- प्रतिदिन की ग्राउंड रिपोर्ट तैयार करने के लिए जिला कमेटी के नीचे सब कमेटी बनाने के दिए गये निर्देश
- श्रीमती अरोड़ा जिला में वाटर एक्शन प्लान को लेकर ऑनलाइन माध्यम से आयोजित बैठक की कर रही थी अध्यक्षता
गुरुग्राम, 18 जनवरी। हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण (एच.डब्ल्यू.आर.ए) की चेयरपर्सन केशनी आनंद अरोड़ा ने आज कहा कि गुरुग्राम में भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने व वेस्ट वाटर के प्रबंधन के लिए एक अच्छे एक्शन प्लान को बेहतर तरीक़े से क्रियान्वित करने की जरूरत है, तभी सुखद परिणाम सामने आएंगे। वे आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुरुग्राम ज़िला के वाटर प्लान को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रही थी। बैठक में जिला उपायुक्त डॉ यश गर्ग सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण व जिला में जल संचयन के लिए कार्य कर रही स्वयं सेवी संगठनों के प्रतिनिधि भी जुड़े थे।
श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा ने कहा कि गुरुग्राम शहर में वेस्ट वाटर का सदुपयोग करने की दिशा में गंभीरता से प्रयास करने होंगे। आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए बेहतर वाटर प्लान के साथ अभी से प्रयास किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मिलेनियम सिटी का दर्जा प्राप्त गुरुग्राम शहर पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान रखने के साथ ही प्रदेश की आर्थिक राजधानी भी है। ऐसे में यहां जल संचयन के लिए विशेष फोकस किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम में घटते भूजल स्तर व जल संचयन को लेकर ठोस रणनीति अपनानी होगी।इसके लिए जल संचयन से जुड़े विभागों को गंभीरता से कार्य करने के साथ साथ जल संचयन प्रबंधन के क्षेत्र में कार्य कर रहे है एनजीओ व अन्य संस्थानों से सहयोग लेना चाहिए ।
बैठक में एच.डब्ल्यू.आर.ए के मेंबर संजय मारवाह ने जिला में जल संचयन की मौजूदा स्थिति व भविष्य को लेकर एक संक्षिप्त प्रेजेंटेशन भी दी। उन्होंने कहा कि हमें गुरुग्राम में सभी बड़े संस्थानों की बिल्डिंग से निकलने वाले वेस्ट वाटर का उपयोग उसी के कैचमेंट एरिया में करना होगा। बैठक में उन्होंने अपना सुझाव रखते हुए कहा कि गुरुग्राम में हमें जल संचयन से पूर्व बेहतर प्रोजेक्ट की स्थापना करनी होगी। अगर हम इस दिशा में आगे बढ़ेंगे तो ही बेहतर परिणाम सामने निकलकर आएंगे।
बैठक में सहगल फाउंडेशन से जुड़े श्री ललित ने अपने विचार रखते हुए कहा कि गुरुग्राम शहर में प्रत्येक क्षेत्र में स्थित पार्कों में वाटर रिचार्जिंग सिस्टम की स्थापना एक बेहतर विकल्प हो सकता है। इस दौरान सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता डॉ शिवसिंह रावत में भी दमदमा झील के जीर्णोद्धार को लेकर अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
बैठक में जिला उपायुक्त डॉ यश गर्ग ने बताया कि जल संचयन नियमों के उल्लंघन पर जिला प्रशासन नज़र रखे हुए है और आकस्मिक तौर पर चेक करवाकर उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई भी की जा रही है ।श्रीमती अरोड़ा ने उपायुक्त से कहा कि इस कार्य में कहीं कोई दिक़्क़त आए तो उनके संज्ञान में लेकर आयें। जल संचयन नियमों की अनदेखी करने वाले संस्थानों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई की जाएगी ।
श्रीमती अरोड़ा ने जिला उपायुक्त को निर्देश देते हुए कहा कि गुरुग्राम में जल संचयन की जिला कमेटी के नीचे एक सब कमेटी का गठन किया जाए। यह सब कमेटी प्रतिदिन की ग्राउंड रिपोर्ट तैयार कर कमेटी के सामने रखे ताकि भविष्य के लिए बेहतर रणनीति बनाई जा सके।
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