स्टंट की मूल्य सीमा तय करने की अधिसूचना जारी
नई दिल्ली : सबके लिए सस्ती और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप भारत सरकार ने हृदय में लगाये जाने वाले स्टंट की मूल्य सीमा तय करने की अधिसूचना जारी कर दी है। यह सूचना आज यहां रसायन एवं उर्वरक तथा संसदीय कार्यमंत्री अंनत कुमार ने दी। उन्होने कहा कि इस कदम से स्टंट की कीमतों में लगभग 380 प्रतिशत की कमी आ जायेगी।
श्री कुमार ने बताया कि बाजार में बेयर मेटल स्टंट (बीएमएस) का 10 प्रतिशत हिस्सा है। उसकी कीमत 7260 रुपये सीमित कर दी गई है। इसी तरह ड्रग एल्यूटिंग स्टंट (डीईएस) का बाजार में 90 प्रतिशत हिस्सा है, जिसकी कीमत 29,600 रुपये सीमित कर दी गई है। कीमतों में वैट और अन्य स्थानीय कर शामिल नहीं हैं। उनके अनुसार स्टंट पर तमाम राज्यों में 5 प्रतिशत वैट लगाया जाता है, जिसके हिसाब से बीएमएस और डीईएस का खुदरा मूल्य क्रमश: 7623 रुपये और 31,080 रुपये होगा। उन्होंने बताया कि 60 दिन के अंदर राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने यह कीमतें तय की हैं।
श्री अनंत कुमार ने कहा कि पहले स्टंटों की बिक्री से मनमाना नफा कमाया जाता था, जिस पर इस निर्णय से बहुत प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि बहरहाल नई कीमतों से उद्योगों पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा। पहले बीएमएस का खुदरा मूल्य 45,000 रुपये और डीईएस का 1,21,000 रुपये था। अब बीएमएस की कीमत घटकर 7623 और डीईएस की 31,080 हो गई है। इस तरह मरीजों को औसतन 80-90 हजार रुपये का लाभ होगा।
अनंत कुमार ने स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने हृदय में लगाये जाने वाले स्टंट को 19 जुलाई, 2016 को आवश्यक औषधि सूची 2015 में शामिल किया था। इसी तरह रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने 21 दिसंबर, 2016 को हृदय में लगाये जाने वाले स्टंट को औषधि मूल्य नियंत्रण आदेश, 2013 की अनुसूची 1 में शामिल किया था।
मंत्री महोदय ने आश्वासन दिया कि वे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को लिखेंगे कि कीमतों को बढ़ने से रोका जाये तथा डॉक्टरों की फीस और अस्पताल में मरीज के रहने की अवधि के संबंध में निगरानी रखी जाये ताकि कीमतों की कमी का लाभ मरीजों को मिल सके। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में जो स्टंट पहले से जमा हैं, उनकी कीमतों में भी संशोधन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि अगर तयशुदा कीमतों की अवलेहना होती है तो एनपीपीए को यह अधिकार दिया गया है कि वह अतिरिक्त कीमत को 15 प्रतिशत ब्याज के साथ वसूल करे। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने ‘फार्मा जन समाधान’ और ‘फार्मा सही दाम’ नामक दो मोबाइल एप्प शुरू किये हैं। इनके द्वारा कोई भी व्यक्ति मंत्रालय के पास शिकायत भेज सकता है। उन्होंने कहा कि नई कीमतों से ‘मेक इन इंडिया’ को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित करने का अवसर मिलेगा।
इस अवसर पर औषध विभाग के सचिव जय प्रिय प्रकाश, एनपीपीए के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह और एनपीपीए की सदस्य सचिव शर्मिला मैरी जोसेफ और अन्य विशिष्टजन भी उपस्थित थे।