गुरुजल सोसायटी की ओर से चाँदला डुंगरवास में ऑनलाइन माध्यम से हुई पानी पंचायत

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  • गांव वासियों ने जल संरक्षण को लेकर दोहराई अपनी प्रतिबद्धता

गुरुग्राम,18 जनवरी। जल संरक्षण के लिए सामुदायिक भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए आज गुरुजल सोसायटी द्वारा गांव चांदला डुंगरवास में ऑनलाइन (वेबिनार) पानी पंचायत का आयोजन किया गया। इस ऑनलाइन पंचायत में गाँव के युवाओं, महिलाओं वरिष्ठ नागरिकों, आंगनवाडी कार्यकर्ता, स्वच्छ भारत मिशन, स्वयं सहायता समूह और अटल भू – जल टीम ने भागीदारी की। गौरतलब है कि गांव में राजा की ढाणी में स्थित जोहड़ का गुरुजल सोसायटी व पावरग्रिड कंपनी द्वारा संयुक्त रूप से जीर्णोद्धार का कार्य किया जा रहा है।
वेबिनार का शुभारंभ करते हुए गुरुजल सोसायटी के रिलेशनशिप मैनेजर ओशो ने कहा कि गांववासियों के जल संरक्षण के प्रति समर्पण भाव व प्रतिबद्धता को देखते हुए गांव में स्थित जोहड़ का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। वेबिनार में गुरुजल की सदस्य सूश्री प्रकृति ने लघु डाक्यूमेंट्री के माध्यम से गुरुग्राम की वर्त्तमान भूजल स्थिति प्रदर्शित की और गुरुग्राम को वाटर रेड ज़ोन से बाहर निकालने के उपायों के बारे में बताया।


सोसायटी के सिविल इंजिनियर आशीष तिवारी ने गाँव वासियों को गांव में बन रहे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के फ़ायदों के बारे में बताया और कहा कि इससे भूजल स्तर ऊँचा उठाने में मदद मिलेगी । उन्होंने कहा कि हम किसी भी जोहड़ के पुनर्निर्माण से पहले वहां एक बेसलाइन सर्वे करते हैं ताकि जोहड़ की वर्त्तमान स्थिति को जाना जा सके और फिर उसी अनुसार तकनीक का प्रयोग कर वहां पर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाता है। जोहड़ का पुनर्निर्माण होने के बाद गाँव के घरों से आने वाला गन्दा पानी शोधित होने के बाद ही जोहड़ में डाला जाएगा और इसके कारण भूजल का स्तर भी ऊँचा उठेगा ।


वेबिनार में चांदला डुंगरवास के ग्राम सचिव अमित ने अपने विचार रखते हुए कहा कि गाँव की विलेज वाटर एंड सैनिटेशन कमिटी को फिर से एक्टिवेट करने की आवश्यकता है ताकि आने वाले दिनों में वो जोहड़ की देखरेख कर सके। अटल भूजल की टीम से हाइड्रोलोजिस्ट प्रवीण ने कहा कि केंद्र सरकार की अटल भूजल योजना के तहत भूजल स्थिति में सुधार लाने के लिए गाँव के लोगों के साथ मीटिंग करके तथा उनके सुझाव लेकर वाटर सिक्यूरिटी प्लान तैयार किया जाता हैं। गांव के युवा संगठन के अध्यक्ष जॉनी ने बताया कि जोहड़ के पुनर्निर्माण के बाद इसकी देखभाल और साफ़ – सफाई की जिम्मेदारी उनके संगठन की होगी। वहीं स्वयं सहायता समूह की सुशीला ने बताया कि वो गुरुजल सोसायटी के साथ मिलकर जल संरक्षण के लिए महिलाओं को जागरूक करेंगी और इस मुहीम से जोड़ने का प्रयास करेंगी।

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