टेक्नोटेक्स 2023 : केंद्रीय कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने तकनीकी कपड़ा उद्योग से गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने को कहा

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मुंबई : केंद्रीय कपड़ा, वाणिज्य, उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारतीय कपड़ा उद्योग के लिए यह समय पैमाने, गुणवत्ता, गति और अधिक मात्रा पर ध्यान केंद्रित करने का है। उन्होंने मुंबई के गोरेगांव में ‘बॉम्बे एक्जीबिशन सेंटर’ में तकनीकी वस्त्रों पर अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी और सम्मेलन के 10वें संस्करण ‘टेक्नोटेक्स 2023: एनविजनिंग इंडियन टेक्निकल टेक्सटाइल्स @2047’ के मुख्य सत्र को संबोधित करते हुए ऐसा कहा।

 

“विकासपैमानेगति और मात्रा के साथ विश्व बाजारों पर कब्जा करने का समय”

उन्होंने कहा कि वैश्विक बाजारों पर अपना कब्जा करने का यह सही समय है। “यह समय अधिक आधुनिक तकनीक का उपयोग करने के लिए बड़े पैमाने पर और अधिक समग्र संयंत्रों को शुरू करने का है, जिससे हम दुनिया भर में बड़े कॉर्पोरेट खरीदारों की जरूरतों को पूरा करने में भी सक्षम हो सकें। कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने मुझे बताया है कि वे उच्च-गुणवत्ता वाले और अधिक मात्रा उपलब्ध कराने वाले आपूर्तिकर्ताओं को खोजने में सक्षम नहीं हो रहे हैं। हालांकि इनमें से कई भारत के साथ व्यापार संबंध रखना पसंद करेंगे और पारदर्शी नियम-आधारित प्रणालियों वाले लोकतंत्र के साथ काम करना चाहेंगे। इस संदर्भ में, यह उचित समय है जब हम विकास, पैमाने और गति को देखें। आज विश्व बाजारों पर कब्जा करने का यह सही समय है। यूएई और ऑस्ट्रेलिया के साथ हमारा मुक्त व्यापार समझौता पिछले साल लागू हुआ था। हम यूरोपीय संघ सहित अन्य देशों के साथ भी समझौतों पर काम कर रहे हैं। यह स्थिति एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बनने की है; वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में अभिन्न भूमिका निभाए बिना कोई भी देश विकसित राष्ट्र नहीं बन पाया है। हमें अपनी क्षमता और अपनी युवा आबादी की इच्छा तक पहुंचने के लिए अपनी अर्थव्यवस्था को विकसित देशों के साथ एकीकृत करना होगा।

श्री गोयल ने कहा कि तकनीकी वस्त्रों के उपयोग की व्यापक रेंज को देखते हुए यह भविष्य का क्षेत्र बन गया है। उन्होंने कहा, ‘मैं स्टार्टअप्स के साथ-साथ बड़ी कंपनियों से तकनीकी वस्त्र क्षेत्र में तेजी से अपना विस्तार करने पर विचार करने का अनुरोध करता हूं। वैश्विक बाजार में हमारी हिस्सेदारी लगभग 2.5 प्रतिशत है। मेरा यह मानना है कि अगर हम इसके उद्देश्यों को दर्शाने में सक्षम होते हैं तो भारतीय बाजार 12 प्रतिशत से अधिक गति से बढ़ेगा।

“हम तकनीकी वस्त्रों में 200 बिलियन डॉलर के उद्योग के लिए आगे बढ़ सकते हैं” लिंक भी एम्बेड करें

प्रतिभागियों को बड़ा और साहसी बनने के बारे में प्रोत्सान देते हुए उन्होंने अपने विश्वास को साझा करते हुए कहा कि हम तकनीकी वस्त्र उद्योग में 200 बिलियन डॉलर के उद्योग की स्थापना कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ‘तकनीकी कपड़ा क्षेत्र हमें आधुनिक प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में अनुप्रयोग खोजने में सक्षम बनाएगा। तकनीकी वस्त्रों का उपयोग महासागर के जहाजों और एयरलाइन उद्योग में भी तेजी से किया जा रहा है।

श्री गोयल ने कहा कि टेक्नोटेक्स भारतीय कंपनियों और शेष विश्व के लिए हमें अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करने में मदद करेगा। विभिन्न उपयोगकर्ता क्षेत्रों के तकनीकी लोगों के साथ अधिक वेबिनार, सेमिनार और सम्मेलन आयोजित किए जाने चाहिए, जहां वस्त्र उद्योग तकनीकी वस्त्रों के विभिन्न अनुप्रयोगों का प्रदर्शन कर सकता है। उन्होंने घरेलू उद्योग को तकनीकी वस्त्रों के विश्वसनीय आपूर्तिकर्ताओं के रूप में दुनिया का विश्वास अर्जित करने के लिए प्रोत्साहित किया, ताकि भारत की बाजार हिस्सेदारी का व्यापक विस्तार किया जा सके।

