोर्टल पर बोर्ड द्वारा कुल 26 पाठ्यपुस्तकें 9वीं से 12वीं तक ई-पोर्टल पर अपलोड की हैं, जिनमें 9वीं की 11 पुस्तकें, 10वीं की 9 पुस्तकें, 11वीं व 12वीं की 3 पुस्तकें शामिल हैं।
 
इस मौके पर उन्होंने कहा कि पारंपरिक पाठ्यपुस्तकों की तुलना में डिजीटल पाठ्यपुस्तकें सस्ती हैं और ई-पाठ्यपुस्तकें पर्यावरण के प्रति अति-अनुकूल हैं तथा वृक्षों को काटने से बचाया जा सकता है, जिससे पर्यावरण सुरक्षित रखा जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-पाठ्यपुस्तकों को आसानी से ऑडियो फाइलों में परिवर्तित किया जा सकता है, जिससे विषय-वस्तु शीघ्रता से याद हो जाती है।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक इलेक्ट्रॉनिक पाठ्यपुस्तक को ई-पाठ्यपुस्तक, डिजीटल पाठ्यपुस्तक या एक ऑनलाइन पाठ्यपुस्तक के रूप में भी जाना जाता है। ई-बुक इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में एक पुस्तक है। यह कम्प्यूटर, पीसी, मैक, लैपटॉप, टैबलेट, स्मार्टफोन या किसी अन्य प्रकार की पठन डिवाइस पर डाउनलोड किया जाता है और स्क्रीन पर पढ़ा जाता है। इसमें गिने हुए पृष्ठ, सामग्री की तालिका, चित्र और ग्राफिक्स हो सकते हैं, यह एक मुद्रित पाठ्यपुस्तक की तरह है। उन्होंने कहा कि हरियाणा बोर्ड बधाई का पात्र है जिसने विद्यार्थियों की सुविधा के मद्देनज़र पाठयपुस्तकें ई-पोर्टल पर अपलोड की हैं। उन्होंने कहा कि बोर्ड पहले ही ई-लॉकर लाकर सबसे अग्रणी रहा है। उन्होंने कहा कि बोर्ड की यह पहल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का डिजीटल इंडिया बनाने की ओर एक सशक्त व महत्त्वपूर्ण कदम है।
 
उन्होंने कहा कि भौतिक रूप में प्रकाशित पाठ्यपुस्तकें उठाने में भारी हो सकती हैं। विद्यार्थी को विद्यालय में दर्जनों पाठ्यपुस्तकों को ले जाना बोझिल हो रहा है। दूसरी ओर डिजीटल पाठ्यपुस्तकों को एक छोटे से लैपटॉप या ई-रीडर पर ले जाया जा सकता है, जिससे छात्रों को सैकड़ों ई-पाठ्यपुस्तकों को ले जाने में सक्षम बनाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-पाठ्यपुस्तक पर किसी भी जानकारी को जल्दी से खोज लेने में सुविधा होती है। सूचकांक पृष्ठों या किसी विशिष्ट पैराग्राफ की खोज करने की आवश्यकता नहीं है। अधिकांश ई-रीडर पुस्तकों के विशिष्ट शब्दों या पैराग्राफ को नोट करने के लिए नोट्स लिए जा सकते हैं। इससे छात्रों को अपनी डिजीटल पाठ्यपुस्तकों से स्पष्ट नोट लेने में मदद मिलती है।
 
उन्होंने आगे कहा कि ई-पाठ्यपुस्तक तुंरत ही डाउनलोड की जा सकती है। पुस्तकों के प्रकाशन, डिलीवरी व वितरण के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ता है। हाइलाइटिंग फंक्शन के माध्यम से छात्रों को ई-पाठ्यपुस्तक के महत्वपूर्ण हिस्से बाद में आसान अध्ययन के लिए चिन्हित करने की सुविधा होती है। कॉपी और पेस्ट फंक्शन के माध्यम से छात्र पाठ्यपुस्तकों के भिन्न-भिन्न आवश्यक हिस्सों को अलग करके उपयोग में ला सकते हैं।
 
इस अवसर पर भिवानी-महेंद्रगढ़ के सांसद  धर्मबीर सिंह, भिवानी के विधायक घनश्याम सर्राफ, बवानीखेड़ा के विधायक  बिशम्बर बाल्मीकि, बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. जगबीर सिंह, पशुधन आयोग हरियाणा के चेयरमैन  ऋषिप्रकाश शर्मा तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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