विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ और यौन उत्पीड़न की घटनाओं की जांच की मांग की
छग : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने हिदायतुल्ला विधि विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ और यौन उत्पीड़न की घटनाओं की जांच की मांग को लेकर चलाये जा रहे आंदोलन के साथ समर्थन और एकजुटता व्यक्त करते हुए कुलपति सुखपाल सिंह के इस्तीफे की मांग की है. पार्टी ने कहा है कि बहुमत छात्रों द्वारा उनके खिलाफ ‘अविश्वास’ जाहिर करने के बाद उन्हें इस पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं बनता.
आज यहां जारी एक बयान में माकपा राज्य सचिवमंडल ने कहा है कि कुलपति के खिलाफ भ्रष्टाचार के दस्तावेजी सबूत भी छात्रों ने कुलाधिपति को सौंप दिए हैं. इन दस्तावेजों से स्पष्ट हैं कि विवि प्रबंधन और कुलपति न केवल भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, बल्कि विवि में स्वस्थ शैक्षणिक वातावरण भी बनाए रखने में विफल रहे हैं. स्थिति यह है कि विवि पर्याप्त प्राध्यापकों के अभाव से भी जूझ रहा है और छात्रों की पढाई प्रभावित हो रही है.
माकपा राज्य सचिव संजय पराते ने कहा है कि छात्राओं और महिला प्राध्यापकों के साथ यौन उत्पीड़न की गंभीर घटनाएं हुई हैं, लेकिन दोषी लोगों के खिलाफ कार्यवाही करने के बजाये कुलपति ने उन्हें माफ़ कर दिया है. यौन उत्पीड़न के अपराधियों को बचाने का उनका यह अपराध ही उन्हें इस पद के योग्य कर देता है. लेकिन इसके बावजूद यदि वे इस पद पर जमे हुए हैं, तो यह उनकी पद लोलुपता को ही बताता है.
माकपा ने इस तथ्य को रेखांकित किया है कि देश में उच्च शिक्षा के सभी संस्थानों को जिस तरह नष्ट करने का सुनियोजित प्रयास किया जा रहा है और संघी विचारधारा के लोगों को उच्च अकादमिक पदों पर बिठाया जा रहा है, उसके चलते इन शिक्षा संस्थाओं के अकादमिक स्तर में तेजी से गिरावट आ रही है. हिदायतुल्ला विवि में भ्रष्ट कुलपति को बनाए रखने की सरकार की जिद इसी साजिश का हिस्सा है. माकपा ने विश्वविद्यालय की स्वायत्तता को बचाने तथा इसकी शैक्षणिक प्रतिष्ठा की रक्षा करने के लिए विवि के कुलाधिपति न्यायाधीश से तुरंत सकारात्मक हस्तक्षेप करने की भी अपील की है.