अनिल जिंदल के खिलाफ मामला दर्ज होने से पीड़ित पक्ष को न्याय की उम्मीद
फरीदाबाद ( धर्मेन्द्र यादव ) : निवेश करने के नाम पर फरीदाबाद और बल्लभगढ़ के हजारों लोगों के करोड़ो रूपए डकारने वाले एसआरएस ग्रुप के चेयरमैन अनिल जिंदल आखिर कानून के शिकंजे में आ ही गया। पुलिस ने अनिल जिंदल के खिलाफ दिनेश मक्कड नामक निवेशक के साथ मारपीट करने और बाऊंसरों से पिटवाने तथा लूटपाट करने का मामला दर्ज किया है। पुलिस फिलहाल मामलें की जांच कर रही है। लेकिन अपना सबकुछ गवा चुके पीडि़त लोग अनिल जिंदल के खिलाफ मामला दर्ज करने से खुश है और उन्हे अब पुलिस व प्रशासन से न्याय की आशा की किरण नजर आने लगी है।
लोगों के गाढ़े खून- पसीने की कमाई को निवेश के नाम पर डकारने में जहां दूसरे फाईनेंसरों ने कोई कसर नहीं छोडी, वही नामी गिरामी एसआरएस ग्रुप ने भी लोगों के पैसे लौटाने के नाम पर उन्हे ठेंगा दिखा दिया। इससे पीडि़त लोग कई बार धरना- प्रदर्शन भी कर चुके है। लेकिन पुलिस और राजनैतिक सांठगांठ के चलते इन फाईनेंसरों का कुछ नहीं बिगड पाया। जबकि सतिश गोयल नामक एक व्यापारी ने इससे दुखी होकर आत्म हत्या तक कर ली थी। पुलिस ने मामला तो दर्ज किया्, लेकिन गिरफ्तारी किसी की नहीं हो पाई। अंत में पीडि़त के परिजनों ने फाइनेंसरों से समझोता कर लिया।
पीडि़त लोगों ने कई बार अपना पैसा लौटाने की मांग की, लेकिन एसआरएस गु्रप के चेयरमैन और उनके कारिंदों ने या तो उन्हे जमीन देने या फिर कुछ देने के नाम पर टरकाते रहे या फिर बाऊंसरों का डर दिखाकर धमकाते रहे। एसआरएस टावर में पीडित कई बार तोडफोड भी कर चुके है। लेकिन पुलिस की मिलीभगत के चलते पीडि़तों को कोई न्याय नहीं मिल पाया। अनिल जिंदल पर राज्य के एक केबीनेट मंत्री के वरदहस्त के चलते ये लोग मौज करते रहे और निवेश के नाम पर अपना सबकुछ गंवा चुके लोग केवल धकके खाते रहे।
इतना बड़ा एमपायर लोगों के पैसे पर खडा करने वाले अनिल जिंदल को पता भी नहीं होगा कि एक दिन उसके खिलाफ भी कानून का शिकंजा कस जायेगा। दिनेश मककड नामक निवेशक जब अपने दो साथियों के साथ अपना पैसा मांगने के लिए एसआरएस टावर में अनिल जिंदल के पास पंहुचे तो न केवल जिंदल के बाऊंसरों व दूसरे कारिंदों ने उनके साथ मारपीट की, बल्कि जिंदल ने भी उनके साथ लूटपाट कराई और धमकी दी। पुलिस ने अनिल जिंदल, उसके स्टाफ और बाऊंसरों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
एसआरएस के पीडि़त दूसरे लोगों का कहना है कि पुलिस ने पहली बार अनिल जिंदल के खिलाफ मामला दर्ज करके सराहनीय कार्य किया है। लेकिन इस मामलें में कार्रवाही भी होनी चाहिए। तभी इस तरह के लोगों को सबक मिलेगा और पीडि़तों को राहत मिलेगी। पुलिस के पास एसआरएस और उसके एजेन्टों के खिलाफ कई शिकायतें लम्बित है, उन पर भी कार्रवाही होनी चाहिए।
वहीं इस बारे में आरोपी अनिल जिंदल से बात करने के लिये उनके दफ्तर एसआरएस टावर पहुंचे तो बता लगा कि साहब मामला दर्ज होते ही शहर से बाहर चले गये हैं।
अब देखना यह है कि मामला दर्ज होने के बाद पुलिस इस मामलें में कब तक अरोपी को सलाखों के पीछे पंहुचाती है, या फिर राजनैतिक दखल फिर पुलिस कार्रवाही के आडे आयेगा.