केंद्रीय विद्यालय पर सियासत तेज, अपनी-अपनी मांगों को लेकर अड़े लोग

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 पहले मेव समुदाय की पंचायत तो अब राजपूतों ने सौंपा ज्ञापन
विद्यालय संगेल में बनाए जाने के पक्ष में आए एचएससी सदस्य सुरेंद्र सिंह

यूनुस अलवी

केंद्रीय विद्यालय पर सियासत तेज, अपनी-अपनी मांगों को लेकर अड़े लोग 2मेवात: जिले में प्रस्तावित केंद्रीय विद्यालय के निर्माण को लेकर सियासत तेज हो गई है। दो दिन पहले मेव समुदाय ने उक्त विद्यालय को सालाहेड़ी गांव में बनाने के लिए पंचायत की थी तो मंगलवार को राजपूत समुदाय ने विद्यालय को संगेल में बनाए जाने के लिए उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन सौंपने के बाद कई लोगों ने कहा कांग्रेस सरकार में लगातार उनकी अनदेखी की गई। कोई संस्थान उनके गांव में नहीं बनाया गया। आज केंद्रीय विद्यालय बनाए जाने की बात है तो एक समुदाय इसका विरोध कर रहा है, जो गलत है। अब से पहले और गांवों में जो संस्थान बनाए गए उनका उन्होंने कोई विरोध नहीं किया। उक्त लोगों ने साफ कहा उनकी अनदेखी की तो वो भी धरना प्रदर्शन ही नहीं बल्कि मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों से भी मिलेंगे।
बता दें, कि कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल में सालाहेड़ी गांव में केंद्रीय विद्यालय बनाने की घोषणा की थी। जिसके बाद भाजपा सरकार ने इस विद्यालय को संगेल में प्रस्तावित कर दिया। ज्ञापन के माध्यम से ग्रामीण एचएससी सदस्य सुरेंद्र सिंह, भाजपा युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष बीरपाल पंवार, नरेंद्र पटेल, श्रीपाल शर्मा, प्रमोद राघव, मुनेश कुमार फौजी, राजेंद्र सिंह सरपंच, महेंद्र सिंह पूर्व सरपंच, नत्थी पूर्व सरपंच, फकीरा पूर्व सरपंच, प्रकाश पूर्व सरपंच, राजकुमार, महेंद्रपाल, सोमदत्त शर्मा एडवोकेट, सुभाष चौहान एडवोकेट, रामनिवास नंबरदार, मदन सिंह, प्रेमपाल पूर्व सरपंच, सुस्त सिंह सरपंच, जयप्रकाश सूबेदार, अमित कुमार एडवोकेट, दानसिंह, रिंकू, अजय, रामकुमार व करणसिंह ने मांग करते हुए कहा कि जिला मुख्यालय से सटे गांव सालाहेड़ी में पहले ही काफी शिक्षण संस्थान व प्रशासनिक कार्यालय, कोर्ट परिसर के अलावा पुलिस लाइन भी है। जिनमें महिला महाविद्यालय भी शामिल है।

 

उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में उनके गांवों की पूरी तरह से अनदेखी की गई। जो लोग संगेल केंद्रीय विद्यालय बनाए जाने का विरोध कर रहे हैं वे यह ना भूलें कि मेडिकल कालेज इंडरी में प्रस्तावित था, लेकिन उसे जबरन सरकार पर दवाब बनाकर नल्हड़ गांव में बनाया गया। उन्होंने साफ कहा केंद्रीय विद्यालय उनके गांव नहीं बनाया गया तो वो भी धरने पर बैठेंगे। उन्होंने कहा कुछ लोग बेवजह ऐसे मामलों को तूल देकर नेता बनने की ओछी हरकत कर रहे हैं। उन्होंने कहा इसके लिए वो संतरी से लेकर केंद्रीय मंत्रियों तक पैरवी करेंगे।

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