एन टी पी सी अब उन राज्यों को 85 प्रतिशत बिजली बेच सकेगी जहां उत्पादन इकाई स्थित है

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एनटीपीसी लिमिटेड के तेलंगाना सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट (4000 मेगावॉट) से उत्पादित 85 प्रतिशत बिजली तेलंगाना सरकार को देने की मंजूरी दी है। साथ ही एनटीपीसी लिमिटेड की अनुषंगी कंपनी पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (पीवीयूएनएल) के पतरातू थर्मल पावर स्टेशन (4000 मेगावॉट) की विस्तारित परियोजना से 85 प्रतिशत बिजली झारखंड सरकार को देने के विद्युत मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

विवरण:

दोनों परियोजनाएं दो चरणों में स्थापित की जा रही हैं। तेलंगाना सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट पेडापल्ली जिले के रामागुंडम में और पतरातू थर्मल पावर स्टेशन झारखंड के रामगढ़ जिले के पतरातू में लगाई जाएगी। टीएसटीपीपी के पहले चरण में दो इकाइयां होंगी, जिनमें से प्रत्येक की क्षमता 800 मेगावॉट होगी। दूसरे चरण में तीन इकाइयां होगीं, जिनमें से प्रत्येक की क्षमता 800 मेगावॉट होगी। पतरातू थर्मल पावर स्टेशन (पीटीपीएस) में पहले चरण में तीन इकाइयां होंगी, जिनमें से प्रत्येक की क्षमता 800 मेगावॉट होगी, जबकि दूसरे चरण में दो इकाइयां होंगी, जिनमें से प्रत्येक की क्षमता 800 मेगावॉट होगी।

आन्ध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 टीपीसी को तेलंगाना राज्य में 4000 मेगावॉट क्षमता वाली विद्युत सुविधा स्थापित करने का अधिकार देता है जैसा कि अधिनियम की 13वीं अनुसूची में उल्लिखित है।

पीटीपीएस विस्तारित परियोजना (4000 मेगावॉट) की ओर से 85 प्रतिशत बिजली का आवंटन झारखंड सरकार और एनटीपीसी के बीच पीटीपीएस की 4000 मेगावॉट क्षमता के विस्तार के लिए संयुक्त उद्यम समझौते की प्रमुख शर्त थी।

वर्तमान में, दोनों परियोनजाओं का चरण-1 निर्माणाधीन अवस्था में है। तेलंगाना सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट के 2020-21 की तीसरी तिमाही में चालू हो जाने की संभावना है। 29.01.2016 को स्वीकृत निवेश के अनुसार, तेलंगाना सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट (टीएसटीपीपी) की सांकेतिक समापन लागत 11811.26 करोड़ रुपये है, जिसमें से मार्च, 2018 तक 1849 करोड़ रुपये की राशि व्यय हो चुकी है।

इसके अलावा पतरातू सुपर थर्मल पावर स्टेशन का चरण-1 2022-23 की चौथी तिमाही में चालू हो जाने की संभावना है। 30.10.2017 को स्वीकृत निवेश के अनुसार, पीटीपीएस विस्तारित परियोजना की सांकेतिक समापन लागत 18668 करोड़ रुपये है, जिसमें से मार्च, 2018 तक 247.66 करोड़ रुपये की राशि व्यय हो चुकी है।

प्रभाव :

टीएसटीपीपी की ओर से तेलंगाना राज्य को बिजली का अधिक आवंटन यह सुनिश्चित करेगा की केंद्र सरकार ने आन्ध्र प्रदेश पुनर्गठन की 13वीं अनुसूची के अनुसार परवर्ती राज्य की प्रगति और सतत विकास के लिए आवश्यक उपाय किये हैं। पीटीपीएस की ओर से झारखंड को बिजली का अधिक आवंटन राज्य में बिजली की स्थिति में सुधार लाने में मददगार साबित होगा। यह सभी को बिजली उपलब्ध कराने के सरकार के मिशन में सहायक होगा।

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