सुभाष चौधरी
गुरुग्राम : कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेस वे के उद्घाटन के लिए आयोजित भाजपा की रैली को देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में केंदीय मंत्री राव इन्द्रजीत लूट ले गए. रैली की सफलता के लिए दिन रात एक करने वाले प्रदेश के केबिनेट मंत्री राव नरबीर हाथ मलते रह गए. इन्द्रजीत के तीखे और कटाक्ष भरे भाषण की काट करने में सीएम मनोहर लाल को भी 21 मिनट तक पीएम और क्षेत्र की जनता के सामने सफाई देनी पड़ी. राजनीतिक रूप से बेहद अहम् इस रैली में बड़े राव ने केन्द्र सरकार की योजनाओं की फेहरिस्त गिना कर सीएम को पुरजोर नीचा दिखाया और जनता की नजर में अपने तल्ख़ लहजे से हीरो बन गए.
यह कहने में कोई अतिश्योक्ति नहीं कि बड़े राव ने एक मंजे हुए खिलाड़ी की तरह आज की सुल्तानपुर रैली का भरपूर फायदा उठाया. जनता में यह सन्देश देने में कामयाब रहे कि वे अपनी शर्तों पर राजनीति करते रहे हैं और आगे भी करेंगे. इस रैली में पहुंची हजारों की भीड़ उनके भाषण से भौंचक थी कारण स्पष्ट था कि उन्होंने पीएम मोदी के सामने ही अपनी ही प्रदेश सरकार के विकास के दावे की पोल खोल दी. जाहिर है उन्होंने जनता की भरपूर तालियाँ भी बटोरी. उनका व जनता के साथ ऐसा तारतम्य देख मंच संचालन करने वाले ने मंत्री जी को समय का ख़याल कराने वाली पर्ची थमा दी और मजबूरन उन्हें अपना भाषण ख़त्म करना पडा. लोगों ने यह अच्छी तरह भांप लिया कि उन्हें बोलने से रोका गया। मुख्यमंत्री खेमे को इस बात का अहसास थोड़ी देर में हुआ कि राव साहब आज पूरी फाइल लेकर आये हैं और सारा खेल बिगड़ कर ही दम लेंगे। इसलिये अगर इन्हें अब नहीं रोका गया तो क्षेत्र की जनता इस बात से वाकिफ हो जायेगी कि काम तो केंद्र सरकार करवा रही है और क्रेडिट मनोहर लाल लेने में जुटे हैं. हालांकि कुछ देर के भाषण से ही पीएम के सामने इस बात का खुलासा हो गया कि हरियाणा भाजपा में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. बहरहाल केन्द्रीय मंत्री इस मंशा में पूरी तरह कामयाब हो गए क्योंकि सीएम खेमे को उनकी कहानी का प्लाट समझने में थोड़ी देर हो गयी.
उन्होंने एक तरफ पीएम मोदी का स्वागत किया तो दूसरी तरफ सीएम मनोहर लाल पर अप्रत्यक्ष लेकिन तीखा हमला बोल दिया. अब तक चार बार लोक सभा चुनाव में विजयी होने की अपनी संसदीय राजनीतिक यात्रा की चर्चा करते उन्होंने यह साफ कर दिया कि इससे पहले भी वे यहां से तीन बार सांसद बन चुके हैं और जनता उनके साथ है। चौथी बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े और जनता ने ही उन्हें कामयाब बनाया। इस दौरान हालांकि उन्होंने पीएम को संबोधित करते हुए एक बार यह भी कहा की जनता के समर्थन और आपके आशीर्वाद से जीता।
हालांकि सीएम मनोहर लाल और केंद्रीय मंत्री रॉव इंद्रजीत के बीच गुरुग्राम के विकास को को मूर्त रूप देने के तौर तरीके को लेकर तनातनी जगजाहिर रही है लेकिन किसी को इस बात का अहसास नहीं था कि पीएम के सामने भी वे अपना विद्रोही तेवर बरकरार रखेंगे।उनके भाषण के लहजे से असहज सीएम मनोहर लाल पीएम से कुछ कहते नजर आए। सम्भव है सीएम ने पीएम के समक्ष अरावली के पानी की व्यवस्था को लेकर स्थिति स्पष्ट की हो। इस मामले को तूल देते हुए साफ शब्दों में रॉव इंद्रजीत ने कहा कि वे जितने करीब से गुरुग्राम को जानते हैं शायद दूसरा नहीं. उनका कहना था कि गुरुग्राम कभी कस्बा नुमा शहर था और विकास के पथ पर चलते हुए इस क्षेत्र ने बहुत कुछ खोया भी. सीधे प्रधान मंत्री को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों की केवल एक ही नीति रही थी यहाँ की जमीन बेच कर मुनाफा कमाया जाए.
