नई दिल्ली : भारत 6-जी गठबंधन (बी6जीए) ने आज बेंगलुरु में संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया और दूरसंचार सचिव डॉ. नीरज मित्तल के साथ एक उच्च स्तरीय बातचीत के दौरान 6-जी प्रौद्योगिकी विकास के लिए गहन कार्य योजनाओं की एक श्रृंखला प्रस्तुत की। इस कार्यक्रम में गठबंधन के प्रत्येक प्रमुख कार्य समूह के अध्यक्षों की प्रस्तुतियाँ शामिल थीं, जिसमें वर्ष 2030 तक 6-जी प्रौद्योगिकी में वैश्विक नेतृत्व प्रदान करने के लिए भारत की रूपरेखा को रेखांकित किया गया था।
श्री सिंधिया ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए भारत में संचार प्रौद्योगिकी की अगली पीढ़ी को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार की अटूट प्रतिबद्धता पर बल दिया। केंद्रीय मंत्री महोदय ने कहा, “भारत 6-जी प्रौद्योगिकी के साथ दूरसंचार क्षेत्र में क्रांति लाने की दहलीज़ पर है। हम नीति ढांचे, अनुसंधान निधि और परीक्षण तथा नवाचार के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन के माध्यम से आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारत एक धीमी गति से प्रौद्योगिकी अपनाने वाले देश से नेतृत्वकर्ता देश में बदल गया है। मुझे विश्वास है कि भारत 6-जी गठबंधन के सभी सदस्य भारत को विकसित करने में 140 करोड़ भारतीयों के लिए सर्वव्यापी, सस्ती और सुलभ तकनीक सक्षम बनाने के लिए मिलकर काम करेंगे।”
इस आयोजन ने भारत 6-जी गठबंधन के सात कार्य समूहों को 6-जी प्रौद्योगिकियों में भारत का नेतृत्व स्थापित करने के उद्देश्य से अपनी प्रगति, नवाचार और सहयोगात्मक प्रयासों को प्रस्तुत करने के लिए एक मंच प्रदान किया। ये कार्य समूह स्पेक्ट्रम, डिवाइस प्रौद्योगिकियों, उपयोग के मामलों, मानकों, हरित और स्थिरता, रेडियो एक्सेस नेटवर्क (आरएएन) और कोर नेटवर्क, आर्टिफिशियल इंटैलिजेंस (एआई) और सेंसिंग तथा सुरक्षा सहित क्षेत्रों की एक विस्तृत श्रृंखला को शामिल करते हैं।
प्रत्येक कार्य समूह के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों ने प्रमुख परियोजनाओं, रणनीतिक पहलों और कार्य योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए अपने अपडेट प्रस्तुत किए। प्रस्तुतिकरण में स्वदेशी रेडियो एक्सेस नेटवर्क (आरएएन) प्रौद्योगिकी, ग्रामीण कनेक्टिविटी के लिए इंटैलिजेंट नेटवर्क और कृषि, स्वास्थ्य तथा स्मार्ट शहरों जैसे क्षेत्रों में नवीन अनुप्रयोगों जैसे क्षेत्रों में भारत की प्रगति को प्रदर्शित किया गया। इन प्रस्तुतियों ने सामूहिक रूप से वैश्विक 6-जी क्रांति का नेतृत्व करने के लिए भारत की मजबूत प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया, जिसमें प्रत्येक कार्य समूह ने एक सर्वांगीण और कार्रवाई योग्य रणनीति में योगदान दिया।
केंद्रीय संचार मंत्री ने भारत 6-जी गठबंधन के प्रयासों की प्रशंसा की और अनुसंधान को सुविधाजनक बनाने, परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित करने और 6-जी क्षेत्र में स्टार्टअप और उद्यमों के लिए अनुकूल माहौल बनाने में सरकार के समर्थन को दोहराया। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि “सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए उत्सुक है कि भारत विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकियों, परीक्षण मंचों और साझेदारियों को विकसित करके वैश्विक 6-जी परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाए। हमें विश्वास है कि इस सहयोगात्मक दृष्टिकोण के साथ, भारत 6-जी क्षेत्र में एक अग्रणी देश के रूप में उभर सकता है। उन्होंने दोहराया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किया गया भारत 6-जी दृष्टिकोण, वर्ष 2030 तक भारत को दूरसंचार क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व प्रदान करने के लिए एक साहसिक पहल है। श्री सिंधिया ने यह सुनिश्चित करते हुए कि भारत का विकास समावेशी हो, 6-जी को सामाजिक और आर्थिक विकास, विशेष रूप से ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों के लिए एक परिवर्तनकारी शक्ति बनाने के महत्व पर बल दिया।
बातचीत एक आकर्षक चर्चा के साथ संपन्न हुई जहां केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य एम.सिंधिया और संचार मंत्रालय में सचिव डॉ. नीरज मित्तल ने दूरसंचार क्षेत्र के 100 से अधिक प्रतिनिधियों और हितधारकों के साथ बातचीत की और उन्होंने देश के महत्वाकांक्षी 6-जी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए नवाचारों को बढ़ाने, सुगम आपूर्ति श्रृंखला बनाने और सार्वजनिक-निजी भागीदारी को प्रोत्साहन देने पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
भारत 6-जी गठबंधन, सरकार और उद्योग के समर्थन से, उन्नत संचार प्रौद्योगिकियों के लिए एक आत्मनिर्भर, विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी इकोसिस्टम बनाने की दृष्टि को शामिल करते हुए, स्वदेशी 6-जी अनुसंधान और विकास को सक्षम करने के प्रयास कर रहा है। अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं की स्थापना और मल्टी-चिप मॉड्यूल, एसओसीएस और उन्नत आईओटी अनुप्रयोगों में नवाचार पर ध्यान केंद्रित करने के साथ, भारत वैश्विक 6-जी आंदोलन में सबसे आगे होने के लिए तैयार है।
6-जी अनुसंधान में तेजी लाने के लिए दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने हाल ही में 111 अनुसंधान प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की है। ये प्रस्ताव, 6-जी इकोसिस्टम पहल के लिए त्वरित अनुसंधान का हिस्सा हैं, जो अकादमिक जगत और स्टार्टअप को सहयोगात्मक प्रयासों में एक साथ लाते हैं। परियोजनाओं का लक्ष्य 6-जी विकास के लिए एक मजबूत नींव रखना है, जो ऐसे नवीन समाधानों पर ध्यान केंद्रित करता है जो वैश्विक दूरसंचार इकोसिस्टम में योगदान देने के साथ-साथ भारत-विशिष्ट चुनौतियों का समाधान करते हैं।
भारत 6-जी गठबंधन के बारे में:
भारत 6-जी गठबंधन, भारत में एक व्यापक 6-जी इकोसिस्टम बनाने के लिए शिक्षा जगत, उद्योग और सरकार को एक साथ लाने वाला एक सहयोगी मंच है। गठबंधन 6-जी प्रौद्योगिकी के अनुसंधान, विकास और मानकीकरण पर ध्यान केंद्रित करता है, जिसका लक्ष्य भारत को उभरते 6-जी परिदृश्य में वैश्विक नेतृत्व प्रदान करना है।
“भारत 6-जी दृष्टिकोण”
23 मार्च, 2023 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के “भारत 6-जी दृष्टिकोण” का अनावरण किया, जिसका लक्ष्य देश को वर्ष 2030 तक 6-जी प्रौद्योगिकी के डिजाइन, विकास और कार्यान्वयन में अग्रणी भूमिका निभाना है।
भारत 6-जी दृष्टिकोण तीन मुख्य सिद्धांतों: सामर्थ्य, स्थिरता और सर्वव्यापकता के आधार पर बनाया गया है। इसका उद्देश्य समाज को लाभ पहुंचाने वाले नवीन और लागत प्रभावी दूरसंचार समाधान प्रदान करने में भारत को एक वैश्विक नेतृत्व के रूप में स्थापित करना है।