नई दिल्ली। “मेरी फिल्म एक ऐसी युवा नायिका की कहानी है, जो मनोवैज्ञानिक अनुभूति की वजह से आत्महत्या के कगार पर पहुंच जाती है। नायिका अपने जीवन की परिस्थितियों से दूर भागने के लिए आत्महत्या करना चाहती है, लेकिन हकीकत ये है कि हम अपनी परिस्थितियों से बच नहीं सकते, हमें अनुभव की मदद से इन परिस्थितियों का सामना करते हुए, इन पर जीत हासिल करने की ज़रूरत है। निर्माता और निर्देशक ओंकार दिवाड़कर गोवा में आयोजित 51वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के दौरान बुधवार को आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में अपनी मनोविज्ञान-ड्रामा आधारित शॉर्ट फिल्म स्टिल अलाइव के बारे में अपने विचार साझा कर रहे थे। इस फिल्म को इस बार इंडियन पैनोरमा सेक्शन में प्रदर्शित किया गया है।”
फिल्म की मुख्य नायिका तनाव और भावनात्मक उथल-पुथल का शिकार हो जाती है और इस वजह से आत्महत्या का प्रयास करती है, लेकिन वह असफल हो जाती है, और फिर दोबारा से सामान्य ज़िंदगी में वापसी करती है। “निर्देशक ने कहा, मैं चाहता हूं कि दर्शक मेरी फिल्म को एक गवाह के रूप में देखें, इससे मेरी फिल्म की कहानी के बारे में जागरूकता बढ़ेगी।”
30 मिनट की इस मराठी फिल्म में 27 मिनट का एक अनकट शॉट है। इसके बारे में बातचीत करते हुए दिवाड़कर ने कहा कि आत्महत्या के विचार रखने वाले व्यक्ति की जीवन यात्रा का प्रदर्शन करना बेहद ज़रूरी था।
दिवाड़कर ने फिल्म के सिनेमाटिक तत्वों से पड़ने वाले प्रभाव पर पर भी बातचीत की, जो इस फिल्म में देखने को मिलता है। उन्होंने बताया कि, “मेरा उद्देश्य कहानी बताने के बजाय दर्शकों को एक बेहतरीन अनुभव कराना रहा है। हर एक तत्व कुछ अभिव्यक्त करता है। कुछ तत्व मिलकर एक छवि का निर्माण करते हैं, जिससे एक नया प्रभाव और अनुभव पैदा होता है। इस फिल्म में समुद्र भई एक तत्व है, जो काफी रहस्यमयी और विशाल है, और दर्शकों के मस्तिष्क पर काफी प्रभाव डालता है।”
स्टिल अलाइव फिल्म के बारे मेः
पिछले पांच वर्षों से चले आ रहे संबंधों के टूट जाने से मीरा की ज़िंदगी में सब तबाह हो जाता है। लक्ष्यविहीन होकर गाड़ी चलाते हुए, वह एक बीच पर पहुँच जाती है। हताश मन के साथ वह अपने बॉयफ्रेंड को अंतिम बार कॉल करने का प्रयास करती है, और इस कॉल का अंत भी दोनों के बीच झगड़े के साथ होता है, जिससे उसकी सारी उम्मीदें खत्म हो जाती हैं। उसे किसी सहारे की ज़रूरत होती है, वह कुछ लोगों को कॉल करती है, लेकिन उसे अनुकूल परिस्थितियाँ नहीं मिलती। अंततः वह समुद्र के पानी में डूबकर अपनी ज़िंदगी खत्म करने की कोशिश करती है, लेकिन समुद्र उसकी इस कोशिश को नाकाम कर देता है…
निर्देशकः ओंकार दिवाड़कर
निर्माताः ओंकार दिवाड़कर
स्क्रीनप्लेः ओंकार दिवाड़कर
डीओपीः संतोष हांकरे
संपादकः ओंकार दिवाड़कर
संगीतः रायबागी
निर्देशक के बारे मेः
ओंकार दिवाड़कर लेखक, निर्देशक, संपादक और निर्माता हैं। शॉर्ट फिल्म ‘इन द लैंड ऑफ मिराज…’ उनकी पहली फिल्म थी। वह एक पेशेवर ट्रेवल फोटोग्राफर भी हैं। ‘स्टिल अलाइव’ उनकी दूसरी शॉर्ट फिल्म है, जो एक मनोवैज्ञानिक-ड्रामा श्रेणी की फिल्म है।https://www.youtube.com/embed/25r4Si7aofs
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