नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री आवास पर राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार, 2017 के विजेताओं के साथ बातचीत की। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री ने देश में शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर करने की दिशा में किए गए उल्लेखनीय प्रयासों के लिए पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी। उन्होंने शिक्षा के प्रति समर्पण के साथ-साथ इसे जीवन मंत्र बनाने के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने कहा कि एक शिक्षक आजीवन ज्ञान की धारा से जुड़े रहते हैं।
प्रधानमंत्री ने बातचीत के दौरान पुरस्कार विजेताओं से समुदाय को एकजुट करने और उन्हें स्कूलों में सुव्यवस्थित विकास का एक अभिन्न अंग बनाने का अनुरोध किया। उन्होंने शिक्षकों से विशेषकर गरीब और ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले विद्यार्थियों की अंतर्निहित प्रतिभा को निखारने की दिशा में काम करने का आह्वान भी किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षाविशारदों को गुरु एवं शिष्य की प्राचीन पावन परंपरा को फिर से स्थापित करने की दिशा में काम करना चाहिए, ताकि विद्यार्थीगण आजीवन अपने शिक्षकों को स्मरण करें। उन्होंने शिक्षकों को अपने स्कूलों एवं उसके आसपास के माहौल में डिजिटल बदलाव लाने के लिए भी प्रोत्साहित किया।
प्रधानमंत्री के साथ बातचीत करते हुए पुरस्कार विजेताओं ने अपने स्कूलों को शिक्षण एवं उत्कृष्टता केन्द्र में तब्दील करने से जुड़ी प्रेरणादायक गाथाएं सुनाईं। उन्होंने नई ऑनलाइन मनोनयन प्रक्रिया के साथ-साथ डिजिटल इंडिया जैसी योजनाओं के लिए भी प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया, जो देश भर में स्कूली शिक्षा में व्यापक गुणात्मक बदलाव ला रही हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस वर्ष राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए शिक्षकों के चयन से जुड़े दिशा-निर्देशों में संशोधन किए थे। नई योजना में स्व-मनोनयन की परिकल्पना की गई है और यह प्रमुख राष्ट्रीय पुरस्कारों में हालिया नवाचारों से प्रेरित है। यह योजना पारदर्शी एवं निष्पक्ष है और इसके तहत उत्कृष्टता एवं बेहतरीन प्रदर्शन को पुरस्कृत किया जाता है।