गुरुग्राम: केंद्र सरकार के पांच सौ व एक हजार के नोट को प्रचलन से बाहर किए जाने के निर्णय का श्रमिक नेता कुलदीप जांघू ने समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से अनिवार्य रूप से अनियंत्रित बाजार को काबू करने में मदद मिलेगी। ठगी व कालाबजारी पर रोक लगेगी। ज्यादा से ज्यादा लोग जब टैक्स के दायरे में आएंगे तो सरकार के पास पैसे की कमी नहीं होगी और गरीबों के लिए कल्याणकारी योजनाएं लागू करने में सहुलियत होंगी।
जांघू ने यह भी कहा कि जनता को थोड़ी परेशानी अवश्य हुई लेकिन इस निर्णय से आने वाले दिनों में जीएसटी बेहतर ढंग से लागू हो सकेगा। अवैध पैसों पर नियंत्रण से टैक्स बढ़ोतरी पर रोक लगेगी और महंगाई काबू में होगा। उन्होंने कहा कि कालाधन बेकार होने से बाजार के पारदर्शी होने की उम्मीद है।
मजदूरों-श्रमिकों मेहनतकश लोगों व कर्मचारियों की जद में आवश्यक चीजें होंगी। उन्होंने आम आदमी तक नीतियों को लाभ पहुंचे, इसके लिए सरकार नौकरशाही पर नियंत्रणऔर उसे उत्तरदायी बनाए।
श्रमिक नेता ने कहा कि श्रमिक-कर्मचारी जो थोड़े बहुत प्रतिबंधित पांच सौ या हजार के नोट रखे हैं, वे बैंकों में जाकर जरूर उसे बदल लेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि शहर के ज्यादातर एटीएम में कुछ दोनों के केवल सौ के नोट रखें जाएं। इससे बाजार में सौ के नोट ज्यादा आएंगे और लोगों की परेशानी कम होगी।