500 वर्ग मीटर के प्लाट को पार्किंग बना कर करें कमाई !

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नगरपालिका सीमाओं के अन्दर खाली प्लाटों के अस्थायी पार्किंग की योजना 

प्रतिवर्ष 100 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से लाइसेंस शुल्क देने होंगे 

चंडीगढ़ :  हरियाणा सरकार ने प्रदेश की नगरपालिका सीमाओं के अन्दर खाली प्लाटों के अस्थायी पार्किंग के रूप में उपयोग के लिए नीति तैयार की है। शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन ने आज यहां यह जानकारी दी.

 

उन्होंने बताया कि यह नीति प्रदेश में नगरपालिका सीमा के अन्दर खाली भूखंडों पर पार्किंग स्थल के उपयोग के लिए लागू होगी। नीति मानदण्डों के अनुसार, प्लांट का आकार 500 वर्ग मीटर से कम नहीं होना चाहिए। हालांकि  न्यूनतम 500 वर्ग मीटर क्षेत्र बनाने के लिए, सहमति के शपथ-पत्र के साथ उसी स्वामित्व या अलग-अलग स्वामित्व वाले 500 वर्ग मीटर से कम के प्लाटों को मिलाने की अनुमति दी जाएगी बशर्ते कि वे एक-दूसरे के साथ लगते हों।

12 मीटर चौड़ी सडक़ जरूरी 

 मंत्री ने बताया कि स्थल तक पहुंच के लिए कम से कम 12 मीटर चौड़ी सडक़ होनी चाहिए। इस नीति के तहत अनुमति प्रतिवर्ष 100 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से लाइसेंस शुल्क के भुगतान पर दी जाएगी। वाहनों के लिए पार्किंग शुल्क संबंधित नगरपालिकाओं (नगर निगम, नगर परिषद, नगरपालिका) द्वारा तय किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जो भी व्यक्ति  पार्किंग स्थल उपलब्ध करवाने के लिए अपने प्लाट का उपयोग करना चाहता है, उसे अपने प्लाट के राजस्व दस्तावेजों के साथ आयुक्त  या कार्यकारी अधिकारी या सचिव को आवेदन करना होगा। 
श्रीमती जैन ने बताया कि केवल सतह पार्किंग की अनुमति दी जाएगी और इसके लिए स्थल समतल होना चाहिए।

 

शौचालय और टिकट रूम या गार्ड रूम,जोकि 50 वर्ग फुट से अधिक  न हों, को  छोडक़र किसी भी प्रकार के  स्थायी निर्माण की अनुमति नहीं होगी। जारी की गई अनुमति को भूमि उपयोग परिवर्तन या किसी भी रूप में स्थायी अनुमति नहीं माना जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि पार्किंग की सुविधा प्रदान करने के लिए यह केवल अस्थायी अनुमति है। यह एक वर्ष के लिए जारी की जानी चाहिए और क्षेत्र की आवश्यकता के अनुसार प्रत्येक कैलेंडर वर्ष को नवीनीकृत की जानी चाहिए। नवीकरण की अनुमति, अनुमति के लिए लाइसेंस शुल्क के भुगतान पर दी जाएगी। 
उन्होंने कहा कि पार्किंग के मालिक  यह सुनिश्चित करेंगे कि इस सुविधा के कारण लोगोंं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, अन्यथा पालिका द्वारा किसी भी समय बिना कोई सूचना दिए अनुमति को रद्द किया जा सकता है। पार्किंग के मालिक को यह सुनिश्चित करना होगा कि  पार्किंग के प्रभाव क्षेत्र में कोई भी वाहन सडक़  पर खड़ा न हो। प्रभाव क्षेत्र का निर्णय पार्किंग क्षेत्र की क्षमता के आधार पर किया जाएगा। प्लाट का मालिक  स्थल के उपयोग के बारे में साइन बोर्ड लगाएगा और दरें प्रदर्शित करेगा।
      मंत्री ने बताया कि यदि पार्किंग का मालिक  नीति के किसी भी मानदण्ड का उल्लंघन करता है, तो नगरपालिकाएं नोटिस जारी कर सकती हैं और उल्लंघन के लिए 5,000 रुपये तक का जुर्माना कर सकती हंै। अगर मालिक  नीति के मानदण्डों का निरन्तर उल्लंघन करता रहता है, तो दूसरा नोटिस  देकर अनुमति रद्द कर दी जाएगी और शुल्क या अधिभार जब्त कर लिए जाएंगे। 

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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