पंडित नेहरू को याद कर उनकी नीतियों पर चलने का आह्वान

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सोहना में चाचा नेहरू का जन्मदिवस धूमधाम से मनाया

सोहना :  देश के प्रथम प्रधानमंत्री और बच्चों के चाचा पं. जवाहर लाल नेहरू को आज याद किया गया। कांग्रेस की ओर से सोहना स्थित कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेसजनों ने उनकी नीतियों को याद किया व उस पर चलने आह्वान किया.
सोहना में अपने आवास पर आयोजित कार्यक्रम में पार्टी के नेता जितेंद्र कुमार भारद्वाज ने कहा कि नेहरू जी को बच्चे बहुत प्यारे थे। इसलिए वे चाचा कहलाए और उनके जन्मदिवस को पूरा भारतवर्ष बाल दिवस के रूप में मनाता आ रहा है। उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू ने अपने पूरे परिवार के साथ सारे सुख साधन छोडकर देश की आजादी के लिए काम किया और कष्ट भोगे।

 

उन्होंने लम्बे समय तक जेल काटी और एक आम आदमी का जीवन जिया। पंडित नेहरू ने प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में जो भारत के विकास की नींव रखी थी उसमें हर भारतवर्षी को बराबर का हक अधिकार और सम्मान दिया है। उनकी शुरू की गई नीतियों के कारण ही देश ने विकास की नींव तय की और जो रास्ता शुरू किया उन्हें ही आज के विशाल भारत महान भारत शिक्षित भारत, आधुनिक भारत, युवाओं के भारत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
उन्होंने कांगे्रसजनों से आह्वान किया कि वे पंडित नेहरू के बताए मार्ग पर चलते हुए धर्मनिरपेक्ष भारत को मजबूत करें। भाईचारे को मजबूत करें और महान भारत को बनाए रखने का काम करें। इसकी आजादी के बाद हर कांगे्रसजन ने चाहे सत्ता में रहा या विपक्ष में पंडित नेहरू के बताए मार्ग पर चलने और उनकी नीतियों का अपनाने का काम किया है। आने वाले दिनों में भारत पंडित नेहरू की नीतियों के कारण कामयाबी का रास्ता तय कर सकेगा।
बाद में भारद्वाज अपने कांगे्रस के साथियों के साथ सोहना में ही गुरद्वारे गए जहां उन्होंने प्रकाशोत्सव कार्यक्रम में भाग लिया और दुनिया को एकता और समानता का प्रकाश देने वाले गुरू गुरू नानक के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने सिख समाज की सेवाओं राष्ट्रभक्ति और समाज सेवा के कार्यों का भी उल्लेख किया। उन्होंने अन्य लोगों से आह्वान किया कि वे सिख समाज से सीखें। इस अवसर पर सिख समाज ने उनका स्वागत किया।
इस अवसर हरीओम सिंह छोंकर, बीर सिंह नम्बरदार, रमेश धवन, पूर्व पार्षद नन्दू, मनीष भारद्वाज, धर्मबीर बंसल, मोहन वर्मा, भूषण गर्ग, धर्म भारद्वाज, अमृत सिंह बागडी, जगदीश खाईका, सतपाल, कर्मबीर खटाना, अनिल भारद्वाज, हरपाल सरपंच, लाला त्यागी, सुभाष शर्मा, वेदप्रकाश, अनिल राघव, धन सिंह नम्बरदार, राजू तोमर, अशोक, हाजी रमजानी, ईश्वर दयाल, शैर मौहम्मद, चंद्रपुरी गौसाई, रविंद्र राघव भौंडसी, कृष्ण राघव, बोबी छोंकर, डा. नरेंद्र, नरेश नम्बरदार, शीशराम, अमित राघव, बलराम, विक्की राघव, विजय कुमार, रवि राघव, अशोक रोहिल्ला, प्रकाश वीर, कमल प्रजापत, फूल सिंहनम्बरदार, लच्छे प्रधान, अमित, मोहित तंवर, लवली एडवोकेट, कृष्ण ठेकेदार, सूबेदार शर्मा, हीरालाल, धर्मबीर सिंह, धनीराम, नरेंद्र नम्बरदार, घनश्याम, बहादुर सिंह मीणा, चंदन, ज्ञानवीर, जगमिंद्र, अंसूल, ईश्वर, रेहमूदीन, मा. भगवानचंद, बलदेव शर्मा, हरीसिंह, कृपाल सिंह, गुरमुख सिंह, मोनू तोमर, औमप्रकाश नन्हे, पवन राघव, रामेश्वर नम्बरदार, होशियार सिंह, अजय सिंह, भगवान सिंह, तैयब हुसैन, ज्ञानचंद, भीम सिंह, श्रवण कचेर, धर्मेंद्र तंवर, हेमराज बाल्मीकि, नुरी धनैला, लक्की एडवोकेट, रविंद्र सरपंच, जकरिया सरपंच, कथीरा, उसमान, मजीद, रूजदार, आबीद, सुखन, लायक राम, ओमपाल, श्रीचंद, राहुल राघव, रेहमूदीन, शमशूदीन, आस मौहम्मद, प्रमोद तंवर, विजय तंवर, हरी तंवर, भूषण सिंगला, सोनू सरदार, प्रीतम सरदार, अजीत सिंह, धर्म सिंह, दीपक सिंह, भोला सरदार, इंद्र सिंह, जोगिंद्र बागडी, कुलविंद्र, राजेंद्र बागडी, जसवंत सिंह, सुंदर सिंह सावरिया, गुरमित सिंह, बिजेंद्र खन्ना, बलविंद्र सिंह, रिंकू, गुरवचन सिंह, कृपाल सिंह, नरेश, अनूज तावडू, सब्बीर तावडू, नथोली राम सहाय, मनीष सैनी, हबीब, तैयब और मोहन शर्मा आदि भी मौजूद थे।

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