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: स्वास्थ्य विभाग ने फेल सैंपल मालिकों को नोटिस जारी किये
: मेवात के मेडिकल स्टोर पर बिक रही है नकली और नशे की दवाईयां
: मेवात में नहीं है ड्रग कंट्रोलर ऑफिसर
यूनुस अलवी
मेवात: पिछले तीन महिने के दौरान मेवात जिला में दूध डेरी, मिटाईयों कि दुकान आदि जगोंह पर मारे गये छापों में के रजल्ट आने शुरू हो गये है। मेवात स्वास्थ्य विभाग द्वारा पुन्हाना, तावडू, फिरोजपुर झिरका, नूंह खंडों में स्थित दूग्ध, पनीर कि डेरी, मिटाईयों कि दुकानों पर छापा मारकर कुल 19 सैंपल जांच के लिये करनाल भेजे गये थे। सभी सैंपल का रजल्ट प्राप्त हो चुका है जिनमें से 7 पास और 12 सैंपल फेल पाये गये हैं। फैल पाऐ गये सैंपलों के मालिकों से एक महिने में जवाब देने के लिये नोटिस भेजे गये है। उसके बाद ही विभाग कोई कार्रवाई कर सकेगा।
मेवात के डिप्टी सिविल सर्जन एंव जिला स्वास्थ्य अधिकारी एसके कौशिक ने बताया कि पिछले दो-तीन महिने के दौरान उन्होने जिला फूड सेफ्टी अधिकारी के साथ मिलकर मेवात इलाके कि पिनगवां, पुन्हाना के गौधोला, महूं का चौपडा, नूंह मन्नाकी, तावडू आदि जगह पर चल रही दूध डेरियों पर छापे मारकर घी, दूध, तेल आदि के करीब 19 सैंपल लिये थे। सभी की जांच के लिये करनाल लैब में भेजा गया था। जिनमें 19 में से 12 सैंपल फैल हैं तो सात पास पाऐ गये हैं। फैल सैंपलों में से अधिक्तर दूध के सैंपल शामिल है। डीएचओ ने बताया कि जिन 12 लोगों के सैंपल फैल पाऐ गये हैं उनको एक महिने के अंदर जवाब देने के लिये कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। उनका कहना है कि अगर वे डेरी मालिकों के जवाब से संतुष्ठ नहीं हुऐ तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कि जाऐगी।
मेवात में नहीं है फूड सेफ्टी ऑफिसर
फूड सेफ्टी ऑफिसर (एफएसओ) का मेवात जिला में एक पद है वह भी पिछले काफी समय से खाली पडा हुआ है। फरीदाबाद के एफएसओ को मेवात कि अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंप रखी है। जो कभी-कभार ही आ पाता है। एफएसओ ना होने कि वजह से दुध, पनीर, खोवा, मिठाई आदि में मिलावट करने वालें लोगों के हौंसले बुलंद हैं। एफएसओ का काम होता है कि वह दूध और दुध से बनी चीजों कि जांच कर पता लगाऐ कि इसमे मिलावट तो नहीं हो रही है।
मेवात में नहीं है ड्रग कंट्रोलर ऑफिसर
मेडिकल स्टोर पर बिकले वाली दवाईयों को सैंपल लेने और झोला छाप डाक्टरों पर नजर रखने के लिये जिसमें में एक ड्रग कंट्रोलर ऑफिसर (डीसीओ)होता है। यह पद मेवात जिला में करीब 10 साल से खाली पडा हुआ है। फिलहाल पलवल के डीसीओ को मेवात का अतिरिक्त चार्ज दे रखा है लेकिन उसने लिखित में मेवात आने से मना कर रखा है। जिसकी वजह से मेवात जिला में नकली दवाईयों, नशे कि दवाईयों और झोलाछाप डाक्टरों कि भरमार चल रही है।
क्या कहते हैं ग्रामीण ?
समाजसेवी उसमान दुर्रानी, शिक्षाविद्ध अबदुल वहाब का कहना है कि मेवात में ना तो डीसीओ है और ना ही एफएसओ है जिसकी वजह से मेवात जिला में मिलावट का काम धडलले से चल रहा है, इतना हीं नहीं मेडिकल स्टोरों पर नशे की दवाईयां और प्रतिबंधित नकली दवाईयां खुली बैची जा रही है। अगर मेवात में छापा मारने वाले अधिकारी होगें तभी तो कोई कार्रवाई हो सकेगी लेकिन यहां सब गोलमाल चल रहा है। अधिकारियों ने पहले ही सेटिंग कर रखी है जिसकी वजह से कोई मेवात में आता ही नहीं है अगर कोई छापा भी मारता है तो आरोपी को पहले ही पता चल जाता है।