शिक्षा के मंदिर पर अवैध कब्जे : गांव के बच्चे कैसे बनेंगे अफसर ?

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यूनुस अलवी

मेवात:    स्कूल शिक्षा का मंदिर होता है, जिसको खूब सूरत तरीके से सजा कर रखा जाता है। स्कूल के मुख्य द्वार और आस-पास हरियाली रखी जाती है जिससे यहां पढने आने वाले छात्र-छात्राऐं मन लगाकर पढ सकें लेकिन पुन्हाना खंड के गांव नेवाना के इस मिडिल स्कूल को देखकर नहीं लगता कि यहां बच्चे पढने भी आते होगें, अगर आते भी होंगें तो स्कूल के अंदर प्रवेश कैसे करते होगें। 

   पुन्हाना खंड के गांव नेवाना स्थित मिडिल स्कूल के मुख्य द्वार लोगों द्वारा  लकडी डालकर और उपले थेप कर रखे अवैध कब्जों को देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्कूल के अध्यापक और ग्राम पंचायत का सफाई कि ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। अवैध कब्जों से सिकुड चुके स्कूल के मुख्य द्वार से भी यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि मुद्दतों से शिक्षा विभाग का कोई अधिकारी भी यहां नहीं पहुंचा होगा। इन अवैध कब्जों से ऐसा लगता है कि यहंा कोई शिक्षा का मंदिर नहीं बल्कि कोई खंडहर भवन है।

   गांव के युवा पंचायत सदस्य जाकिर हुसैन, शमशुदीन, साबिर खान का कहना है कि स्कूल के मुख्य द्वार पर गांव के ही कुछ दबंग लोगों ने लकडियां डालकर और उपले थेप कर अवैध कब्जा कर रखा है। इनता ही नहीं स्कल के साथ ही कब्रिस्तान हैं, उन पर भी लोगों ने अवैध कब्जे कर रखे हैं। स्कूल और कब्रिस्तान का साफ सुथरा रखने और अवैध कब्जों को हटवाने के लिये उन्होने कई बार गांव के सरंपच, मुख्य अध्यापक से कई बार शिकायत कि पर वे इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। उनका आरोप है कि स्कूल के मुख्य द्वार पर अवैध कब्जा होने कि वजह से स्कूल के छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी होती है। बच्चों को खेलने के लिये भी कोई जगह नहीं बची है।

  आरिफ और आसिक अली का कहना है कि उनके स्कूल का नीक्षिण करने कभी अधिकारी नहीं आते हैं जिसकी वजह से स्कूल के अध्यपक लापरवाह हो गये हैं। उनका कहना है कि स्कूल के हेडमास्टर ने भी इन अवैध कब्जों को हटवाने का भी कोई प्रयास नहीं किये हैं। उनका कहना है कि प्रधान मंत्री के सफाई अभियान कि भी यहां पोल खुल रही है।

 स्कूल के हेडमास्टर शौकत अली से जब इस अवैध कब्जे के बारे में पूछा गया तो उन्होने बताया कि इस बारे में उन्होने किसी को लिखित में शिकायत तो नहीं दी है लेकिन गांव के प्रमुख लोगों को मौखिक में शिकायत जरूर की है। उनका कहना है कि स्कूल के द्वार के सामने उपले थेपने और कांटेदार लकडियां पडी होने कि वजह से बच्चों को भारी परेशानी होती है।

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