नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को पुनर्जीवित करना कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के लिए एक चुनौती है। इसलिए ही उन्होंने शुक्रवार को अयोध्या पहुंचकर हनुमानगढ़ी में दर्शन-पूजन किया। इसके बाद राहुल ने महंत ज्ञानदास से लगभग 15 मिनट तक मुलाकात की और अपने रोड शो के लिए निकल गए। बाबरी मस्जिद टूटने के बाद गांधी परिवार के सदस्य का अयोध्या का यह पहला दौरा है।
अपनी किसान यात्रा के चौथे दिन की शुरुआत उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी ने अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा-अर्चणा कर की। उल्लेखनीय है कि पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी 26 साल पहले अयोध्या के दौरे पर आए थे।बताया जाता है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने किसान यात्रा और खाट सभा से पहले प्रसिद्ध दुग्धेश्वर नाथ मंदिर में पूजा अर्चना की थी और अब किसान यात्रा के तहत अयोध्या पहुंचे हैं। यह कहना सही होगा कि अयोध्या हिंदुत्व एजेंडे वाली राजनीति का गढ़ रहा है। यहां से राहुल ने अपनी यात्रा की शुरुआत हनुमानगढ़ी मंदिर से की है, इससे सस्पष्ट है कि वे हिन्दुओ को भी लुभाना चाहते हैं। उन्हें पता है कि अयोध्या से ही राम मंदिर मुद्दा बनाकर भाजपा ने राजनीतिक शिखर पर पहुंची थी। बीते कुछ सालों से कांग्रेस की छवि धर्मनिरपेक्ष पार्टी के बजाय हिंदू विरोधी पार्टी के तौर पर बनने लगी थी। कांग्रेश यूपी की सत्ता से 27 साल से दूर है। समझ जाता है कि कांग्रेस अब अपनी इस छवि से बहार आना चाहती है। यूपी की गद्दी हिंदू वोटों को दरकिनार करके नहीं मिल सकती है। कांग्रेश प्रवक्ता के अनुसार राहुल देवरिया से दिल्ली तक 2500 किलोमीटर की महायात्रा करेंगे। यात्रा के तहत ही खाट सभाएं की जा रही हैं।