“भारत की जी 20 अध्यक्षता के अवसर का लाभ उठाएं”

भारत की जी-20 की अध्यक्षता के बारे में उन्होंने तकनीकी कपड़ा उद्योग और सामान्य रूप से वस्त्र उद्योग से कहा कि वे मित्र देशों के साथ व्यापार करने के अवसरों को खोजने के लिए जी-20 बैठकों द्वारा प्रदान किए गए मौकों का लाभ उठाएं। श्री गोयल ने उद्योग के लिए आगे के मार्ग के रूप में प्रधानमंत्री द्वारा अपनाए गए ‘फार्म टू फाइबर टू फैक्ट्री टू फैशन टू फॉरेन’ के 5-एफ सिद्धांत का स्मरण किया।

माहौल के अनुकूल और सकारात्मक होने पर जोर देते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमें केंद्रित लक्ष्यों और कार्रवाई योग्य एजेंडे की जरूरत है। 1,480 करोड़ रुपये के राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन के बारे में बोलते हुए उन्होंने उद्योग और अन्य हितधारकों से यह जांचने का आग्रह किया कि वैश्विक बाजार पर कब्जा करने के लिए नए अनुसंधान, नए  यौगिकों, कपड़े, कंपोजिट और अंतिम उत्पादों का कैसे लाभ उठाया जा सकता है। “हमें सभी आठ कपड़ा अनुसंधान संघों और अन्य सरकारी संस्थानों को किसी भी निजी क्षेत्र की पहल का समर्थन करने, आपके नवाचारों में उच्च गुणवत्ता वाली वैज्ञानिक कठोरता प्राप्त करने और आपके प्रस्तावों को फ्रास्ट-ट्रैक करने का प्रस्ताव करने में खुशी होगी।

दो साल में दो लाख लोगों को प्रशिक्षित करें

श्री गोयल ने कहा कि मंत्रालय ‘समर्थ योजना’ के साथ-साथ एक कौशल घटक में तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान कर सकता है जो राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन के तहत उपलब्ध है। उन्होंने कहा, ”मैं उद्योग से आग्रह करता हूं कि वे इन योजनाओं का उपयोग करें, ताकि उद्योग में कुशल कर्मियों के विकास में योगदान दिया जा सके। मैं चाहता हूं कि तकनीकी कपड़ा उद्योग में हर दो साल में दो लाख लोगों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित हो। उन्होंने यह घोषणा की कि तकनीकी वस्त्र क्षेत्र के लिए जनशक्ति के उपर्युक्त प्रशिक्षण की निगरानी और देखभाल के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना अच्छी तरह चल रही है और मंत्रालय तैयार उत्पादों के लिए इस योजना में और अधिक बदलाव कर रहा है। सर्कुलर अर्थव्यवस्था के बारे में बोलते हुए उन्होंने सभी को कचरे से निपटने और उद्योग द्वारा किए गए कार्यों के एक प्रमुख तत्व के रूप में स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया।

श्री गोयल ने छात्र समुदाय सहित सभी से गुणवत्ता और निरंतरता को अपने जीवन का हिस्सा बनाने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा, “हम सभी को और हमारी युवा पीढ़ी को ‘जीरो इफेक्ट जीरो डिफेक्ट’ के सिद्धांत को अपने जीवन में अपनाना चाहिए और गुणवत्ता को एक मंत्र बनाना चाहिए। बीआईएस आज सात गुणवत्ता मानकों के साथ आगे आया है, आने वाले दिनों में गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों को भी संस्थागत रूप दिया जाने वाला है। इससे हमें अपने उत्पादों को विश्वस्तरीय बनाने में मदद मिलेगी। आइए हम भारत को आत्मनिर्भर बनाने की आकांक्षा रखें, इसके साथ ही, हमारे पास दुनिया को भारत पर निर्भर बनाने की ताकत मौजूद है।

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कपड़ा मंत्री ने दर्शकों से हमारे कारीगरों और बुनकरों द्वारा बनाए गए कपड़ा उत्पादों को उपहार में देने पर विचार करने का अनुरोधा किया।

तकनीकी वस्त्रों में सर्वोत्तम प्रथाओं पर बीआईएस के सात मानक और ज्ञान रिपोर्ट जारी करना

मंत्री ने इस अवसर पर तकनीकी वस्त्रों में वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं पर एक ‘ज्ञान रिपोर्ट भी जारी की। इस रिपोर्ट के लिए यहां ‘एक्सेस’ किया जा सकता है।

