डाक्टरों की लापरवाही से मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स के पद पर कार्यरत कर्मचारी की मौत

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: प्रसव के दौरान अधिक खून निकलने से हुई मौत

: कर्मचारियों ने डाक्टरों पर लगाया लापरवाही का आरोप

: तीन डाक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज

 

यूनुस अलवी

 
डाक्टरों की लापरवाही से मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स के पद पर कार्यरत कर्मचारी की मौत 2मेवात:    मेवात के शहीद हसन खां मेडिकल कॉलेज में डीसी रेट पर कार्यरत स्टाफ नर्स प्रमीला की डिलीवरी के दौरान मौत हो गई। कर्मचारियों और परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप  लगाते हुए मंगलवार रात से ही कॉलेज में धरने पर बैठ गए है। शहीद हसन खान मेडिकल कॉलेज में कार्यत डॉक्टरों को छोड़कर सभी कर्मचारी हड़ताल पर है। बुधवार को जिला प्रशासन ने हडताली कर्मचारियों को समझाने का प्रयास किया लेकिन हड़ताल पर बेठे कर्मचारियों का कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती तब तक वो शव को नहीं उठाएंगे।
   आप को बता दें कि मृतक प्रमीला शहीद हसन खां मेडिकल कॉलेज में पिछले साडे चार साल से डीसी रेट पर बतौर स्टाफ नर्स कार्यरत थी। कर्मचार राजकुमारी और मेडिकल कॉलेज यूनियन के प्रधान ओमबीर सिंह ने बताया कि मंगलवार को करीब दो बजे प्रमीला को प्रसव का दर्द हुआ था। उसने कॉलेज में लाया गया जहां उसकी डाक्टरों ने जांच की। उसके बाद सभी डाक्टर गायब हो गये। करीब 5 बजकर 10 मिनिट पर प्रमीला ने एक बच्ची को जन्म दिया यह उनकी दूसरी डिलेवरी थी। उनकी पहली बच्ची करीब 14 साल की है। कर्मचारियों ने बताया कि प्रसव के बाद प्रमीला को ब्लेडिंग शुरू हो गई। प्रमीला और बच्चे की हालत गंभीर होने लगे जिसकी सूचना डाक्टर दिव्या मंगला को दी जिसने कहा कि वह असपताल में नहीं है। जबकी वह कॉलेज परिषर के स्पोर्टस कम्पलैक्स में मौजूद थी। नो बेहोशी का डाक्टर मौजूद था। आखिरकार जब तक डाक्टर आते प्रमीला ने शाम साडे सात बजे दम तोड दिया। उनका कहना है कि अगर डाक्टर जल्द ही मौके पर होते तो उसे बचाया जा सकता था।
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कर्मचारियों की मांग

 
   धरने पर बेठे कर्मचारियों ने सरकार से लापरवाह डॉक्टरों को बर्खास्त कर उनको गिरफ्तार करने, मृतक प्रमला की बेटियो के नाम 2 करोड़ रुपए कि सहायता राशी देने तथा बडी लडकी के बालिग़ होने पर उसको सरकारी नोकरी दी जाने की मांग रखी।

 

कर्मचारियों के आरोप

 
 धरने पर बेठे कर्मचारियों का आरोप है कि शहीद हसन खां मेडिकल कॉलेज में कार्यत अधिक्तर डाक्टर यहां रहते ही नहीं हैं। ज्यादातर डाक्टर शाम को गुडगांव चले जाते हैँ और सरकार से मेवात डिफिकल्ट अलाउंस के नाम का पैसा भी लेते हैं। उन्होने यह भी आरोप लगाया कि अधिक्तर डाक्टर यहां आने वाले मरीजों को इलाज करने कि बजाऐ उनको सीधा दिल्ली या गुडगांव रेफर कर देते हैं।
 

तीन डाक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज

 
    नूंह पुलिस ने मृतक स्टाफ नर्स प्रमीला के पति बालू प्रकाश की शिकायत पर कॉलेज के हेड ऑफ द डिपार्टमेंट डॉ रवि दत्त वधवा, महिला डॉक्टर दिव्या मंगला, डॉ एसपी सिंह सहित तीन के खिलाफ धारा 304 ए के तहत मामला दर्ज जांच शुरू कर दी है।
 

  डीसी ने नूंह के एसडीएम की अगुवाई में जांच टीम गठित की

 
मेडिकल कॉलेज के डारेक्टर संसार चंद शर्मा ने बताया कि डीसी मणिराम शर्मा ने नूंह के एसडीएम डाक्टर मनोज की अगुवाई में जांच टीम गठित की गई है। उन्होने कहा कि कर्मचारियों से उन्होने दो डाक्टरों के नाम मांगे है जिनको जांच टीम का हिस्सा बनाया जाऐ लेकिन अभी तक उन्होने नाम नहीं दिये हैं।

 

अभी तक पोस्टमार्टम नहीं हुआ

 
कॉलेज कर्मचारी यूनियन के प्रधान ओमबीर ने बताया कि जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाता है तब तक मृतक प्रमीला पोस्टमार्टम नहीं होने दिया जाऐगा।

 

केंडल मार्च निकाला

 
मृतक प्रमीला को इंसाफ दिलाने के लिये मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियो ने मिलकर मेडिकल कॉलेज, डीसी कार्यालय और नूंह के मुख्य बाजार से केंडल मार्च निकाला वहीं गांधी पार्क में समाप्त किया।
 

सीएम ने मांगी रिपोर्ट

 
पिछले 24 घंटे से चल रहे घटना क्रम के बारे में मुख्यमंत्री मनोहरलाल खटटर और स्वास्थय मंत्री अनिल विज ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने रिपोर्ट मांगी है। इस बात की पुष्टि कॉलेज के डारेक्टर संसार चंद शर्मा ने की है।

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