नई दिल्ली : महारष्ट्र में बनी बीजेपी एनसीपी सरकार पर मची रार में वाकयुद्ध चरम पर है. इस मामले पर भाजपा की ओर से कमान संभाले हुए केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज दिल्ली में आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि बहुमत साबित करने की जगह विधानसभा है और प्रभावी-प्रामाणिक बहुमत साबित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मैनडेट था भाजपा और शिवसेना की सरकार का, लेकिन बड़ी पार्टी थी भाजपा और मुख्यमंत्री का मैनडेट था योग्य और ईमानदार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास.
कानून मंत्री ने बल देते हुए कहा कि भाजपा और शिवसेना ने जब बहुमत प्राप्त किया तो ये भाजपा गठबंधन की नैतिक और चुनावी विजय थी। उन्होंने सवाल खडा किया कि चुनाव परिणाम के बाद शिवसेना किसके इशारे पर उत्तेजक हो गई थी.
उन्होंने यह भी कहा कि शरद पवार और कांग्रेस ने परिणाम के बाद बयान दिया था कि हमें विपक्ष में बैठने का जनमत मिला है। तो ये विपक्ष में बैठने का जनमत कुर्सी के लिए मैच फिक्सिंग कैसे हो गया था.
उन्होंने शिवसेना नेता संजय राउत के बयान पर कहा कि मतलब जब शिवसेना स्वार्थ भाव से प्रेरित होकर अपनी 30 साल पुरानी दोस्ती तोड़कर, अपनी विचारधारा की घोर विरोधी NCP और कांग्रेस का दामन थाम ले तो वो लोकतंत्र की हत्या नहीं है:.
श्री प्रसाद ने कहा कि कुछ लोग छत्रपति शिवाजी की विरासत की बात कर रहे हैं, उनसे मैं बस इतना कहूंगा कि सत्ता के लिए अपने विचारों से समझौता करने वाले तो कम से कम छत्रपति शिवाजी की बात न करें.
उन्होंने कहा कि जो आदरणीय बाला साहब ठाकरे के आदर्शों को जीवित नहीं रख सके उनके विषय में कुछ नहीं कहना है। महाराष्ट्र में राज्यपाल ने तीनों पार्टियों को बुलाया था। भाजपा को बुलाया तो उस समय संख्या नहीं थी। NCP और शिवसेना को बुलाया तो उन्होंने कहा कि और समय दीजिए. आज सुबह भाजपा और अजीत पवार जी के साथ NCP के तबके ने आवेदन दिया कि हमारे पास बहुमत है। उन्होंने सवाल पूछा कि क्या शिवसेना और NCP का कोई आवेदन राज्यपाल के पास अब तक था ?.