उन्होंने यह कह कर चेताया कि प्रदेश में भाजपा की अपनी बहुमत वाली पहली बार सरकार बनी और लोगों को उम्मीदें थीं कि इस क्षेत्र के साथ इन्साफ होगा क्योंकि गुरुग्राम , हरियाणा के खजाने में सर्वाधिक योगदान करने वाला जिला है. अपने पूरे भाषण में उन्होंने जीएमडीए गठन को लेकर मुख्यमंत्री की एक बार सराहना तो की लेकिन शिकायती लहजे में और कहा कि जिस आरावाली के पानी के कारण यहाँ सड़कें बाधित होती थी उसे अब सीधे यमुना में ले जाने का अव्यावहारिक एवं अदूरदर्शी फैसला लिया गया। सरकार के इस काम की आलोचना करने वाले राव इंद्रजीत के इस बयान का तालियां बजा कर उपस्थित जनसमुदाय ने समर्थन कर दिया। उन्होंने ध्यान दिलाया कि इस इलाके की कई झील पानी के अभाव में सूख गई और एक मात्र सुल्तानपुर झील अब अपने हाल पर रो रही है। उन्होंने पीएम का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने अरावली के पानी को यमुना में डालने का इंतजाम कर दिया है। लोग उनके इस लहजे को देख कर आश्चर्यचकित थे कि यह उन्होंने सीधे सीएम से मांग करने के बजाय पीएम से कहा कि मैं आपके माध्यम से सीएम से मांग करता हूँ कि अरावली के पानी को सुल्तानपुर झील में डालने की व्यवस्था कराई जाय। इस पर जनता भी तालियां बजा कर इंद्रजीत के साथ खड़ी दिखी। जबकि मंच पर बैठे पीएम मोदी बारबार यह देखते देखे गए कि इंद्रजीत के भाषण के दौरान किस दिशा से और कितने लोग तालियां बजा रहे हैं। कयास यह लगाए जा रहे हैं कि पीएम ने तालियां बजाने वाले की संख्या से यह तो अवश्य भांप लिया कि केंद्रीय मंत्री की कितनी पकड़ क्षेत्र की जनता पर है।
इसके साथ ही उन्होंने उन योजनाओं का जिक्र शुरू कर दिया जो गुरुग्राम या आसपास के इलाके में निर्माणाधीन हैं या प्रस्तावित हैं। ऐसा लग रहा था जैसे उन्होंने अपनी कहानी का प्लाट पहले ही तैयार कर लिया। उन्होंने प्रदेश सरकार की किसी भी योजना का नाम नहीं लिया बल्कि एक एक कर उन योजनाओं का जिक्र करना शुरु कर दिया जो केंद्र सरकार कें पैसे से चल रही है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि 6400 करोड़ की लागत वाले के एम पी एक्सप्रेस वे का निर्माण हो या भारत माला प्रोजेक्ट के तहत 9 हजार करोड़ के दिल्ली बड़ौदा एक्सप्रेस वे या फिर 7 हजार करोड़ के कैथल नारनौल कोटपूतली एक्सप्रेस वे के निर्माण की योजना सभी केंद्र सरकार की मेहरबानी से हो रहे हैं। उनके कहने का आशय स्पष्ट था कि इनमें राज्य सरकार की अपनी पीठ थपथपाने की कोशिश करना बेमानी है। यहां तक कि 1688 करोड़ का गुरुग्राम सोहना 6 लेन मार्ग, 7 हाजर करोड़ से बनने वाला 6 लेन का द्वारका एक्सप्रेस मार्ग, रेवाड़ी बायपास, और हरियाणा में बनने वाले सभी नेशनल हाई वे मोदी जी और भारत सरकार की कृपा से ही बन रहे हैं फिर मनोहर लाल सरकार या फिर पीडब्ल्यूडी मंत्री राव नरबीर की इसमें क्या भूमिका है। उन्होंने इलाके के पूर्व सैनिकों को भी लुभाने के लिए वन रेंक वन पेंशन की 12 हजार करोड़ वाली घोषणा और उस पर केंद्र सरकार के अमल का जिक्र किया।
केंद्रीय मंत्री ने इन बिंदुओं का जिक्र कर यह जाता दिया कि केंद्र की सभी योजनाएं व पैसे तो उनकी कोशिश से मिले हैं इसमें राज्य सरकार क्रेडिट लेने की नाहक कोशिश नहीं करे। मंत्री ने पीएम द्वारा स्वच्छ भारत, आयुष्मान योजना की भी चर्चा करते हुए यह दर्शाने का प्रयास किया कि इनमें भी भारत सरकार ही मुख्य भूमिका में है। यह भी ध्यान दिलाया कि दक्षिण हरियाणा जो सूखाग्रस्त क्षेत्र रहा है के लिए एस वाई एल नहर के लिए प्रेसिडेंटियल रेफरेंस पर काम भी मोदी जी की मेहरबानी से हो रहा है और उम्मीद बंधी है कि पानी यहां के लोगों को मिलेगा।
