महागठबंधन में ठनीः JDU ने दी नसीहत
रघुवंश के बोल विपक्षी भाजपा से भी तीखे
पटना : जेल से छूटने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बारे में मो.शहाबुद्दीन के बयान से तिलमिलाए जदयू ने अपनी सहयोगी राजद को पहली बार तल्ख लहजे में चेतावनी दी है। पार्टी नेता विजेंद्र यादव ने कहा है कि गठबंधन चलाना सबकी जिम्मेदारी है। राजद सुप्रीमो लालू यादव अपने पार्टी नेताओं को बयानबाजी से रोकें। अगर इसमें कोई दिक्कत है तो सब लोग अपनी जिम्मेदारी तय कर लें।
?इस बयान को महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी राजद के लिए कड़ी नसीहत के रूप में देखा जा रहा है। मो.शहाबुद्दीन का नाम और उनके बयान के जिक्र के बिना जदयू नेता विजेंद्र यादव ने ने केवल रघुवंश प्रसाद सिंह के बयानों का उल्लेख कर जहां शहाबुद्दीन का महत्व कम करने की कोशिश की वहीं रघुवंश प्रसाद का उल्लेख कर जताया कि राजद के वरीय नेताओं के बयानोें की उपेक्षा नहीं की जा सकती। जदयू के लिए यह असहनीय है।
?उधर एक ओर जहां विजेंद्र यादव ने राजद को निशाने पर रखा, ललन सिंह ने भाजपा की मांगों पर जदयू का पक्ष रखा। कानूनी पहलुओं की चर्चा कर बताने की कोशिश की कि सीसीए लगाना कानूनन मुश्किल है।
?विजेंद्र यादव ने राजद नेता रघुवंश प्रसाद को निशाने पर ऱखते हुए साफ कहा कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव जी से अपील करते हैं कि वे अपने नेताओं को उल्टा बयान देने से रोकें। कहा कि राजद के नेता रघुवंश प्रसाद सिंह बारबार गठबंधन की राजनीति के खिलाफ बयान देते हैं। यह ओछापन गठबंधन के हित में नहीं है।
?कहा कि भाजपा विरोधी दल है लेकिन इससे भी ज्यादा तल्ख टिप्पणी रघुवंश प्रसाद कर रहे हैं। इसलिए लालू प्रसाद से अपील करना चाहते हैं कि वरीय नेताओं को ऐसे बयान देने से रोकें। अगर इसमें कोई दिक्कत है तो हम सबकी जिम्मेदारी बनती है।
?शहाबुद्दीन के बारे में विजेंद्र यादव ने कहा कि उनका क्या महत्व है? रघुवंश प्रसाद सिहं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं इसलिए मीडिया में आने की जरूरत पड़ी।
?उधर ललन सिंह ने कहा कि सीमा काे काेई पार करे ताे चर्चा हाेती है। जदयू के किसी नेता ने ऱाजद के खिलाफ बयान नहीं दिया। हम भी राजद से यही उम्मीद करते हैं कि काेई लक्ष्मण रेखा पार नहीं करे। शहाबुद्दीन पर सीसीए की मांग पर कहा कि कानून में यह नियम नहीं कि जिस आदमी पर नाै माह पहले का केस है उसमें सीसीए लगे।
शहाबुद्दीन प्रकरण को लेकर जेडीयू की हाई लेवल मीटिंग
सीएम समेत कई नेता मौजूद
एक अणे मार्ग में सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हो रही इस बैठक में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, मंत्री ललन सिंह, मंत्री विजेंद्र यादव के अलावा कुछ और बड़े नेता समेत राज्य के एडवोकेट जेनरल भी मौजूद हैं.बैठक में रिहाई के बाद से शहाबुद्दीन को लेकर दिये गए बयान के अलावा कुछ विधायकों की शहाबुद्दीन को लेकर दिखाई गई सरपरस्ती को लेकर भी चर्चा होने के संकेत मिले हैं. गौरतलब है कि जेल से निकलने के बाद शहाबुद्दीन ने सीएम नीतीश कुमार को परिस्थितियों का सीएम कहा था. इसको लेकर दोनों पार्टी की ओर से एक दूसरे पर पलटवार किया जा रहा है.
दूसरी ओर गिरधारी यादव को सस्पेंड करने या उन पर कार्रवाई करने को लेकर भी जेडीयू बड़ा फैसला ले सकती है. रिहाई के बाद जेडीयू के विधायक गिरधारी यादव की शहाबुद्दीन के प्रति खासी सक्रियता देखने को मिली थी जो कि पार्टी को नागवार गुजरी थी.