सीसीटीवी फुटेज से हुआ खुलासा
दोनों में हाथापाई हुई थी और इस दौरान मुस्लिम युवक की टोपी गिर गई
युवक ने खुद ही टोपी को उठाकर जेब में रख लिया था
शराब के नशे में हुई मारपीट की मामूली सी घटना थी
गुरुग्राम। गुरुग्राम पुलिस ने दो दिन पूर्व वायरल हुई कथित घटना से पर्दा उठा दिया है। हरियाणा के प्रमुख शहर गुरुग्राम के सदर बाजार स्थित जामा मस्जिद के पास कथित तौर पर एक मुस्लिम युवक की टोपी फेंकने और उससे जबरन ‘जय श्रीराम’ बुलवाने के कथित मामले में नया मोड़ आ गया है। इस मामले को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच सोमवार को जमकर सियासत हुई थी जिसका असर पुलिस व प्रशासन पर भी पड़ा। पुलिस सक्रिय हुई और मामले की तह तक जाने की पूरी कोशिश हुई। पुलिस ने अब मुस्लिम युवक की कथित पिटाई के मामले में सबूतों के साथ चौकाने वाला खुलासा किया है।
पुलिस की जांच में पाया गया है कि मुस्लिम युवक मोहम्मद बरकत अली के साथ मारपीट की घटना तो हुई थी, लेकिन उसकी टोपी फेंकने या गई उसका कुर्ता फाड़ने जैसी कोई घटना नहीं हुई थी। पुलिस सूत्रों कहना है कि प्रारंभिक जांच में सीसीटीवी फुटेज देखने पर मालूम हुआ है कि युवक का टोपी फेंकने और कुर्ता फाड़ने का आरोप सही नहीं है। इस मामले में युवक ने गलत बयानी की है और इसे अनावश्यक तूल देने की कोशिश की गई। मुस्लिम युवक को आरोपी ने नहीं, बल्कि एक अन्य युवक ने रोका था।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि सीसीटीवी से यह स्पष्ट हो गया है कि कहासुनी के बाद दोनों में हाथापाई हुई थी और इस दौरान मुस्लिम युवक की टोपी गिर गई थी। युवक ने खुद ही टोपी को उठाकर जेब में रख लिया था। उसे किसी ने हाथ नहीं लगाया। मामले को सुलझाने के लिए पुलिस ने 24 घंटे के अंदर कम से कम 50 सीसीटीवी फुटेज खंगाले हैं।
पुलिस ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व छोटी सी मारपीट की घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं, जबकी ये शराब के नशे में हुई मारपीट की मामूली सी घटना है। जानकारी के अनुसार गुरुग्राम पुलिस ने इस मामले में अब तक 15 लोगों को हिरासत में लिया है। पूछताछ चल रही है। इससे और भी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
इस खुलासे से दी दिनों से चल रहा वाकयुद्ध अब थमने के आसार हैं। कथित घटना पर कई बड़े नेताओं जिनमें दिल्ली भजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी और पूर्वी दिल्ली के नवनिर्वाचित भाजपा सांसद गौतम गंभीर भी शामिल हैं। विपक्ष को अभी लोकसभा चुनाव के तत्काल बाद ही ऐसा मुद्दा हाथ लग गया कि इसे साम्प्रदायिक रंग देने में जुट गए। हालाकिं गुरुग्राम पुलिस ने स्थिति को सभला। उम्मीद यह जताई जा रही है कि अब गलत बयानी कर स्थिति को भड़काने की कोशिश करने वाले मुस्लिम युवक के खिलाफ भी पुलिस कार्रवाई कर सकती है। लोग इस बात की भी मांग और रहे हैं कि साम्प्रदायिक रंग देने का प्रयास करने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए जिससे आगे ऐसी जुर्रत कोई नही करे।