राव साहब ने पीएम को भी उनकी घोषणा की याद दिलाते हुए हरियाणा में भी दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की तरह एक अस्पताल स्थापित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों की तरह हरियाणा को भी यह अस्पताल मिलना चाहिए। इस मांग पर भी खूब तालियां बजी और राजनीतिक रूप से बाजी पलटती हुई दिखी।
केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत के भाषण के दौरान सीएम मनोहर लाल बारबार पीएम मोदी से चर्चा करते दिखे। उनके बॉडी लैंग्वेज से यह स्पष्ट हो रहा था कि वे असहज हो रहे है और उन्हें स्पष्टीकरण देना पर रहा है। हालांकि उनकी यह असहजता बाद में उनके भाषण से भी पता चली जब उन्होंने लगातार 21 मिनट के बयान में राव इंद्रजीत द्वारा बताई की गई उन सभी योजनाओं में एक भी जिक्र नहीं कर पाए जो केंद्र के सहयोग से निर्मित हो रही हैं या निर्माण प्रस्तावित हैं। उनके भाषण से प्रतीत हुआ कि उन्हें आज सफाई देनी पड़ रही है और वे बड़े राव की चाल के आगे फंस गए । सीएम मनोहर लाल की इस मनःस्थिति का भान लोगों को इस बात से भी लग गया जब उन्होंने संबोधन के आरंभ में प्रदेश के राज्यपाल का नाम गलत बोल दिया।
लोगों को यह भी नागवार गुजरा कि सीएम ने राव इंद्रजीत द्वारा दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की तरह एक अस्पताल स्थापित करने की मांग का न तो समर्थन किया और न ही इस मंच से पीएम से इसमें मदद मांगी। बल्कि हिसार के एयरपोर्ट के विकास की अपनी अलग मांग रख दी।जाहिर यह दोनों नेताओं के बीच तालमेल के सर्वथा अभाव को दर्शाता है जबकि विकास कार्यों का क्रेडिट लेने की होड़ के कारण गहरे वैचारिक मतभेद भी।
जब सीएम मनोहर लाल भाषण दे रहे थे तब राव इंद्रजीत लगातार पीएम नरेंद्र मोदी से बात करते दिखे। दोनों कई बार चर्चा करते हुए खिलखिला कर हँसे भी। 15 से 20 मिनट तक दोनों के बीच हुई बातचीत का व्योरा तो स्पष्ट नहीं हो सका लेकिन कयास के बाजार गरम हैं कि राव साहब ने तब भी अपनी बात मजबूती से रखी और प्रदेश सरकार की खामियों को ही उजागर किया।
यह अलग बात है कि पीएम मोदी ने अपने भाषण में राव इंद्रजीत की अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान अस्पताल की मांग का जिक्र तक नहीं किया। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि प्राधान मंत्री ने उनकी मांग को तवज्जो नहीं दी।
इस पूरे घटनाक्रम में प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर मूक दर्शक बने रहे। न तो उन्हें बोलने की इजाजत मिली और न ही पीएम से दो बात करने का मौका।कुल मिलाकर जनता ने यह दृश्य देख कर आसानी से अर्थ लगा लिया कि राव इंद्रजीत दबने वाले नेताओं में से नहीं बल्कि अपनी बातों को किसी भी मंच से मजबूती से रखने वाले व्यक्ति है। जाहिर है जनता को उनका यह प्रदर्शन भा गया और वे इस रैली के हीरो बन गए। एक तरफ उन्होंने सीएम को डिफेंशिव मोड़ में जाने को मजबूर कर दिया तो दूसरी तरफ राव नरबीर को उनके बराबर में ला खड़ा करने की सीएम खेमें की कोशिश को अपने विद्रोही तेवर से तगड़ा झटका दे दिया। एक सोची समझी रणनीति के तहत वे इस जनसभा को पूरी तरह लूट ले गए।