औचक निरीक्षण में खामियां उजागर, शिक्षा विभाग से जवाब तलब
बीईओ ने एक अध्यापक के सस्पेंशन के लिये उच्च अधिकारियों को लिखा
कई को कारण बताओ नोटिस भेजा
यूनुस अलवी
मेवात : जिला विधिक सेवाऐं प्राधिकरण मेवात (डालसा) के सचिव एंव चीफ जूडिशियल मजिस्ट्रेट नरेंद्र सिंह ने गांव मढी स्थित मिडिल और प्राईमारी स्कूल के औचक निरीक्षण के दौरान पाई काफी खामिया। लापरवाह अध्यापकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिये मेवात के डीईओ, डीईईओ और बीईओ से मौके पर ही स्कूल की स्थिति कि जानकारी मांगी . वहीं उन्होने जिला शिक्षा अधिकारी से एक सप्ताह में रिपोर्ट तलब की है। अगर डालसा को जिला अधिकारियों की कार्रवाई से संतुष्टि नहीं हुई तो इस मामले को शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों और हरियाणा विधिक सेवाऐं प्राधिकरण विभाग को भी लिखा जा सकता है।
जूडिशियल मजिस्ट्रेट नरेंद्र सिंह ने बताया कि बृहस्पतिवार को डालसा ने गांव मढी में ऐडस के प्रति ड्राईवरों को जागरूक करने के लिये कैंप लगाया था। कैंप में करीब 60 ड्राईवरों ने भाग लिया था। उन्होने बताया कि इसी दौरान गांव के लोगों ने उनको लिखित शिकायत दी कि उनके गांव के मिडिल और प्राईमरी स्कूल में अध्यापक आते नहीं हैं, एक अध्यापक शराब पीकर आता है। वहीं बच्चों को जो मिड-डे-मील दिया जाता है वह घटिया किस्म का बनाया जाता है।
सीजेएम ने बताया कि उन्होने कैंप के आयोजन के बाद गांव के प्रमुख लोगों को साथ लेकर मढी स्कूल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान कई अध्यापक स्कूल से गायब थे तथा जो कक्षाओं में पढने कि बजाये स्कूल के प्रांगण में खेल रहे थे। इसके अलावा जब मिड-डे-मील का नीरिक्षण किया तो अनाज से बदबू आ रही थी, जिसे बच्चों को पका का खिलाया जा रहा था। उन्होने बताया कि जितने बच्चों कि हाजरी दिखाई हुई थी उतने स्कूल में मौजूद ही नहीं थे। गांव के लोगों ने एक अध्यापक पर शराब पीकर स्कूल आने और अक्सर स्कूल से गायब रहने कि भी शिकायत की है।
सीजीएम किया जवाब तलब
मढी गांव के स्कूल में पाई अनियमिताओं को लेकर सीजीएम नरेंद्र सिंह ने जिले के शिक्षा विभाग से एक सप्ताह में जवाब तलब किया है। उन्होने बताया कि अगर वे उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुऐ तो इसके बारे में शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों और हालसा को लिखा जाऐगा।
खण्ड शिक्षा अधिकारी अबदुल रहमान ने बताया कि उन्होने सीजीएम के बाद मढी स्कूल का दौरा किया जहां उनको सुरेंद्र नाम का अध्यापक गायब मिला, इसके अलावा मिड-डे-मील का राशन खराब था और बच्चों कि संख्या कम थी। उन्होने बताया कि अध्यापक सुरेंद्र को निलंबित करने के लिये उच्च अधिकारियों को लिखा जा रहा है तथा अन्य अध्यापको को कारण बताओ नोटिस भेज कर जवाब तलब किया गया है। इसके अलावा प्रिसिपल सद्दीक अहमद को सारे मामले कि जांच सौपी गई है। जिनको एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देने का कहा गया है। वहीं स्कूल से गायब रहने वाले अध्यापका को वेतन काटने के आदेश दे दिये गये हैं।
पहले भी पाई थी भारी अनियमितताएं
नगीना ब्लोक शिक्षा अधिकारी डाक्टर अबदुल रहमान ने बताया कि उन्होने गत 17 नवंबर को गांव मढी स्कूल का दौरा किया था। जहां उनको काफी अनियमिताऐं पाई गई थी। संबंधित लापरवाह अध्यापकों को उन्होने 23 नवंबर को कारण बतायो नाटिस और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिये डीईईओं को लिखा था। उन्होने बताया कि खराब मिड-डे-मील बनाने, स्कूल से अध्यापकों के गायब रहने, बच्चों कि कम हाजरी होने आदी के लिये पहले ही स्कूल हेड मनोज कुमार, अध्यापक सुरेंद्र और डीडीओ बक्शी राम को कारण बतायो नोटिस भेजकर जवाब तलब किया हुआ है। वहीं स्कूल से गैर हाजिर रहने वाले अध्यापको का वेतन काटने के आदेश पहले ही दे रखे हैं।
10 साल से मिडिल स्कूल में नहीं है कोई अध्यापक
खण्ड शिक्षा अधिकारी डाक्टर अबदुल रहमान ने बताया कि मढी के प्राईमरी स्कूल को अपग्रेड पर वर्ष 2007 में मिडिल स्कूल बनाया गया था। तब से लेकर आजतक कोई भी रेगुलर अध्यापक इसमें नहीं लगा है। यानी पिछले दस सालों से यह स्कूल टीचर लेस चल रहा है। प्राईमरी के ही अध्यापको से बच्चों को बढाने का काम लिया जा रहा है। फिलहाल मिडिल स्कूल में छटी से लेकर आठवीं तक 66 बच्चें हैं। जबकी कम से कम 5 अध्यापक होने चाहियें। इसके अलावा गांव के प्राईमरी स्कूल में कुल 155 बच्चें हैं जिनको पढाने के लिये दो निमित और दो गेस्ट अध्यापक कार्यत हैं।