तकनीकी वस्त्रों के लिए सात बीआईएस मानकों का एक सेट भी जारी किया गया।

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मंत्री महोदय ने टेक्नोटेक्स प्रदर्शनी द्वारा प्रस्तुत उत्पादों को प्रदर्शित करते हुए प्रदर्शकों की कैटलॉग भी जारी की।

केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री दर्शना जरदोश ने 22 फरवरी को क्रेता-विक्रेता बैठकों, एक अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी और सम्मेलन सहित तीन दिवसीय प्रमुख कार्यक्रमों का उद्घाटन किया था जिनका आज समापन हो रहा है। केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा आयोजित, यह आयोजन वैश्विक तकनीकी कपड़ा मूल्य श्रृंखला के हितधारकों के बीच बातचीत के लिए एक साझा मंच उपलब्ध कराता है।

तीन दिवसीय प्रदर्शनी एवं सम्मेलन सह क्रेता-विक्रेता बैठक ने 2047 में भारतीय तकनीकी वस्त्रों की कल्पना करने की मांग की है। यह तकनीकी वस्त्र क्षेत्र में भारत और बाहर के देशों के बीच व्यापार और निवेश की अपार संभावनाओं का उदाहरण है। इसने तकनीकी वस्त्र उद्योग के विविध क्षेत्रों के प्रतिभागियों, आगंतुकों और अन्य प्रमुख निर्णय निर्माताओं को एकत्रित किया है, जिसका उद्देश्य अधिक नवीन समाधान प्रदान करना, नए व्यावसायिक अवसरों की पहचान करना और विकास के लिए अनुकूल माहौल बनाना है। आयोजन के ब्रोशर को देखें।

उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए, कपड़ा मंत्रालयभारत सरकार की सचिवरचना शाह ने कहा कि टेक्नोटेक्स एक अनूठा मंच है, जो तकनीकी वस्त्र से जुड़े सभी हितधारकों को एक मंच पर लाता है और इस क्षेत्र को कैसे आगे बढ़ाया जाए, इस बारे में विचार-विमर्श करता है। मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि इस वर्ष प्रतिक्रिया बहुत उत्साहजनक रही है, जिसमें 150 से अधिक प्रदर्शक और 30 से अधिक देशों के 250 से अधिक खरीदार शामिल हुए हैं। मुझे यह विश्वास है कि इससे व्यापार के साथ काम करने के बहुत सारे अवसर पैदा होंगे। सचिव ने मेजबान राज्य महाराष्ट्र और सहयोगी राज्यों को धन्यवाद दिया।

टेक्नोटेक्स 2023 की थीम पर बोलते हुए, कपड़ा सचिव ने कहा कि यह भारत को तकनीकी वस्त्रों का केंद्र बनाने के व्यापक दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करता है। “तकनीकी वस्त्रों की मांग विश्व स्तर पर बढ़ रही है, अगले कुछ वर्षों में यह लगभग 320 बिलियन डॉलर तक हो जाएगी। भारत 2025-26 तक 40 बिलियन डॉलर के आंकड़े तक पहुंचने का इच्छुक है। हालांकि यह एक बहुत बड़ा काम है, लेकिन हमारा मानना है कि हम इसे हासिल कर सकते हैं बशर्ते कि हम मिल जुल कर काम करें।”

सचिव ने कहा कि सरकार मांग पैदा करने, अनुसंधान को मजबूत बनाने, तकनीकी वस्त्रों के लिए नए अनुप्रयोग लाने और नवाचार लाने के लिए और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। “सरकार राष्ट्रीय तकनीकी कपड़ा मिशन के साथ-साथ मानकों और गुणवत्ता पर भी काम कर रही है। ‘प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम’ व्यापक दिलचस्पी जुटाने में सक्षम रही है, जिससे तकनीकी कपड़ा क्षेत्र में लगभग 10,000 करोड़ का निवेश प्राप्त होने की उम्मीद है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि टेक्नोटेक्स से उभरने वाली सिफारिशों को इस क्षेत्र के लिए सरकारी नीतियों में शामिल किया जाएगा।

संयुक्त सचिवकपड़ा मंत्रालयभारत सरकारराजीव सक्सेना ने बताया कि महामारी के बाद टेक्नोटेक्स के संस्करण में ताइवान, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, दक्षिण अफ्रीका, कोरिया, रूस और लक्ज़मबर्ग 150 से अधिक देशों के प्रदर्शक शामिल हुए। मेक इन इंडिया, डीपीआईआईटी, टेक्सटाइल रिसर्च एसोसिएशन और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस द्वारा विशेष स्टॉल लगाए गए थे। कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पहले दो दिनों में 5000 से अधिक आगंतुक और 250 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय खरीदार आए। संयुक्त सचिव ने बताया कि वर्ष 2047 में तकनीकी वस्त्रों के विजन की दिशा में आगे बढ़ने के लिए सात तकनीकी सत्र आयोजित किए गए थे। संयुक्त सचिव द्वारा दी गई प्रस्तुति को यहां देखा जा सकता है।

