नई दिल्ली। चीज जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी ने जांच में शामिल होने से इनकार कर दिया है। शिकायतकर्ता महिला ने मंगलवार कहा कि वह तीन जजों के हाउस पैनल की जांच में शामिल नहीं होगी। इस मामले की तीसरी सुनवाई मंगलवार को हुई है। इस दौरान महिला ने जांच में शामिल होने से इनकार किया।
सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्व कर्मचारी ने सुप्रीम कोर्ट के 22 जजों को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने अक्टूबर 2018 में उनका यौन उत्पीड़न किया था। महिला अदालत में जूनियर कोर्ट असिस्टेंट के पद पर काम कर रही थी।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों की आंतरिक जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम जज न्यायमूर्ति एसए बोबडे की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। इस समिति में जस्टिस बोबडे के अलावा जस्टिस एनवी रमण और जस्टिस इंदिरा बनर्जी को शामिल हैं। 26 अप्रैल को इस मामले में बनी जांच समिति की पहली बैठक हुई और पीड़िता समिति के समक्ष पेश हुई।
एक एनजीओ ‘एंटी करप्शन काउंसिल ऑफ इंडिया’ ने दिल्ली हाईकोर्ट न्यायालय में याचिका दाखिल कर मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को मीडिया में प्रकाशित करने पर रोक लगाने की मांग की है। याचिका में जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को प्रकाशित, प्रसारित करने से मीडिया पर तब तक रोक लगाने की मांग की गई है, जब तक तीन न्यायाधीशों वाली जांच समिति किसी नतीजे तक नहीं पहुंच जाती है।