छह माह के अंदर संसद से लेनी होगी मंजूरी
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की राहें अलग होने के बाद तीन साल पुरानी राज्य सरकार गिर गयी और यहां अब राज्य में राज्यपाल शासन लागू हो गया है। उल्लेखनीय है कि सीएम महबूबा मुफ्ती के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद घाटी में 8वीं बार राज्यपाल शासन लग गया है जबकि एन एन वोहरा के कार्यकाल में चौथी बार राज्यपाल शासन लगाया गया। यह राज्य के लिए एक रिकॉर्ड होगा।
खबर है कि जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एन एन वोहरा की रिपोर्ट को राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है। राज्य में 6 महीने तक राज्यपाल शासन रहने की संभावना है क्योंकि इससे पहले केंद्र सरकार को इसके किये संसद में मंजूरी लेनी पड़ेगी। संसद में विपक्ष के तीखे हमले झेलने पड़ेंगे जबकि राष्ट्रपति शासन लगाने के प्रस्ताव को पारित कराने में भी कठिनाई होगी क्योंकि शिवसेना जैसी सहयोगी पार्टियों का समर्थन मुश्किल से ही मिलेगा।
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार इससे पहले मंगलवार को सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ विचार विमर्श करने के बाद राज्यपाल वोहरा ने जम्मू कश्मीर के संविधान की धारा 92 के तहत राज्यपाल शासन लगाने के लिए राष्ट्रपति को अपनी रिपोर्ट भेजी थी। यह चौथा मौका है जब एन एन वोहरा के राज्यपाल के रूप में कार्यकाल के दौरान जम्मू कश्मीर में केन्द्रीय शासन लगाया गया है। एनएन वोहरा 25 जून 2008 से जम्मू कश्मीर के राज्यपाल हैं।
वोहरा ने राज्यपाल शासन लागू करने के लिए राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को अपनी रिपोर्ट भेजी थी। मंगलवार को ही गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गृह सचिव राजीव गाबा, सिक्योरिटी एडवाइजर अजीत डोभाल और खुफिया ब्यूरो एवं उनके मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की थी। जम्मू कश्मीर में कानून व्यवस्था की स्थिति का आकलन कर राष्ट्रपति शासन लगाने का निर्णय लिया।