उद्योग के परिप्रेक्ष्य को प्रस्तुत करते हुए, फिक्की के राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के एच के अग्रवाल ने कहा कि भारतीय तकनीकी कपड़ा बाजार की प्रति वर्ष 8 प्रतिशत से 10 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। सरकार और उद्योग इस विकास दर को 15 प्रतिशत से 20 प्रतिशत प्रति वर्ष तक बढ़ाने के लिए कड़ी परिश्रम कर रहे हैं। श्री अग्रवाल ने कहा कि राष्ट्रीय तकनीकी कपड़ा मिशन जैसी पहल भारत में कपड़ा क्षेत्र को गति प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि यह देखते हुए कि तकनीकी वस्त्र उद्योग में कई अनुप्रयोग और क्षेत्र शामिल हैं,  प्रत्येक अनुप्रयोग की एक विशिष्ट मूल्य श्रृंखला है। “प्रत्येक अनुप्रयोग मूल्य श्रृंखला में अंतराल की पहचान करना बहुत उपयोगी होगा जहां हमें स्वदेशी क्षमताओं को विकसित करने की आवश्यकता है”।

फिक्की टेक्नोटेक्स एसएमई आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं संरक्षक मोहन कावरी ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया और इस प्रदर्शनी की सफलता की कामना की।

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टेक्नोटेक्स गोलमेज बैठक में रक्षा, कृषि और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में निवेश, स्टार्टअप और तकनीकी वस्त्रों के अनुप्रयोगों पर विचार-विमर्श किया गया। टेक्नोटेक्स के 10 वें संस्करण में तीन दिनों में गोलमेज बैठकों की एक श्रृंखला आय़ोजित की गई थी। भारतीय तकनीकी वस्त्र उद्योग में मौजूद निवेश क्षमता और अवसरों पर सत्र ने नए अवसरों का लाभ उठाने, भारत में व्यापार करने में आसानी और तेजी से विकास में योगदान देने वाले निवेश को सुविधाजनक बनाने पर जोर दिया गया। तकनीकी वस्त्रों में स्टार्टअप इकोसिस्टम को सक्षम बनाने और स्मार्ट वस्त्रों में प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने वाले स्टार्ट-अप्स तकनीकी वस्त्र पारिस्थितिकी तंत्र में स्टार्टअप, उन्हें पोषित करने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं पर ज्ञान का आदान-प्रदान करके एक उद्यमशील इकोसिस्टम की क्षमता विकसित करना और स्टार्टअप्स में निवेश के लिए वैश्विक और घरेलू पूंजी जुटाने और तकनीकी वस्त्र-एक उपयोगकर्ता परिप्रेक्ष्य (रक्षा और सुरक्षा संस्थान) पर आयोजित गोलमेज सम्मेलन में भारत को सोर्सिंग के लिए एक बाजार और गंतव्य दोनों के रूप में खरीदारों के दृष्टिकोण और भारत के उत्पाद मिश्रण, नवाचार, गुणवत्ता स्तर और उत्पाद मानकीकरण पर भी प्रकाश डाला गया। पीएम गति शक्ति में तकनीकी वस्त्रों के उपयोग के लिए अवसर की खिड़की का पता लगाने के बारे किए गए विचार-विमर्श में जियोटेक्सटाइल, एग्रोटेक्सटाइल, बिल्डिंग टेक्सटाइल और औद्योगिक वस्त्रों से संबंधित विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की उन अपेक्षाओं और परिप्रेक्ष्यों को समझने की कोशिश की गई, जो पीएम गति शक्ति जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में जियोटेक्सटाइल के अवसरों को समझने के इर्द-गिर्द घूमते हैं। संरक्षित और सतत कृषि-उपज के लिए तकनीकी वस्त्रों की संभावनाओं की खोज नामक एक बैठक में क्षमता को साकार करने, अपनाने की दर बढ़ाने और कृषि में तकनीकी वस्त्रों के उपयोग में नए अवसरों का लाभ उठाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। एक अन्य गोलमेज सम्मेलन में पता यह लगाया गया कि हम मेडिटेक के क्षेत्र में घरेलू क्षमताओं और क्षमताओं को कैसे विकसित कर सकते हैं और किस प्रकार वैश्विक बाजार में भारत की भूमिका को मजबूत बनाकर सकते हैं। ‘तकनीकी वस्त्रों के मानकों, गुणवत्ता, विनियामक और व्यापार पहलुओं पर प्रचार’ नामक एक अन्य सत्र में तकनीकी वस्त्रों में मानकों, गुणवत्ता, विनियामक और व्यापार के संदर्भ में मौजूदा ढांचे और आगे के रास्ते का भी पता लगाया गया।

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