डाक्टर और मरीज पीते हैं मोल का पानी
यूनुस अलवी
मेवात: भले ही मेवात का जनस्वास्थ्य विभाग लोगों को पीने का पानी मुहईया कराने के बड़े बड़े वादे करता हो लेकिन फिरोजपुर झिरका के सरकारी अस्पताल सिविल अस्पताल में पिछले दस साल से पीने का पानी मयस्सर नहीं हैं। मरीज व डॉक्टरों बाजार से पीने का पानी खरीद कर पीना पड रहा। पीने के पानी कि समस्या से निजात दिलाने के लिये सिविल हस्पताल एसएमओ डॉक्टर कृष्ण कुमार जनस्वास्थ्य विभाग और स्वास्थ्य विभाग को पिछले दस साल से लेटर लिख रहे हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं हैं।
फिरोजपुर झिरका सीएचसी के एसएमओ डाक्टर कृष्ण कुमार ने बताया कि उसकी वर्ष 2005 में यहां पर पोस्ंिटग हुई थी। उस समय यहां पर काफी पानी आता था। इसी वजह से उन्होने अस्पताल में आने वाले मरीजों के लिये पानी की टंकी बनाई थी लेकिन करीब 2006 में अस्पताल आने वाली पाईप लाईन खराब हो गई जिसकी वजह से करीब दस साल पहले सीएचसी अस्पताल में पीने का पानी नहीं आ रहा है। उन्होने बताया कि अस्पताल में पीने का पानी मुहईया कराने के लिये वह पिछले दस साल से जनस्वास्थ्य विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को लेटर लिख रहा है। शिकायत भेजने कि फाईल काफी बडी हो गई पर किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया है। उन्होने बताया कि विभाग की ओर से अस्पताल में एक बोरिंग किया हुआ है। जिसका पानी खारा है। उसे पीने में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। उन्होने बताया कि इस खारी पानी को अस्पताल का पूरा स्टाफ, नहाने, कपडे धोने, शौचालय आदी में इस्तेमाल कर काम चलाना पडता है। वहीं पीने का पानी खरीद कर पीते हैं। उन्होने बताया कि हजारों रूपये का हर महिने खरीदकर पानी पी रहे हैं।
ग्रामीण विकास निगरानी समिति के अध्यक्ष बिलाल अहमद का कहना है करीब 70 गावों के मरीज फिरोजपुर झिरका कि अस्पताल में अपना इलाज कराने के लिये आते हैं। सरकार और प्रशासन का फर्ज बनता है कि आम जनता ही नहीं सही कम से कम यहां रहने वाले डाक्टरों को तो पीने का पानी मुहईया कराये। उनका कहना है कि सरकार इस ओर गंभीर नहीं हैं। उनका कहना है कि अगर जल्दी स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल में पीने का पानी मुहईया नहीं कराया तो उनकी संस्था पहले सरकार को ज्ञापन सौंपेगी अगर फिर भी नहीं पानी नहीं पहुंचाया गया तो सरकार और जनस्वाथ्य विभाग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाऐगा।