– एडीशनल म्यूनिसिपल कमिशनर वाईएस गुप्ता ने फायर विभाग के अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
गुरूग्राम । गुरूग्राम में 15 मीटर से अधिक ऊंचाई वाली सभी इमारतों का फायर एवं लाईफ सेफ्टी ऑडिट किया जाएगा। इस तरह का ऑडिट तीसरे पक्ष के ऑडिटर द्वारा किया जाएगा तथा इसकी आवृति दो वर्ष में एक बार होगी। इस बारे में शनिवार को नगर निगम कार्यालय में फायर विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित की गई।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए एडीशनल म्यूनिसिपल कमिशनर वाईएस गुप्ता ने कहा कि यह देखने में आया है कि ऊंची इमारतों, व्यवसायिक इमारतों, पटाखा कारखानों, अस्पतालों, होटलों आदि में आग की घटनाएं बढ़ रही हैं। दिल्ली के बवाना इंडस्ट्रियल एरिया और करोलबाग के एक होटल, मुंबई के कमर्शियल कॉम्पलैक्स, लखनऊ के होटल, तेलंगाना में क्रैकर फैक्टर, सूरत में कोचिंग सैंटर आदि में ताजा आग की घटनाओं ने वर्ष 2018-19 में संपत्ति एवं जीवन की भारी हानि की सूचना दी है। आग की इन घटनाओं ने शहरी क्षेत्रों में जीवन एवं संपत्ति की सुरक्षा के अलावा प्रभावी आग से बचाव के उपाय करने की आवश्यकता पर बल दिया है। इसलिए ऐसे परिसरों एवं संरचनाओं के नियमित निरीक्षण/ऑडिट को फायर सेफ्टी मानदंडों के अनुसार किया जाना आवश्यक है, जिससे ऐसी घटनाओं को कम करने में मदद मिल सके। इस संबंध में भारत के राष्ट्रीय भवन संहिता(एनबीसी)-2016, अग्नि एवं जीवन सुरक्ष उपायों भाग-4 में अग्नि एवं जीवन सुरक्षा लेखा परीक्षा का प्रावधान है।
बैठक में कहा कि इन तथ्यों को मद्देनजर रखते हुए सभी 15 मीटर व उससे अधिक ऊंचाई की इमारतों और हरियाणा अग्निशमन सेवा अधिनियम-2009 के अनुसार इमारतों के अन्य वर्गों और कब्जे वाले अन्य वर्गों के मालिकों पर यह लागू है कि वे अपने भवनों की अग्नि और जीवन सुरक्षा ऑडिट को तुरंत करने की व्यवस्था करें। यदि कोई उल्लंघन करता है, तो नगर निगम गुरूग्राम के अग्निशमन विभाग द्वारा प्रावधानों के अनुसार जुर्माना लगाया जाएगा। अग्निशमन विभाग ऐसी संपत्ति को अपने में शामिल भी कर सकता है। यदि ऐसी किसी भी 15 मीटर व 15 मीटर से अधिक ऊंचाई के भवन मालिक ऑडिट नहीं करवाते हैं, तो अग्निशमन विभाग ऑडिट की व्यवस्था करेगा, जिसके खर्चों की भरपाई उस भवन के मालिक से की जाएगी।
श्री गुप्ता ने ऊंची ईमारतों, वाणिज्यिक भवनों, पटाखा कारखानों, अस्पताल, होटल, कोचिंग सैंटर मालिकों से आह्वान किया कि वे अपनी स्वयं की तथा उनके यहां कार्य करने वाले एवं आने वाले लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अग्नि और जीवन सुरक्षा ऑडिट जरूर करवाएं। अगर कोई ऐसा नहीं करता है, तो अग्निशमन विभाग द्वारा ऐसी संपत्तियों को सील किया जाएगा तथा संंबंधित नियमों के तहत अन्य कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि अग्नि और जीवन सुरक्ष ऑडिट करवाकर ना केवल सुरक्षित रहें, बल्कि दंड प्रावधानों से भी बचें। इस बारे में नगर निगम गुरूग्राम द्वारा समाचार पत्रों में भी सार्वजनिक सूचना प्रकाशित करवाई जा चुकी है। इस प्रकार सभी भवन मालिकों से अपील की है कि वे अपने भवनों में आवश्यक अग्नि सुरक्षा उपकरण का प्रबंध करें, ताकि किसी भी आपात स्थिति में उनके भवन व भवन में रहने वाले और अन्य व्यक्तियों की जान की सुरक्षा हो सके