विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसरों की सीधी भर्ती के लिए पीएच.डी डिग्री अनिवार्य : प्रकाश जावडेकर
एक जुलाई 2021 से नए नियम होंगे लागू
सुभाष चौधरी/प्रधान संपादक
नई दिल्ली। विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में योग्य शिक्षकों की भर्ती के लिए यूजीसी ने नए नियम बनाये हैं। इससे उच्च गुणवत्ता संपन्न शिक्षकों तथा अन्य शैक्षिक स्टॉफ को आकर्षित करने और उन्हें बनाए रखने में मदद मिलेगी। यह नया नियम आगामी 1 जुलाई से लागू होगा। यह जानकारी मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आज नई दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए दी।
नियमों की विशेषताएं :
2010 के नियम और बाद के संशोधनों में शिक्षको के प्रोत्साहन संबंधी प्रावधान बने रहेंगे। इनमें एम.फिल/पीएच.डी के लिए प्रोत्साहन शामिल है.।
एपीआई आधारित पीबीएएस प्रणाली समाप्त कर दी गई है। एक नई सरल शिक्षक मूल्यांकन ग्रेडिंग प्रणाली लागू की गई है और शोध कार्य में सुधार के लिए विश्वविद्यालयों के लिए शोध अंक जोड़े गए है।
विश्वविद्यालयों शिक्षकों के लिए सीएएस के अंतर्गत पदोन्नति मानक को और अधिक शोध केन्द्रित बनाया गया है, जबकि कॉलेज शिक्षकों के मामले में सीएएस मानक में शिक्षण पर अधिक फोकस किया गया है।
पहली बार कॉलेजों में प्रोफेसर स्तर तक पदोन्नति के लिए प्रावधान किया गया है।
शीर्ष 500 ग्लोबल रैंकिंग के विश्वविद्यालय/संस्थान से पीएच.डी डिग्री प्राप्तकर्ताओं के लिए विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर की भर्ती के लिए विशेष प्रावधान किया गया है।
नियम में विश्वविद्यालयों/कॉलेजों/उच्च शिक्षण संस्थानों में सहायक प्रोफेसर की नई भर्ती के लिए एक महीने के इंडक्शन कार्यक्रम को लागू करने का प्रावधान है।
01.07.2021 से कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर (सेलेक्शन ग्रेड) पद पर पदोन्नति के लिए पीएच.डी डिग्री को अनिवार्य बना दिया गया है। 01.07.2021 से विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसरों की सीधी भर्ती के लिए पीएचडी डिग्री अनिवार्य होगी।
पहली बार विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में एमओओसी तथा ई-कंटेंट के मामले में सीएएस के लिए भारिता (वेटेज) निर्धारित की गई है।
शोध सुविधाएं, कौशल तथा संरचना साझा करने के लिए राज्य के अंदर विश्वविद्यालयों में रिसर्च क्लास्टर बनाए जाएंगे ताकि संसाधनों का अधिकतम उपयोग हो सके और उच्च शिक्षण संस्थानों के बीच तालमेल बन सके।
विश्वविद्यालयों में प्रोफेसरों की वर्तमान स्वीकृत संख्या के दस प्रतिशत तक वरिष्ठ प्रोफेसरों के रूप में नियुक्ति की जाएगी। विश्वविद्यालयों में वरिष्ठ प्रोफेसरों की नियुक्त सीधी भर्ती के माध्यम से तथा सीएएस के अंतर्गत पदोन्नति के जरिए होगी।
कॉलेज शिक्षकों को पीएचडी/एम.फिल स्कॉलरों के शोध निरीक्षण के लिए विश्वविद्यालय अनुमति देंगे और आवश्यकता आधारित सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे।
खेलों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से सहायक निदेशक/कॉलेज निदेशक, शारीरिक शिक्षा तथा खेल और उप-निदेशक, शारीरिक शिक्षा और खेल के लिए पात्रता मानक में ओलंपिक, एशियाई खेलों तथा राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेताओं की विशेष श्रेणी बनाई गई है।
नोटः 01 जूलाई, 2021 से विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के पद पर सीधी भर्ती के लिए पीएचडी डिग्री अनिवार्य होगी, लेकिन नेट और पीएच.डी डिग्री के साथ स्नातकोत्तर डिग्री कॉलेजों में सहायक प्रोफेसरों के पद पर सीधी भर्ती के लिए न्यूनतम पात्रता मानक बनी रहेगी।